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Sant Kabir Nagar News: अस्थमा और फेफड़े के पुराने मरीजों की दिक्कतें बढ़ीं
संवाद न्यूज एजेंसी, संत कबीर नगर
Updated Sun, 21 Dec 2025 12:51 AM IST
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जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजो की भीड़-संवाद
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- लगातार बढ़ रही ठंड लोगों की सेहत पर भारी, शनिवार को जिला अस्पताल में सांस, अस्थमा और फेफड़े के पहुंचे 60 से अधिक मरीज
संतकबीरनगर। लगातार बढ़ रही ठंड लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगी है। ठंड और कोहरे के चलते सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्थमा और फेफड़ों की पुरानी बीमारी से ग्रसित मरीजों की दिक्कत बढ़ गई है।
जिला अस्पताल में शनिवार को 1100 मरीजों ने ओपीडी में पर्चा बनवाया। जिसमे करीब 60 से अधिक मरीज सांस, अस्थमा और फेफड़े से संंबंधित थे। मरीजों ने चिकित्सकों से परामर्श कर इलाज कराया। बढ़ती ठंड, कोहरा और प्रदूषण के कारण सांस संबंधी बीमारियों में इजाफा हुआ है। ठंड, कोहरा और बढ़ी नमी के कारण सांस की नलियों में संक्रमण और एलर्जी बढ़ रही है। सीने में जकड़न, तेज खांसी, घरघराहट, सांस फूलना, नाक बहना, गले में खराश और दमा के दौरे जैसी शिकायतों के साथ उपचार के लिए मरीज पहुंचे। अस्पताल में बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। चिकित्सक डॉ रमाशंकर ने ठंड से बचाव की सलाह देते हुए कहा कि सुबह-शाम ठंड में बाहर निकलने से बचें, गर्म कपड़े पहनें और सांस की पुरानी बीमारी से ग्रसित मरीज नियमित दवा लेते रहें। सावधानी बरतकर ही ठंड के मौसम में बीमारियों से बचा जा सकता है।
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सांस रोग के प्रमुख लक्षण
- सांस लेने में दिक्कत या घुटन महसूस होना
- सांस फूलना या तेजी से सांस चलना
- सीने में जकड़न या दर्द
- लगातार या तेज खांसी
- सांस लेते समय घरघराहट की आवाज
- गले में खराश और बलगम बनना
- नाक बहना या बंद रहना
- बच्चों में रोने के साथ सांस की परेशानी
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डॉक्टरों ने बताए बचाव के उपाय
- ठंड और कोहरे में सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें
- गर्म कपड़े, मफलर और टोपी का इस्तेमाल करें
- ठंडी हवा से बचने के लिए मुंह और नाक ढककर रखें
- धूल, धुआं और प्रदूषण से दूरी बनाए रखें
- सांस की पुरानी बीमारी वाले मरीज नियमित दवा लें
- घर के अंदर धुआं और नमी से बचाव करें
- गुनगुना पानी पीएं और संतुलित आहार लें
- बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें
- लक्षण बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
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संतकबीरनगर। लगातार बढ़ रही ठंड लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगी है। ठंड और कोहरे के चलते सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्थमा और फेफड़ों की पुरानी बीमारी से ग्रसित मरीजों की दिक्कत बढ़ गई है।
जिला अस्पताल में शनिवार को 1100 मरीजों ने ओपीडी में पर्चा बनवाया। जिसमे करीब 60 से अधिक मरीज सांस, अस्थमा और फेफड़े से संंबंधित थे। मरीजों ने चिकित्सकों से परामर्श कर इलाज कराया। बढ़ती ठंड, कोहरा और प्रदूषण के कारण सांस संबंधी बीमारियों में इजाफा हुआ है। ठंड, कोहरा और बढ़ी नमी के कारण सांस की नलियों में संक्रमण और एलर्जी बढ़ रही है। सीने में जकड़न, तेज खांसी, घरघराहट, सांस फूलना, नाक बहना, गले में खराश और दमा के दौरे जैसी शिकायतों के साथ उपचार के लिए मरीज पहुंचे। अस्पताल में बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। चिकित्सक डॉ रमाशंकर ने ठंड से बचाव की सलाह देते हुए कहा कि सुबह-शाम ठंड में बाहर निकलने से बचें, गर्म कपड़े पहनें और सांस की पुरानी बीमारी से ग्रसित मरीज नियमित दवा लेते रहें। सावधानी बरतकर ही ठंड के मौसम में बीमारियों से बचा जा सकता है।
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सांस रोग के प्रमुख लक्षण
- सांस लेने में दिक्कत या घुटन महसूस होना
- सांस फूलना या तेजी से सांस चलना
- सीने में जकड़न या दर्द
- लगातार या तेज खांसी
- सांस लेते समय घरघराहट की आवाज
- गले में खराश और बलगम बनना
- नाक बहना या बंद रहना
- बच्चों में रोने के साथ सांस की परेशानी
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डॉक्टरों ने बताए बचाव के उपाय
- ठंड और कोहरे में सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें
- गर्म कपड़े, मफलर और टोपी का इस्तेमाल करें
- ठंडी हवा से बचने के लिए मुंह और नाक ढककर रखें
- धूल, धुआं और प्रदूषण से दूरी बनाए रखें
- सांस की पुरानी बीमारी वाले मरीज नियमित दवा लें
- घर के अंदर धुआं और नमी से बचाव करें
- गुनगुना पानी पीएं और संतुलित आहार लें
- बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें
- लक्षण बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
