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Sambhal News: पदयात्रा को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट, जामा मस्जिद के आसपास फोर्स तैनात
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संभल में सत्यव्रत चौकी परिसर में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी पुलिस। संवाद
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संभल। शहर में पदयात्रा निकालने की सूचना पर पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गया है। मंगलवार को शहर में सीओ आलोक कुमार के नेतृत्व में फोर्स ने पैदल मार्च किया। जामा मस्जिद के आसपास ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई। इसके अलावा स्थानीय खुफिया इकाई को सक्रिय कर दिया गया है। इस पदयात्रा को निकालने का आह्वान कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी ने किया है।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि जिले में धारा 163 लागू है। किसी को भी जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
दरअसल जामा मस्जिद को श्री हरिहर मंदिर होने का दावा 19 नवंबर 2024 को संभल की अदालत में किया गया था। इस दावे को किए हुए एक वर्ष बुधवार को हो रहा है। इस एक वर्ष के पूरा होने के उपलक्ष्य में यह पदयात्रा निकालने का आह्वान हुआ है। यह पदयात्रा जामा मस्जिद के आसपास निकालने की चर्चा है। पदयात्रा को परिक्रमा के रूप में की जाने की भी चर्चा चल रही है। इसको देखते हुए पुलिस-प्रशासन के अधिकारी अलर्ट हैं। निगरानी को बढ़ा दिया गया है।
पुलिस के अलावा पीएसी और आरआरएफ को प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया है। जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बैरिकेडिंग कर सुरक्षा को चाकचौबंद किया गया है। महंत ऋषिराज गिरि ने कह चुके हैं कि इस पदयात्रा का उद्देश्य अधिक से अधिक सनातनियों को जोड़ना और हरिहर स्थल की परिक्रमा करने का है।
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यह हैं वाद दायर करने वाले वादीगण
जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा कर वाद को दायर करने वाले वादीगण में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पार्थ यादव, महंत ऋषिराज गिरि, राकेश कुमार, जीतपाल सिंह यादव, मदनपाल, वेदपाल और दीनानाथ शामिल हैं।
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जामा मस्जिद का मामला यह था
19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में जो वाद दायर किया गया था, उसमें उन्होंने हरिहर मंदिर होने का दावा किया था। कोर्ट ने अधिवक्ता रमेश सिंह राघव को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया था। कोर्ट कमिश्नर 19 नवंबर को सर्वे करने के लिए पहुंचे थे लेकिन सर्वे पूरा नहीं हुआ था। इसके बाद 24 नवंबर को दोबारा से सर्वे करने के लिए गए थे। इस दौरान बवाल हो गया था। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस बवाल में 107 लोगाें की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस बवाल में सांसद जियाउर्रहमान बर्क, जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली भी आरोपी हैं।
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एएसआई की टीम से अभद्रता करने का दूसरा आरोपी गिरफ्तार नहीं
संभल। जामा मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों से अभद्रता करने में शामिल आरोपी काशिफ खान की पुलिस तलाश कर रही है। टीम आठ अक्तूबर को जामा मस्जिद के गुंबद का निरीक्षण करने के लिए पहुंची थी। इस दौरान टीम को रोका गया और अभद्रता की गई। पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और धमकाने की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इसमें एक आरोपी हफीज की गिरफ्तारी हो चुकी है। दूसरे आरोपी की तलाश की जा रही है। संवाद
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एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि जिले में धारा 163 लागू है। किसी को भी जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
दरअसल जामा मस्जिद को श्री हरिहर मंदिर होने का दावा 19 नवंबर 2024 को संभल की अदालत में किया गया था। इस दावे को किए हुए एक वर्ष बुधवार को हो रहा है। इस एक वर्ष के पूरा होने के उपलक्ष्य में यह पदयात्रा निकालने का आह्वान हुआ है। यह पदयात्रा जामा मस्जिद के आसपास निकालने की चर्चा है। पदयात्रा को परिक्रमा के रूप में की जाने की भी चर्चा चल रही है। इसको देखते हुए पुलिस-प्रशासन के अधिकारी अलर्ट हैं। निगरानी को बढ़ा दिया गया है।
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पुलिस के अलावा पीएसी और आरआरएफ को प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया है। जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बैरिकेडिंग कर सुरक्षा को चाकचौबंद किया गया है। महंत ऋषिराज गिरि ने कह चुके हैं कि इस पदयात्रा का उद्देश्य अधिक से अधिक सनातनियों को जोड़ना और हरिहर स्थल की परिक्रमा करने का है।
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यह हैं वाद दायर करने वाले वादीगण
जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा कर वाद को दायर करने वाले वादीगण में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पार्थ यादव, महंत ऋषिराज गिरि, राकेश कुमार, जीतपाल सिंह यादव, मदनपाल, वेदपाल और दीनानाथ शामिल हैं।
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जामा मस्जिद का मामला यह था
19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में जो वाद दायर किया गया था, उसमें उन्होंने हरिहर मंदिर होने का दावा किया था। कोर्ट ने अधिवक्ता रमेश सिंह राघव को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया था। कोर्ट कमिश्नर 19 नवंबर को सर्वे करने के लिए पहुंचे थे लेकिन सर्वे पूरा नहीं हुआ था। इसके बाद 24 नवंबर को दोबारा से सर्वे करने के लिए गए थे। इस दौरान बवाल हो गया था। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस बवाल में 107 लोगाें की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस बवाल में सांसद जियाउर्रहमान बर्क, जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली भी आरोपी हैं।
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एएसआई की टीम से अभद्रता करने का दूसरा आरोपी गिरफ्तार नहीं
संभल। जामा मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों से अभद्रता करने में शामिल आरोपी काशिफ खान की पुलिस तलाश कर रही है। टीम आठ अक्तूबर को जामा मस्जिद के गुंबद का निरीक्षण करने के लिए पहुंची थी। इस दौरान टीम को रोका गया और अभद्रता की गई। पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और धमकाने की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इसमें एक आरोपी हफीज की गिरफ्तारी हो चुकी है। दूसरे आरोपी की तलाश की जा रही है। संवाद

संभल में सत्यव्रत चौकी परिसर में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी पुलिस। संवाद