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कोरोना टीकाकरण के लिए गांव स्तर पर बनाया जाएगा बूथ
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Booths will be made at village level for corona vaccination
कोरोना से बचाव के लिए शतप्रतिशत लोगों के टीकाकरण का प्रयास जारी है। जिले में 12 से 14 साल के बच्चों को महाकारी से बचाने के लिए टीकाकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए गांव स्तर पर बूथ बनाए जाने की तैयारी है। उधर, 15 से 17 साल के किशोरों को दूसरी डोज देने के लिए विद्यालय में कैंप लगाए जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग अब तक 14 से 17 साल के 90 प्रतिशत किशोरों को टीके की पहली खुराक दे चुका है। पांच प्रतिशत किशोरों को दूसरी डोज भी दी जा चुकी है। जबकि 12 से 14 साल के चार प्रतिशत बच्चों का ही टीकाकरण हो सका है। टीकाकरण के साथ विद्यालयों में चल रही परीक्षा के बीच लक्ष्य पाना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीमें 12 से 14 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए गांव स्तर पर कैंप लगाने जा रही हैं।
15 से 17 साल के बच्चों के लिए स्कूलों में विशेष अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू किए जा रहे इस अभियान में शिक्षक मुख्य भूमिका निभाते नजर आएंगे। जिससे शासन की ओर से मिलने वाले लक्ष्य को समय से पूरा किया जा सके। जिला सहायक प्रतिरक्षाधिकारी महेश सिंह ने बताया कि 12 से 14 साल के बच्चों को पहला टीका तो 15 से 17 साल के किशोरों को दूसरी डोज लगाने में दिक्कतें आ रही हैं।
यूपी बोर्ड के स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं। जबकि सीबीएसई और सीआईसीएससीई के स्कूलों में बोर्ड परीक्षा अभी प्रस्तावित है। ऐसे में विभाग की तरफ से स्कूलों में शिविर लगाने में दिक्कतें आ रही हैं। गांवों में आशा बहू और एएनएम प्रधान से मिलकर कैंप लगाकर 12 से 14 साल के बच्चों का टीकाकरण करेंगी।
टीकाकरण बूथों पर पसरा है सन्नाटा
जिले में कहने को तो 59 टीकाकरण बूथ बनाए गए हैं, मगर परीक्षा के चलते अधिकांश बूथों पर सन्नाटा पसरा रहता है। दिन भर स्वास्थ्य कर्मचारी बैठकर टीका लगवाने के लिए 12 से 17 साल के बच्चों का इंतजार करते नजर आते हैं।
कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवाना जरूरी है। समझदार लोग खुद टीका लगवाने के लिए बच्चों को लेकर बूथ पर आ रहे हैं। नासमझ लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। अब गांव-गांव अभियान चलाकर टीकाकरण किया जाएगा।
डॉक्टर एस राम, एसीएमओ
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स्वास्थ्य विभाग अब तक 14 से 17 साल के 90 प्रतिशत किशोरों को टीके की पहली खुराक दे चुका है। पांच प्रतिशत किशोरों को दूसरी डोज भी दी जा चुकी है। जबकि 12 से 14 साल के चार प्रतिशत बच्चों का ही टीकाकरण हो सका है। टीकाकरण के साथ विद्यालयों में चल रही परीक्षा के बीच लक्ष्य पाना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीमें 12 से 14 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए गांव स्तर पर कैंप लगाने जा रही हैं।
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15 से 17 साल के बच्चों के लिए स्कूलों में विशेष अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू किए जा रहे इस अभियान में शिक्षक मुख्य भूमिका निभाते नजर आएंगे। जिससे शासन की ओर से मिलने वाले लक्ष्य को समय से पूरा किया जा सके। जिला सहायक प्रतिरक्षाधिकारी महेश सिंह ने बताया कि 12 से 14 साल के बच्चों को पहला टीका तो 15 से 17 साल के किशोरों को दूसरी डोज लगाने में दिक्कतें आ रही हैं।
यूपी बोर्ड के स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं। जबकि सीबीएसई और सीआईसीएससीई के स्कूलों में बोर्ड परीक्षा अभी प्रस्तावित है। ऐसे में विभाग की तरफ से स्कूलों में शिविर लगाने में दिक्कतें आ रही हैं। गांवों में आशा बहू और एएनएम प्रधान से मिलकर कैंप लगाकर 12 से 14 साल के बच्चों का टीकाकरण करेंगी।
टीकाकरण बूथों पर पसरा है सन्नाटा
जिले में कहने को तो 59 टीकाकरण बूथ बनाए गए हैं, मगर परीक्षा के चलते अधिकांश बूथों पर सन्नाटा पसरा रहता है। दिन भर स्वास्थ्य कर्मचारी बैठकर टीका लगवाने के लिए 12 से 17 साल के बच्चों का इंतजार करते नजर आते हैं।
कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवाना जरूरी है। समझदार लोग खुद टीका लगवाने के लिए बच्चों को लेकर बूथ पर आ रहे हैं। नासमझ लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। अब गांव-गांव अभियान चलाकर टीकाकरण किया जाएगा।
डॉक्टर एस राम, एसीएमओ