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Shahjahanpur News: साइकिल का कारोबार भरेगा उड़ान, सीमेंट सस्ता होने से निर्माण में आएगी तेजी

संवाद न्यूज एजेंसी, शाहजहांपुर Published by: बरेली ब्यूरो Updated Fri, 05 Sep 2025 12:11 AM IST
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Bicycle business will take off construction will accelerate due to cheaper cement
रनदीप सिंह बग्गा। - फोटो : संवाद
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केंद्र सरकार ने जीएसटी के दो स्लैब खत्म करते हुए 175 से अधिक वस्तुओं को सस्ता करने का रास्ता साफ कर दिया है। साइकिल, सीमेंट समेत कई वस्तुओं के सस्ते होने से लोगों को राहत मिलेगी। मकान बनाना सस्ता होने की उम्मीद जगी है। वहीं साइकिल का कारोबार एक बार फिर से उड़ान भर सकेगा। वहीं, उद्यमियों को राहत नहीं मिल सकी है। उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं हैं।
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शाहजहांपुर के कर विशेषज्ञ अक्षत सक्सेना ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्णय का सीधा असर आम जनता, कारोबार व राज्यों की आय पर पड़ेगा। रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं पर जीएसटी 12 से पांच प्रतिशत कर दी है। इससे छोटे दुकानदारों की बिक्री भी बढ़ेगी। महंगाई का दबाव कम होगा और त्योहारों में खपत बढ़ेगी। व्यापारियाें को बढ़ती मांग का सीधा फायदा होगा।
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सीमेंट पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी 
बिल्डिंग मैटेरियल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र राठी ने कहा कि सीमेंट पर 28 के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी होने से मार्केट में उछाल आएगा। बशर्ते कंपनियां अपने रेट नहीं बढ़ाएं। जीएसटी स्लैब कम होने से लोग निर्माण शुरू करा सकेंगे। इससे आमजन को फायदा होगा। सरकार का निर्णय काफी हद तक बेहतर है। इमारतें, कॉलोनी बनने से देश का विकास होगा। व्यापारी भी लाभ उठाएंगे।

साइकिल व्यापारी रनदीप सिंह बग्गा ने कहा कि अब तक साइकिल की मांग काफी कम थी। साइकिल पर टैक्स स्लैब पांच प्रतिशत रह जाने से साइकिल की बिक्री बढ़ जाएगी। अब प्रत्येक व्यक्ति साइकिल खरीद सकेगा। रेट अधिक होने के कारण लोग काफी कम साइकिल खरीदते थे।

आईआईए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि प्लाईवुड के दाम कम नहीं किए गए हैं। हमारी मांगें पूरी नहीं हुई है। हालांकि, विभिन्न वस्तुओं पर स्लैब कम होने से मांग बढ़ने से उद्यमियों को फायदा होगा। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। अपनी मांगों को लेकर प्रयास कर रहे हैं।

आईआईए के जिला उपाध्यक्ष हेमंत रोहरा ने कहा कि फैक्टरी में कैरी बैग का निर्माण होता है। रॉ मैटरियल पर जीएसटी कम हो गई है। तैयार माल पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। ऐसे में हमारा नुकसान हो रहा है। कैरी बैग रोजमर्रा की श्रेणी में आता है। हालांकि, नोटिफिकेशन आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।

 

 

 

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