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मेरे खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत रचा गया षड्यंत्र : डॉ. दानवीर सिंह
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चंदौसी। मेरे खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत षड़यंत्र रचा गया। मैं किसी से नहीं डरता, सत्य के साथ खड़ा हूं। ये बात एसएम कॉलेज प्रबंध समिति द्वारा निलंबित प्राचार्य डॉ. दानवीर सिंह यादव ने बृहस्पतिवार को बहजोई रोड स्थित अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान कही। इस दौरान खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया।
उन्होंने बताया कि मैं प्राचार्य पद पर रहा हूं और अगर न्याय व्यवस्था में विश्वास है तो फिर से रहूंगा। लेकिन जिस तरीके से मुझे टारगेट किया गया। वह सिर्फ एक व्यक्ति को हटाने की चाल नहीं थी। बल्कि एक सिस्टम को झुकाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए व्यक्तिगत आरोप न केवल झूठे थे। बल्कि उन्हें सोच-समझकर कुछ लोगों ने सार्वजनिक किया। जिससे उनकी छवि और पद दोनों को नुकसान पहुंचाया जा सके। मेरे और एक महिला शिक्षिका के बीच जिस तरह के संबंधों की अफवाहें फैलाई गईं। वे पूरी तरह आधारहीन थीं। इस प्रमाण है कि पुलिस ने जांच में अंतिम रिपोर्ट लगाकर सच्चाई को उजागर किया और उन पर लगाए आरोप निराधार साबित हुए।
प्रबंध समिति के निर्णय पर उठाए सवाल
डॉ. दानवीर सिंह ने एसएम कॉलेज की प्रबंध समिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के कुल सचिन ने उन्हें बहाल कर दिया। तब प्रबंधन को प्राचार्य का कार्यालय सील करने का क्या अधिकार था। ऐसे तो प्रतीत होता है कि ये निर्णय नहीं, निजी दुश्मनी थी। उन्होंने साफ कहा कि जब तक कॉलेज परिसर में उन्हें लौटने की अनुमति नहीं मिलती है। वह बहजोई रोड से अपने कैंप कार्यालय के माध्यम से कॉलेज के हित में काम करते रहेंगे। छात्र उनकी प्रेरणा हैं, वह मैदान नहीं छोड़ेंगे।
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उन्होंने बताया कि मैं प्राचार्य पद पर रहा हूं और अगर न्याय व्यवस्था में विश्वास है तो फिर से रहूंगा। लेकिन जिस तरीके से मुझे टारगेट किया गया। वह सिर्फ एक व्यक्ति को हटाने की चाल नहीं थी। बल्कि एक सिस्टम को झुकाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए व्यक्तिगत आरोप न केवल झूठे थे। बल्कि उन्हें सोच-समझकर कुछ लोगों ने सार्वजनिक किया। जिससे उनकी छवि और पद दोनों को नुकसान पहुंचाया जा सके। मेरे और एक महिला शिक्षिका के बीच जिस तरह के संबंधों की अफवाहें फैलाई गईं। वे पूरी तरह आधारहीन थीं। इस प्रमाण है कि पुलिस ने जांच में अंतिम रिपोर्ट लगाकर सच्चाई को उजागर किया और उन पर लगाए आरोप निराधार साबित हुए।
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प्रबंध समिति के निर्णय पर उठाए सवाल
डॉ. दानवीर सिंह ने एसएम कॉलेज की प्रबंध समिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के कुल सचिन ने उन्हें बहाल कर दिया। तब प्रबंधन को प्राचार्य का कार्यालय सील करने का क्या अधिकार था। ऐसे तो प्रतीत होता है कि ये निर्णय नहीं, निजी दुश्मनी थी। उन्होंने साफ कहा कि जब तक कॉलेज परिसर में उन्हें लौटने की अनुमति नहीं मिलती है। वह बहजोई रोड से अपने कैंप कार्यालय के माध्यम से कॉलेज के हित में काम करते रहेंगे। छात्र उनकी प्रेरणा हैं, वह मैदान नहीं छोड़ेंगे।