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Sant Kabir Nagar News: दिव्यांग बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने पर जोर
संवाद न्यूज एजेंसी, संत कबीर नगर
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:38 PM IST
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बीआरसी मेंहदावल सभागार में पांच दिवसीय समावेशी शिक्षा अंतर्गत प्रशिक्षण लेते नोडल शिक्षक-संवाद
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मेंहदावल। बीआरसी सभागार में समावेशी शिक्षा के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए नोडल शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पांच दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे चरण में शनिवार को छात्रों को शारीरिक, मानसिक रूप से मजबूत बनाने पर जोर दिया गया।
बीईओ महेंद्रनाथ त्रिपाठी ने कहा कि प्रशिक्षण का मकसद विद्यालयों के नोडल शिक्षकों को समावेशी शिक्षा के बारे में जानकारी देना। स्कूलों में लागू करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा में सभी छात्रों को शारीरिक, मानसिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास किया जाता है। छात्रों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है। छात्रों को उनकी क्षमताओं या अक्षमताओं के आधार पर अंकित नहीं किया जाता। समावेशी शिक्षा में छात्रों को स्कूल के जीवन के सभी पहलुओं में सीखने, योगदान देने और भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
समावेशी शिक्षा में छात्रों को समस्या के समाधान में शामिल किया जाता है। समावेशी शिक्षा में छात्रों में समुदाय की भावना बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रशिक्षक रत्नेश पाठक व शिव शरण शुक्ल ने विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों की क्षमता विकसित करने के उपकरणों के बारे में बताया। दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने की तरीकों के बारे में परिचित कराया गया। इस अवसर पर संजूलता, अनुपम कुमार, विवेक कुमार त्रिपाठी, अशोक कुमार पांडेय, समर बहादुर गुप्ता, संतोष कुमार, रेनू पांडेय, रुखसार जहां, शाहिना खातून, सोहनलाल, विंध्यवासिनी त्रिपाठी समेत कई मौजूद रहे।
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बीईओ महेंद्रनाथ त्रिपाठी ने कहा कि प्रशिक्षण का मकसद विद्यालयों के नोडल शिक्षकों को समावेशी शिक्षा के बारे में जानकारी देना। स्कूलों में लागू करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा में सभी छात्रों को शारीरिक, मानसिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास किया जाता है। छात्रों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है। छात्रों को उनकी क्षमताओं या अक्षमताओं के आधार पर अंकित नहीं किया जाता। समावेशी शिक्षा में छात्रों को स्कूल के जीवन के सभी पहलुओं में सीखने, योगदान देने और भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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समावेशी शिक्षा में छात्रों को समस्या के समाधान में शामिल किया जाता है। समावेशी शिक्षा में छात्रों में समुदाय की भावना बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रशिक्षक रत्नेश पाठक व शिव शरण शुक्ल ने विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों की क्षमता विकसित करने के उपकरणों के बारे में बताया। दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने की तरीकों के बारे में परिचित कराया गया। इस अवसर पर संजूलता, अनुपम कुमार, विवेक कुमार त्रिपाठी, अशोक कुमार पांडेय, समर बहादुर गुप्ता, संतोष कुमार, रेनू पांडेय, रुखसार जहां, शाहिना खातून, सोहनलाल, विंध्यवासिनी त्रिपाठी समेत कई मौजूद रहे।
