सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Pilibhit News ›   Ownership rights: You can get loan and benefit of government scheme also

UP: पीलीभीत में बांग्लादेश के विस्थापित परिवारों को मिलेगा जमीन का मालिकाना हक... सरकारी योजनाओं का लाभ भी

संवाद न्यूज एजेंसी, पीलीभीत Published by: बरेली ब्यूरो Updated Wed, 23 Jul 2025 12:50 AM IST
सार

पीलीभीत जिले की 24 ग्राम पंचायतों में बसे पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के विस्थापित परिवारों को अब भूमि स्वामित्व अधिकार मिल सकेगा। मुख्यमंत्री योगी ने विस्थापितों को जमीन पर मालिकाना हक दिलाने के लिए ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 
 

विज्ञापन
Ownership rights: You can get loan and benefit of government scheme also
बांग्लादेश के विस्थापित परिवारों के सदस्य
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में शारदा डैम की तलहटी में बसे पूर्वी पाकिस्तान और बांग्लादेश के विस्थापितों के वारिसों के चेहरे जमीन पर मालिकाना हक पाने की खुशी में खिल गए हैं। मुस्कुराते चेहरों पर असमंजस की स्थिति और कई सवाल भी हैं। कितने और किस वर्ष तक जिले में आए विस्थापितों को भूमिधर अधिकार मिलेगा, जिन परिवारों की जमीन शारदा नदी में समा गई क्या उन्हें लाभ मिलेगा या नहीं..इस तरह के कई सवाल इनके मन में उमड़ रहे हैं। 

Trending Videos


माना जा रहा है कि करीब 1400 परिवारों को भूमि पर संक्रमणीय अधिकार मिल सकता है। मालिकाना हक मिलने से बैंक से लोन, सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। नागरिकता संबंधी और अन्य समस्याएं भी समाप्त हो जाएंगी।
विज्ञापन
विज्ञापन


जिले में वर्ष 1964 से 1971 बांग्लादेश विभाजन के समय तक पूर्वी पाकिस्तान के विस्थापित परिवार यहां आए। इन परिवारों को शारदा डैम की तलहटी में बसाया गया। रहने और खेती-किसानी के लिए जमीन दी गई। इसके बाद भी विस्थापितों का आना जारी रहा। यहां रहने वाले बंगाली समाज के लोगों के सगे-संबंधी भी जिले में आ गए।

डैम के तलहटी क्षेत्र की 12 ग्राम सभाओं में बंगाली समाज की आबादी निवास करती है। अन्य स्थानों पर भी इनकी आबादी है। पूर्वी पाकिस्तान से आए इन परिवारों ने यहां काम-धंधा तो जमा लिया, लेकिन जमीन पर मालिकाना हक उन्हें नहीं मिल सका। इसको लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है। 

 

21 सौ से अधिक हैं परिवार 
कुछ माह पूर्व शासन ने मुरादाबाद मंडलायुक्त आंजनेय सिंह की अध्यक्षता में गठित टीम में शामिल पीलीभीत प्रशासन ने भी विस्थापितों का सर्वे और सत्यापन कराया था। बांग्लादेश या फिर पूर्वी पाकिस्तान से आने वाले परिवारों की जानकारी जुटाई गई। बताया जा रहा है कि 2100 से अधिक परिवार सामने आए थे, इनमें करीब 1400 परिवार ऐसे हैं जिन्हें भूमि पर संक्रमणीय अधिकार मिल सकता है।

सोमवार को मुख्यमंत्री ने बैठक में पूर्वी पाकिस्तान के विस्थापितों को जमीन पर मालिकाना हक दिलाने के लिए ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद से इन परिवारों के चेहरे पर खुशी है। लोगों को भूमिधर अधिकार मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। मगर कई सवाल भी हैं।

मालिकाना हक मिलने से खत्म होंगी समस्याएं : शंकर राय
गांव मटैया लालपुर के प्रधान शंकर राय ने बताया कि उनके पिता वर्ष 1964 में पीलीभीत आए थे। उनका जन्म भी यहीं हुआ है। कहा कि मालिकाना हक मिलने से बैंक से लोन, सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, नागरिकता संबंधी और अन्य समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि अभी असमंजस की स्थिति है। किस समय तक जिले में आने वालों को इसका लाभ मिलेगा, अभी यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि एक को लाभ मिलेगा तो आगे-पीछे दूसरे भी लाभान्वित होंगे।

दादा आए थे, पिता और उनका जन्म यहीं का : सुरेश राहा
बीडीसी सुरेश राहा ने बताया कि उनके दादा नरेंद्र नाथ राहा पूर्वी पाकिस्तान से यहां आए थे। पिता और उनका जन्म यहीं हुआ है। बताया कि कुछ जमीनें वन विभाग और कुछ शारदा नदी में समा चुकी हैं। मालिकाना हक मिलने से कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा। बैंक से ऋण मिलेगा, सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।

24 ग्राम पंचायतों में बंगाली प्रधान, दो लाख आबादी
शंकर राय ने बताया कि जिले की 24 ग्राम पंचायतों में प्रधान बंगाली समाज से हैं। चंदिया हजारा, मटैया लालपुर, रमनगरा, पुरौना ताल्लके महराजपुर, गभिया सहराई, नगरिया खुर्द कला, चंदिया सिंहपुर आदि गांवों में बंगाली समाज के लोग रहते हैं। शंकर राय के अनुसार जिले में करीब दो लाख बंगाली मतदाता हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed