UP: पीलीभीत में खादी की डोर से साकार कर रहीं आत्मनिर्भरता का सपना, पढ़िए इन महिलाओं की कहानी
पीलीभीत जिले के ट्रांस शारदा क्षेत्र के हजारा गांव में स्थित जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान ग्रामीण से जुड़कर सौ से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भरता के सपने को साकार कर रही हैं। ये महिलाएं कुछ घंटे काम कर अपने कौशल के दम पर महीने में पांच से सात हजार रुपये तक की आय अर्जित कर रही हैं।
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पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र की 113 महिलाएं चरखा चलाकर अपनी आजीविका ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का नया सपना भी बुन रही हैं। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से संचालित हजारा स्थित जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान में प्रतिदिन चार से पांच घंटे काम कर ये महिलाएं महीने में पांच से सात हजार रुपये तक कमा रही हैं। खादी के शुद्ध धागे में उनका श्रम, कौशल और उम्मीदों की चमक साफ झलकती है।
जिले के ट्रांस शारदा क्षेत्र के हजारा गांव में स्थित जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान ग्रामीण महिलाओं के लिए बेहतर आजीविका का मजबूत आधार बन चुका है। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के तहत संचालित इस इकाई से 163 ग्रामीण जुड़े हुए हैं, जिनमें 113 महिलाएं कताई और बुनाई का कार्य कर रही हैं। महिलाएं सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक चरखे, ट्विस्टिंग मशीन, डबलिंग मशीन और तागा मशीन पर काम कर धागा तैयार करती हैं और कपड़े बुनती हैं।
यूनिट में 163 लोग कर रहे काम
संस्थान के प्रबंधक निखिल सिंह बताते हैं कि वर्ष 2022 में खादी उत्पादन यूनिट की शुरुआत मात्र 31 लोगों के साथ हुई थी, लेकिन आज यह संख्या बढ़कर 163 तक पहुंच गई है। इसमें महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक है, जो अपने कौशल के दम पर महीने में पांच से सात हजार रुपये तक की आय अर्जित कर रही हैं। निखिल सिंह का कहना है कि युवाओं में पिछले पांच वर्षों से खादी फैशन का रुझान तेजी से बढ़ा है, जिसके चलते खादी उत्पादों की मांग भी मजबूत हुई है।
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यहां तैयार कपड़े पीलीभीत के अलावा आजमगढ़, मुरादाबाद, लखनऊ की यूनिटों तक भेजे जा रहे हैं। साथ ही साड़ी, कोट, कुर्ता, शर्ट और सूट जैसे तैयार कपड़ों की हजारा यूनिट बिक्री भी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि अब हापुड़ में भी नई यूनिट की शुरुआत होने जा रही है। इस यूनिट के लगने से खादी के धागे से अपनी मेहनत और आत्मविश्वास बुनती ये महिलाएं न केवल अपने परिवारों को आर्थिक मजबूती दे रही हैं, बल्कि ट्रांस शारदा क्षेत्र में स्वदेशी और स्वावलंबन की नई कहानी भी लिख रही हैं।
जल्द ही कलर यूनिट लगाने की है योजना
निखिल का कहना है कि हजारा यूनिट पर जल्द ही कलर यूनिट लगाने की योजना है। इसको लेकर भारत सरकार से वार्तालाप चल रही है। कालर यूनिट से उत्पादन क्षमता और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। निखिल का मानना है कि धनाराघाट पुल का निर्माण पूरा होने के बाद इस कारोबार को और गति मिलेगी, क्योंकि यहां तक पहुंच आसान हो जाएगी और बाजार का दायरा भी बढ़ेगा।