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ऋण वितरण फर्जीवाड़े में जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक समेत सात कर्मचारी निलंबित
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रामपुर। जिला सहकारी बैंक की विभिन्न शाखाओं में मृतकों के खातों से पेंशन की धनराशि निकालने के मामले के बाद अब किसानों को ऋण वितरण में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जांच पूरी होने के बाद बैंक प्रबंधन ने इस मामले में एक शाखा प्रबंधक समेत सात कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें छह लिपिक कैशियर भी शामिल हैं। मामला खौद शाखा से संबंधित है, हालांकि मौजूदा वक्त में आरोपी कर्मचारी अलग-अलग शाखाओं में तैनात हैं।
रामपुर जिला सहकारी बैंक में लगातार अनियमितताएं और उसके बाद कार्रवाइयां सामने आ रही हैं। फिर चाहें मृतकों के खातों से फर्जी तरीके से पेंशन की धनराशि निकालने की बात हो या फिर एलोवेरा की खेती पर मानक विरुद्ध तरीके से ऋण वितरण का मामला हो। पुराना गंज, पटवाई, राजद्वारा शाखाओं में एक के बाद एक घपले सामने आने के बाद अब जिला सहकारी बैंक की खौद शाखा में बड़ा घपला सामने आया हैं। बैंक अधिकारियों की मानें तो बैंक में तैनात रहे कुछ कर्मचारियों ने किसानों को गलत तरीके से ऋण वितरित कर दिए। यहां तक कि किसानों की ऋण वितरण की आधी अधूरी फाइलें ही रिकार्ड में मौजूद हैं, जबकि कई किसान ऐसे हैं, जिन्हें ऋण तो बांट दिया, लेकिन उनके नाम जमीन ही नहीं हैं। वहीं, कई मृतकों के खातों से पेंशन की धनराशि निकालकर लाखों रुपये का गबन कर लिया। ऐसे में बैंक कर्मियों के इस गोलमाल की किसी ने शिकायत कर दी, इसके बाद बैंक प्रबंधन ने जांच के आदेश दे दिए।
शाखा की पहली जांच उप महाप्रबंधक संजय गुप्ता ने की, जबकि दूसरी जांच उप महाप्रबंधक शकील अहमद ने की। दोनों अधिकारियों की जांच में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करने की बात सामने आई। अफसरों ने अपनी जांच रिपोर्ट बैंक प्रबंधन को सौंप दी।
सोमवार को जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला सहकारी बैंक के सचिव उपेंद्र कुमार सारस्वत ने खौद शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक चंद्रप्रकाश, तत्कालीन लिपिक/कैशियर राजेंद्र, लिपिक/कैशियर मुनव्वर हसन, लिपिक/ कैशियर राजकिशोर मौर्य, लिपिक/कैशियर सुनील पाल, लिपिक/कैशियर विशाल एवं लिपिक/कैशियर रमेश चंद्र को निलंबित कर दिया। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जल्द ही आरोपियों से वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
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रामपुर जिला सहकारी बैंक में लगातार अनियमितताएं और उसके बाद कार्रवाइयां सामने आ रही हैं। फिर चाहें मृतकों के खातों से फर्जी तरीके से पेंशन की धनराशि निकालने की बात हो या फिर एलोवेरा की खेती पर मानक विरुद्ध तरीके से ऋण वितरण का मामला हो। पुराना गंज, पटवाई, राजद्वारा शाखाओं में एक के बाद एक घपले सामने आने के बाद अब जिला सहकारी बैंक की खौद शाखा में बड़ा घपला सामने आया हैं। बैंक अधिकारियों की मानें तो बैंक में तैनात रहे कुछ कर्मचारियों ने किसानों को गलत तरीके से ऋण वितरित कर दिए। यहां तक कि किसानों की ऋण वितरण की आधी अधूरी फाइलें ही रिकार्ड में मौजूद हैं, जबकि कई किसान ऐसे हैं, जिन्हें ऋण तो बांट दिया, लेकिन उनके नाम जमीन ही नहीं हैं। वहीं, कई मृतकों के खातों से पेंशन की धनराशि निकालकर लाखों रुपये का गबन कर लिया। ऐसे में बैंक कर्मियों के इस गोलमाल की किसी ने शिकायत कर दी, इसके बाद बैंक प्रबंधन ने जांच के आदेश दे दिए।
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शाखा की पहली जांच उप महाप्रबंधक संजय गुप्ता ने की, जबकि दूसरी जांच उप महाप्रबंधक शकील अहमद ने की। दोनों अधिकारियों की जांच में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करने की बात सामने आई। अफसरों ने अपनी जांच रिपोर्ट बैंक प्रबंधन को सौंप दी।
सोमवार को जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला सहकारी बैंक के सचिव उपेंद्र कुमार सारस्वत ने खौद शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक चंद्रप्रकाश, तत्कालीन लिपिक/कैशियर राजेंद्र, लिपिक/कैशियर मुनव्वर हसन, लिपिक/ कैशियर राजकिशोर मौर्य, लिपिक/कैशियर सुनील पाल, लिपिक/कैशियर विशाल एवं लिपिक/कैशियर रमेश चंद्र को निलंबित कर दिया। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जल्द ही आरोपियों से वसूली की कार्रवाई की जाएगी।