Rampur: बिलासपुर में सेवा ट्रस्ट को सौंपा गुरुद्वारे का संचालन, दो पक्षों में चल रहा था विवाद, पुलिस बल तैनात
रामपुर के बिलासपुर में स्थित शहीद बाबा दीप सिंह पसियापुरा गुरुद्वारा का संचालन शहीद स्मारक सेवा ट्रस्ट को सौंप दिया गया। लंबे समय से प्रबंधक कमेटी और ट्रस्ट के बीच विवाद चल रहा था। ट्रस्टी सतनाम कौर की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने एसडीएम और कोतवाली प्रभारी को तलब किया था। बुधवार को एसडीएम व पुलिस टीम ने सिविल न्यायालय के आदेशों का पालन कराते हुए ट्रस्ट को गुरुद्वारे का जिम्मा सौंप दिया।
विस्तार
हाईकोर्ट में चल रहे अवमानना के मामले में 21 नवंबर को होने वाली सुनवाई से दो दिन पहले प्रशासन ने गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह पसियापुरा का संचालन गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह शहीद स्मारक सेवा ट्रस्ट को सौंप दिया। अधिकार मिलने के बाद बुधवार को धार्मिक कार्यों का संचालन भी शुरू हो गया। प्रशासन की एक पक्ष को अपने चहेतों को गुरुद्वारा संचालन सौंपने की मंशा नाकाम हो गई।
एक आला अधिकारी इसमें खास रुचि दिखा रहे थे। इस बीच सुरक्षा की दृष्टि से गुरुद्वारे के बाहर पुलिस तैनात है। ग्राम नवाबगंज में शहीद बाबा दीप सिंह गुरुद्वारे के संचालन को लेकर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी शहीद बाबा दीप सिंह जी कार सेवा नवाबगंज और गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह शहीद स्मारक सेवा ट्रस्ट (ट्रस्टी पक्ष) के मध्य लंबे समय से विवाद चल रहा था।
मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है। शहीद स्मारक सेवा ट्रस्ट की ट्रस्टी सतनाम कौर ने हाईकोर्ट में सिविल न्यायालय के आदेशों की अवहेलना का वाद दायर किया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में एसडीएम और कोतवाली प्रभारी को तलब किया था।
ट्रस्टी पक्ष के सतेंद्र सिंह के अनुसार, एसडीएम व कोतवाली प्रभारी ने तीन सप्ताह के अंदर आदेशों का अनुपालन कराने के लिए समय मांगा था। 21 नवंबर को हाईकोर्ट में आदेश की अवहेलना मामले में तारीख भी नियत है। बुधवार दोपहर करीब 2:30 बजे एसडीएम अरुण कुमार, सीओ रविंद्र प्रताप सिंह, कोतवाली प्रभारी बलवान सिंह पुलिस बल के साथ नवाबगंज पहुंचे।
सिविल न्यायालय के आदेशों का अनुपालन कराते हुए ट्रस्टी सतनाम कौर को गुरुद्वारे में प्रवेश कराया और जिम्मेदारी सौंप दी। ट्रस्टी सतनाम कौर ने बताया, पुलिस-प्रशासन ने हाईकोर्ट की तारीख से दो दिन पहले उन्हें गुरुद्वारे का संचालन सौंपा है।
दूसरा पक्ष बोला- जानकारी नहीं
दूसरे पक्ष गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी शहीद बाबा दीप सिंह जी कार सेवा नवाबगंज के सदस्य लखविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस-प्रशासन द्वारा ट्रस्टी पक्ष को गुरुद्वारे में बैठाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वह इस समय बाहर हैं।
आला अधिकारी की थी एक पक्ष में विशेष रुचि
गुरुद्वारे के संचालन विवाद दरअसल एक प्रशासनिक अफसर के दखल से बिगड़ा। हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के आदेश की पालना न होने पर नाराजगी जताई थी। लेकिन, हाईकोर्ट की अगली सुनवाई से पहले प्रशासन ने सिविल जज के आदेश की पालना कर दी।
यह था विवाद
गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह के संचालन को लेकर ट्रस्टी सतनाम कौर (ट्रस्टी पक्ष) और गुरुद्वारा प्रबंधक (गुरमीत पक्ष) के बीच विवाद था। ट्रस्टी पक्ष का कहना था, गुरुद्वारा उनके खेत गाटा नंबर 57 में हैं और इसका संचालन ट्रस्ट करता है। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ने उनके पक्ष में निर्णय दिया है।
वहीं, गुरमीत सिंह पक्ष का दावा था कि गुरुद्वारा गाटा संख्या 56 में है। दावा था-शासन के आदेश पर बनी जांच कमेटी की रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है। 15 सितंबर को हुए बवाल के बाद प्रशासन ने गुरुद्वारे को अपने नियंत्रण में ले लिया था। तब से रामपुर के ग्रंथी धार्मिक कार्यों का संचालन कर रहे थे।
ट्रस्टी पक्ष को गुरुद्वारे का संचालन सिविल जज के आदेश 09 जुलाई और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश 11 अगस्तके अनुसार सौंपा गया है। -अजय कुमार द्विवेदी डीएम, रामपुर