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Sambhal News: श्री वंशगोपाल तीर्थ पर पूजन, कदंब वृक्ष की परिक्रमा
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संभल के तीर्थ श्री वंशगोपाल पर भीड़। संवाद
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संभल। 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसीय परिक्रमा रविवार को पूर्ण हो गई। पड़ाव स्थल चंद्रेश्वर तीर्थ, चंदायन से श्री कल्कि के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु चले और कई गांवों से होते हुए आदमपुर मार्ग पर स्थित तीर्थ श्री वंशगोपाल पर पहुंचे। जहां पवित्र कुंड में स्नान करने के साथ ही पूजा अर्चना करते हुए मनौती मांगी। प्राचीन कदंब वृक्ष की परिक्रमा भी लगाई। तीर्थ श्री वंशगोपाल पर लगे फेरी मेले में श्रद्धालुओं ने खरीदारी की। झूलों का आनंद भी लिया।
24 कोसीय परिक्रमा के पड़ाव स्थल चंद्रेश्वर तीर्थ, चंदायन से रविवार को तड़के चार बजे से श्रद्धालु परिक्रमा मार्ग पर बढ़े। सर्द मौसम के अहसास के बीच श्रद्धालु में गजब का उत्साह नजर रहा। इनमें महिलाओं, पुरुषों के साथ ही युवा और बुजुर्ग भी शामिल रहे। श्री कल्कि के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु गांव अल्लीपुर खुर्द, आढ़ौल, लहरा कमंगर, असलपुर, मुजफ्फरपुर, शेरपुर, रसूलपुर धतरा, पैंतिया, हाजीपुर होते हुए आदमपुर मार्ग पर गांव बेनीपुर चक में स्थित तीर्थ श्री वंशगोपाल पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने पवित्र कुंड में स्नान के बाद विधिविधान से पूजा अर्चना शुरू की। घंटों और जयकारों की गूंज से माहौल भक्तिमय बना रहा। श्रद्धालुओं ने तीर्थ श्री वंशगोपाल पर प्राचीन कदंब वृक्ष की परिक्रमा भी लगाई।
पौराणिक मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण अनूपशहर के निकट कुंदनपुर से रुक्मिणी का हरण करके ला रहे थे। तीर्थ श्री वंशगोपाल पर उन्होंने कदंब वृक्ष देखकर रात्रि विश्राम किया था। तीर्थ श्री वंशगोपाल पर भगवत प्रिय महाराज और अन्य साधु संतों की मौजूदगी में पूजा अर्चना का सिलसिला शाम तक चलता रहा। श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। यहां लगे फेरी मेले में खरीदारी की गई। श्रद्धालुओं की सुरक्षा में पुलिस मुस्तैद रही।
इस दौरान परिक्रमा समिति के प्रभारी राजेश सिंघल, संरक्षक कमलकांत तिवारी, विजय शर्मा, हृदेश यादव, जयप्रकाश गुप्ता, गोपाल शर्मा, गणेश शर्मा, कौशल आदि रहे।
24 कोसीय परिक्रमा के पड़ाव स्थल चंद्रेश्वर तीर्थ, चंदायन से रविवार को तड़के चार बजे से श्रद्धालु परिक्रमा मार्ग पर बढ़े। सर्द मौसम के अहसास के बीच श्रद्धालु में गजब का उत्साह नजर रहा। इनमें महिलाओं, पुरुषों के साथ ही युवा और बुजुर्ग भी शामिल रहे। श्री कल्कि के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु गांव अल्लीपुर खुर्द, आढ़ौल, लहरा कमंगर, असलपुर, मुजफ्फरपुर, शेरपुर, रसूलपुर धतरा, पैंतिया, हाजीपुर होते हुए आदमपुर मार्ग पर गांव बेनीपुर चक में स्थित तीर्थ श्री वंशगोपाल पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने पवित्र कुंड में स्नान के बाद विधिविधान से पूजा अर्चना शुरू की। घंटों और जयकारों की गूंज से माहौल भक्तिमय बना रहा। श्रद्धालुओं ने तीर्थ श्री वंशगोपाल पर प्राचीन कदंब वृक्ष की परिक्रमा भी लगाई।
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पौराणिक मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण अनूपशहर के निकट कुंदनपुर से रुक्मिणी का हरण करके ला रहे थे। तीर्थ श्री वंशगोपाल पर उन्होंने कदंब वृक्ष देखकर रात्रि विश्राम किया था। तीर्थ श्री वंशगोपाल पर भगवत प्रिय महाराज और अन्य साधु संतों की मौजूदगी में पूजा अर्चना का सिलसिला शाम तक चलता रहा। श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। यहां लगे फेरी मेले में खरीदारी की गई। श्रद्धालुओं की सुरक्षा में पुलिस मुस्तैद रही।
इस दौरान परिक्रमा समिति के प्रभारी राजेश सिंघल, संरक्षक कमलकांत तिवारी, विजय शर्मा, हृदेश यादव, जयप्रकाश गुप्ता, गोपाल शर्मा, गणेश शर्मा, कौशल आदि रहे।

संभल के तीर्थ श्री वंशगोपाल पर भीड़। संवाद