सीसीटीवी से पकड़ गया हत्यारा: मुआवजे की उम्मीद में पिता ने दो साल की बेटी को मार डाला, चुकाना चाहता था कर्ज
बिलासपुर में दो वर्षीय अलीका की हत्या उसके पिता नाजिम ने मुआवजा पाने के लिए की थी। पुलिस जांच और सीसीटीवी फुटेज के बाद आरोपी ने जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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बिलासपुर कोतवाली क्षेत्र के धावनी हसनपुर की दो साल की बालिका अलीका की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके पिता ने ही की थी। पिता ने उसे सैंजनी नदी में धकेल दिया था, जिससे अलीका की मौत हो गई थी। घटना को अंजाम देने के बाद वह मौके से खिसक लिया था। बाद में तलाशने का नाटक भी किया।

सीसीटीवी कैमरे की निगाह से नहीं बच पाया और फिर पुलिस के निशाने पर आ गया। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस का दावा है कि अलीका की हत्या उसके पिता ने आपदा प्रबंधन से मिलने वाले मुआवजे के लिए की थी। वह मुआवजे के पैसों से कर्जदारों का कर्ज चुकाना चाहता था।
सीओ रविंद्र प्रताप सिंह के अनुसार पांच फरवरी को केमरी थाना प्रभारी हिमांशु चौहान ने ग्रामीणों की सूचना पर केमरी थाना क्षेत्र के ग्राम कुइया स्थित सैंजनी नदी से दो वर्षीय एक बालिका का शव बरामद किया था। बाद में लोगों ने बालिका की शिनाख्त सीमा पर लगे गांव धावनी हसनपुर निवासी हैंडपंप मिस्त्री नाजिम की पुत्री अलीका के रूप में की थी।
नाजिम भी परिजनों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गया था। पुलिस ने गहनता के साथ जांच की। फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से तमाम साक्ष्य एकत्र किए थे। सीओ का कहना है कि छह फरवरी को मृतक बालिका के चाचा कासिम ने अपने भाई नाजिम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें आरोप लगाया गया कि उसका भाई नाजिम हैंडपंप मिस्त्री है।
जिस पर तमाम लोगों का कर्जा है। उसने कर्जदार से बचने के लिए अपनी मासूम बेटी अलीका को गांव के पास स्थित सैंजनी नदी में ले जाकर धकेल दिया था, जिससे उसकी भतीजी की माैत हो गई। इसके पीछे उसके भाई की मंशा थी कि वह पुत्री की खोजबीन में लगने का बहाना करके कुछ दिनों तक कर्जदारों से निजात पा सके।
साथ ही आपदा प्रबंधन की ओर से मुआवजा मिलने के बाद वह उन पैसों को कर्जदारों को लाैटाने की योजना बना रहा था। पुलिस ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कर शुक्रवार की सुबह आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने सच्चाई उगल दी। सीओ का कहना है कि आरोपी को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश कर दिया गया है।
पांच लाख के मुआवजे के लालच में ली बेटी की जान
धावनी हसनपुर गांव निवासी हैंडपंप मिस्त्री नाजिम ने कर्जदारों का कर्ज चुकाने के लिए अपनी बेटी को मोहरा बना दिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक नाजिम का मकसद बेटी को नदी में डुबोकर उसके जरिए सरकार की ओर से दिए जाने वाले पांच लाख का मुआवजा हासिल करना था। यहां बताते चलें कि चार लाख रुपये किसी के डूबने पर सरकार की ओर से दिए जाते हैं, जबकि एक लाख कृषक दुर्घटना बीमा के जरिए मिल जाते। इसके लिए शर्त यह होती है कि शव का पोस्टमार्टम कराना होता है।
सीसीटीवी कैमरे में कैद होने पर फंस गया नाजिम
घटना वाले दिन नाजिम अपनी दो साल की बेटी को लेकर बाइक से कहीं गया था,लेकिन कुछ देर बाद वह बाइक से अकेला ही लौटा। यह एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। इसके अलावा पुलिस ने मौके पर मौजूद गवाहों के बयान में भी इस बात की पुष्टि की थी,जिसकी वजह से नाजिम फंस गया।
पीछे रह गई केमरी पुलिस, क्रेडिट ले गई बिलासपुर पुलिस
घटना के बाद बिलासपुर व केमरी पुलिस सीमा विवाद में उलझ गई। घटना स्थल केमरी थाने का बताकर बिलासपुर पुलिस मौके से लौट गई थी। तब केमरी पुलिस ने कमान संभाल ली। केमरी पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और मामले की जांच शुरू की,लेकिन बृहस्पतिवार को बिलासपुर पुलिस ने देर शाम बालिका के चाचा की ओर से नाजिम की ओर से मुकदमा दर्ज कर लिया और फिर नाजिम को गिरफ्तार करते हुए पूरी घटना का खुलासा कर दिया।