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Pilibhit News: टीईटी अनिवार्यता के विरोध में दिल्ली प्रदर्शन के लिए तैयार की रणनीति
संवाद न्यूज एजेंसी, पीलीभीत
Updated Wed, 19 Nov 2025 11:34 PM IST
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बैठक में मौजूद शिक्षक। स्रोत संगठन
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पीलीभीत। अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में 24 नवंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन को लेकर बुधवार को मरौरी ब्लॉक संसाधन केंद्र में शिक्षकों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में कई शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर आंदोलन को मजबूती देने की अपील की।
प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बाबूराम गंगवार ने कहा कि शिक्षकों को टीईटी से कोई डर नहीं है लेकिन 15-20 साल नौकरी कर चुके शिक्षकों पर टीईटी थोपना अनुचित है। उन्होंने मांग की कि 2011 से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखा जाए। यूटा के जिला मंत्री मो. अकरम ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं पर सरकार को सहानुभूति के साथ विचार करना चाहिए। उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली पहुंचकर अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष लाल करन ने कहा कि 2011 में टीईटी लागू ही नहीं थी। ऐसे में उससे पहले नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी अनिवार्य करना तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि टीईटी से मुक्ति के लिए सभी शिक्षकों को एकजुट होकर दिल्ली पहुंचना होगा तभी सरकार पर दबाव बनेगा। बैठक में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष लाल करन, यूटा के महामंत्री मो. अकरम, प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बाबूराम गंगवार, यूटा के कोषाध्यक्ष कृष्ण कुमार सागर, नंद किशोर गंगवार, कृष्ण कुमार रजक, अजय कुमार, सतेंद्र कुमार, त्रिलोकी नाथ, राजेश कुमार, राम प्यारे राम, सुनील भारती सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और सभी संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
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प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बाबूराम गंगवार ने कहा कि शिक्षकों को टीईटी से कोई डर नहीं है लेकिन 15-20 साल नौकरी कर चुके शिक्षकों पर टीईटी थोपना अनुचित है। उन्होंने मांग की कि 2011 से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखा जाए। यूटा के जिला मंत्री मो. अकरम ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं पर सरकार को सहानुभूति के साथ विचार करना चाहिए। उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली पहुंचकर अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की।
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जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष लाल करन ने कहा कि 2011 में टीईटी लागू ही नहीं थी। ऐसे में उससे पहले नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी अनिवार्य करना तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि टीईटी से मुक्ति के लिए सभी शिक्षकों को एकजुट होकर दिल्ली पहुंचना होगा तभी सरकार पर दबाव बनेगा। बैठक में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष लाल करन, यूटा के महामंत्री मो. अकरम, प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बाबूराम गंगवार, यूटा के कोषाध्यक्ष कृष्ण कुमार सागर, नंद किशोर गंगवार, कृष्ण कुमार रजक, अजय कुमार, सतेंद्र कुमार, त्रिलोकी नाथ, राजेश कुमार, राम प्यारे राम, सुनील भारती सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और सभी संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।