Muzafarnagar: सेवानिवृत्त इंजीनियर से 33.33 लाख की ठगी करने वाले दो साइबर ठग गिरफ्तार, मास्टरमाइंड अब भी फरार
मुजफ्फरनगर पुलिस ने सेवानिवृत्त इंजीनियर से 33.33 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। ट्राई अधिकारी बनकर उन्हें 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया था। ठगी का मास्टरमाइंड अभी फरार है।

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मुजफ्फरनगर में साइबर क्राइम पुलिस ने सेवानिवृत्त पीडब्ल्यूडी इंजीनियर को 33.33 लाख रुपये का चूना लगाने वाले गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने खुद को ट्राई अधिकारी बताकर इंजीनियर को 48 घंटे से अधिक समय तक डिजिटल अरेस्ट में रखा था।

एसएसपी संजय वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से 95,500 रुपये नकद, 39 सिमकार्ड, 21 एटीएम-डेबिट कार्ड, 15 बैंक पासबुक, 13 मोबाइल फोन, 3 चेकबुक, एक वाईफाई राउटर और एक स्कूटी बरामद की गई है।
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गिरफ्तार किए गए आरोपी निखिल (32) देहरादून निवासी और हरप्रीत सिंह उर्फ हर्ष छत्तीसगढ़ निवासी है। पुलिस के अनुसार इस गिरोह पर अब तक 46.55 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की 44 शिकायतें दर्ज हैं।
एसएसपी ने बताया कि इस ठगी में इस्तेमाल मोबाइल फोन का आईपी एड्रेस कंबोडिया का पाया गया। गिरोह का मास्टरमाइंड राजू, जो फिलहाल फरार है, विदेश में बैठे साथियों की मदद से इस तरह की वारदातों को अंजाम देता है। वह भोले-भाले लोगों से बैंक खातों, एटीएम और पासबुक लेकर उनका इस्तेमाल साइबर ठगी के लिए करता था।
पीड़ित इंजीनियर राजेंद्र कुमार गोयल ने शिकायत दी थी कि आरोपी ने सीबीआई का लोगो लगाकर कॉल किया और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में केस दर्ज होने की धमकी दी। इसके बाद उच्च अदालत के कथित आदेश दिखाकर उन्हें डराया और एफडी तुड़वाकर 33.33 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए।