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बूस्टर डोज से वंचित रह गए हैं एक लाख से अधिक बुजुर्ग

Allahabad Bureau इलाहाबाद ब्यूरो
Updated Fri, 20 May 2022 01:27 AM IST
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More than one lakh elderly people were deprived of booster dose
जिले के एक लाख से अधिक बुजुर्ग कोरोना से बचाव के लिए बूस्टर वैक्सीन की बूस्टर डोज नहीं लगवा सके हैं। चलने-फिरने में असमर्थ होने और बीमारियों से पीड़ित होने के कारण ये लोग अस्पतालों में बने बूथों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांवों में शिविर न लगाने के कारण उनका टीकाकरण नहीं हो सका है।
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स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के मुताबिक, जिले के तीन लाख बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन का दूसरा टीका लग चुका है। इनमें से लगभग दो लाख बुजुर्गों ने बूस्टर डोज भी ले ली है। करीब एक लाख बुजुर्ग ऐसे हैं जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं। इनमें तमाम ऐसे लोग भी हैं जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में वे अस्पतालों में बने कोरोना वैक्सीनेशन बूथ तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
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स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिला सहायक प्रतिरक्षाधिकारी महेश सिंह ने बताया कि जिन बुजुर्गों ने अब तक कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज नहीं ली है वे बूथ पर पहुंचकर टीका लगवा सकते हैं। उन्हें पहली और दूसरी डोज लगवाने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा।
18 से 59 साल के लोग भी बूस्टर डोज लगवाने के लिए परेशान
जिले में 18 से 59 साल के लोग भी बूस्टर डोज लगवाने के लिए भटक रहे हैं। उन्हें प्रयागराज, लखनऊ या फिर बनारस के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। दरअसल, शासन ने सरकारी अस्पतालों में 18 से 59 साल के लोगों को बूस्टर डोज देने की व्यवस्था खत्म कर दी है। बूस्टर डोज लगाने की जिम्मेदारी निजी अस्पतालों को सौंप दी गई है। इन अस्पतालों में बूस्टर डोज लगवाने के लिए शुल्क भी देना पड़ेगा।
मुश्किल यह है कि जिले में एक भी निजी अस्पताल कोरोना टीकाकरण के लिए तैयार नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर ने बताया कि एक डोज के लिए सरकार ने डेढ़ सौ रुपये चार्ज करने की छूट दी है मगर, उसमें शर्त यह है कि एक साथ दस लोग होंगे तभी बूस्टर डोज लगाई जा सकेगी। ऐसे में निजी अस्पताल संचालक टीकाकरण से दूरी बना रहे हैं। सीएमओ के काफी प्रयास के बाद भी जिले के निजी अस्पताल संचालक बूस्टर डोज लगाने के लिए तैयार नहीं हुए।
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