{"_id":"6952e6de016cfda6ef0e53af","slug":"allah-sends-man-into-the-world-to-test-maulana-sambhal-news-c-275-1-smbd1033-130587-2025-12-30","type":"story","status":"publish","title_hn":"दुनिया में इम्तिहान के लिए इंसान को भेजता है अल्लाह : मौलाना","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
दुनिया में इम्तिहान के लिए इंसान को भेजता है अल्लाह : मौलाना
विज्ञापन
सिरसी के इमाम बारगाह मोहल्ला शर्की सादात में मजलिस को खिताब करते मौलाना मीसम अब्बास। संवाद
विज्ञापन
सिरसी। सिरसी के इमाम बारगाह मोहल्ला शर्की सादात में मजलिस हुई। इसमें अली कबीर उर्फ अजमल और उनके साथियों ने मर्सिया पढ़ा। मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना मीसम अब्बास जैदी सिरसवी ने कहा अल्लाह इंसान को दुनिया में इम्तिहान के लिए भेजता है।
कहा कि अल्लाह किसी को दौलत से नवाज देता है और किसी को औलाद देता है। किसी को बिना दौलत और बिना औलाद के भी रखता है। दौलत और औलाद देकर भी ले लेता है। इंसान को हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा करना चाहिए। कहा कि लोगों की यह जिम्मेदारी है कि समाज में ऐसी चीजों की बुनियाद डालकर जाए जो आने वाली नस्लों के लिए भलाई का सबब बने और इंसान के लिए सवाब जारिया का सिलसिला चलता रहे।
कहा कि मजहबे इस्लाम में नाच गाने को मना किया गया है, इसके मुकाबले लोगों को समाज के लिए अच्छे कामों को करने का हुक्म दिया गया है। गरीब बच्चों को तालीमों, तरबियत देना, गरीब बच्चियों की शादियां कराना, विधवा महिलाओं की मदद करना और यतीम बच्चों की देखभाल करना।
मजलिस के आखिर में नवासा ए रसूल हजरत इमाम हुसैन के मसाहिब बयान करते हुए कहा कि उन्हें कर्बला के मैदान में तीन दिन का भूखा प्यासा यजीद की जालिम फौज ने शहीद कर दिया था। इसके बाद जालिम फौज ने उनके खेमों में आग लगा दी थी, जिसे सुनकर अजादारों की आंखें नम हो गईं।
Trending Videos
कहा कि अल्लाह किसी को दौलत से नवाज देता है और किसी को औलाद देता है। किसी को बिना दौलत और बिना औलाद के भी रखता है। दौलत और औलाद देकर भी ले लेता है। इंसान को हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा करना चाहिए। कहा कि लोगों की यह जिम्मेदारी है कि समाज में ऐसी चीजों की बुनियाद डालकर जाए जो आने वाली नस्लों के लिए भलाई का सबब बने और इंसान के लिए सवाब जारिया का सिलसिला चलता रहे।
विज्ञापन
विज्ञापन
कहा कि मजहबे इस्लाम में नाच गाने को मना किया गया है, इसके मुकाबले लोगों को समाज के लिए अच्छे कामों को करने का हुक्म दिया गया है। गरीब बच्चों को तालीमों, तरबियत देना, गरीब बच्चियों की शादियां कराना, विधवा महिलाओं की मदद करना और यतीम बच्चों की देखभाल करना।
मजलिस के आखिर में नवासा ए रसूल हजरत इमाम हुसैन के मसाहिब बयान करते हुए कहा कि उन्हें कर्बला के मैदान में तीन दिन का भूखा प्यासा यजीद की जालिम फौज ने शहीद कर दिया था। इसके बाद जालिम फौज ने उनके खेमों में आग लगा दी थी, जिसे सुनकर अजादारों की आंखें नम हो गईं।
