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Muzaffarnagar: सेवानिवृत्त इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर 33 लाख की ठगी, जानें कैसे बनाया शिकार
अमर उजाला नेटवर्क, मुजफ्फरनगर
Published by: मोहम्मद मुस्तकीम
Updated Sun, 14 Sep 2025 02:58 PM IST
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सार
सेवानिवृत्त इंजीनियर राजेंद्र गोयल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए ठगों ने झांसे में लिया और धमकी देकर मोटी रकम अपने खातों में ट्रांसफर करा ली। साइबर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

साइबर क्राइम
- फोटो : freepik
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विस्तार
साइबर अपराधियों ने सेवानिवृत्त इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर 33 लाख 33 हजार रुपये ठग लिए। आरोपी पीड़ित की पांच दिन तक निगरानी करते रहे और मनी लॉन्ड्रिंग
का आरोप लगाते हुए खाते में रुपये जमा करा लिए। पीड़ित ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

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का आरोप लगाते हुए खाते में रुपये जमा करा लिए। पीड़ित ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
अपराधियों ने इस बार सिविल लाइन थाना क्षेत्र में रहने वाले सेवानिवृत्त इंजीनियर राजेंद्र गोयल को शिकार बनाया। छह सितंबर की सुबह नौ बजकर सात मिनट पर राजेंद्र गोयल के मोबाइल पर आई कॉल में बताया गया कि वह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से बात कर रहे हैं। आरोप लगाया कि वह गैर कानूनी विज्ञापन, धोखा व परेशान करने वाले संदेश भेजे रहे हैं। कार्रवाई के लिए यह केस दरियागंज दिल्ली पुलिस स्टेशन भेज दिया है। 9 बजकर 43 बजे दरियागंज पुलिस स्टेशन से खुद को बताते हुए विजय खन्ना ने व्हाट्सएप कॉल कर बताया कि उनके विरुद्ध गैर कानूनी कार्यों एवं मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत मिली है।
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आरोपी ने फोन पर कहा कि उन्होंने एक नया खाता केनरा बैंक में खोला है। राजेंद्र गोयल के मना करने पर उन पर खाता खोलना स्वीकार करने का दबाव बनाया। बात न मानने पर उनके विरुद्ध अरेस्ट वारंट जारी होना बताकर डराया गया। फोन करने वाले सहानुभूति दिखाते हुए अरेस्ट वारंट निरस्त करने व खुली जांच करने के लिए न्यायाधीश एवं ईडी अधिकारी राहुल गुप्ता नई दिल्ली के नाम एक प्रार्थना पत्र लिखने को कहा। इस तरह दबाव डालकर कई खातों रकम ट्रांसफर करा ली। इसके बाद आरोपियों के फोन नंबर बंद आने लगे। पीड़ित ने साइबर थाने में केस दर्ज कराया है, जांच शुरू कर दी गई है।