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Shahjahanpur News: कॉलेज से ही मिले कॅरिअर का रास्ता, एआई का उपयोग भी सिखाया जाए
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खिरनीबाग स्थित जीएफ कॉलेज हॉस्टल में चर्चा करते छात्र। संवाद
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शाहजहांपुर। सदर बाजार से जीआईसी खेल मैदान की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित जीएफ कॉलेज छात्रावास में बुधवार को चर्चा में एआई के नफा-नुकसान के साथ ही कॉलेज स्तर से ही कॅरिअर में आगे बढ़ने का रास्ता सुलभ कराने पर छात्रों ने विचार रखे। शिक्षण कार्य में एआई के फायदे और नुकसान, कॉलेजों में कॅरिअर काउंसलिंग समेत कई बिंदुओं पर चर्चा हुई।
बुधवार शाम करीब चार बजे कुर्सियाें पर सीनियर छात्र बैठे थे तो जूनियर उनके पीछे खड़े थे। सबसे पहले मास्टर एंड कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहे अंबुज कुमार ने पढ़ाई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की बात को छेड़ दिया। बोले-एआई फायदेमंद है तो नुकसान भी कम नहीं है। एआई के जरिये थोड़ी सी जानकारी कुछ मिनट में सामने आ जाती है, फोटो, वीडियो बन सकते हैं तो इसमें डाटा साझा होने से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
हालांकि छात्र इस बात से भी सहमत थे कि कॉलेज में युवाओं को एआई का इस्तेमाल करना सिखाया जाना चाहिए। उनकी बात खत्म नहीं हो पाई थी कि तभी एमएससी के छात्र सुशील कुमार बोल पड़े कि वर्ष 2020 में लागू पाठ्यक्रम सही से लागू होने से पढ़ाई सही दिशा में जा सकती है।
उनकी बात को बीच में रोकते हुए अरविंद कुमार ने नई शिक्षा नीति में सेमेस्टर व्यवस्था का मुद्दा उठा दिया। बोले-पहले कक्षाएं ठीक से चलतीं थी। अब सेमेस्टर व्यवस्था होने से विद्यार्थी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। हर छह महीने के बाद परीक्षा आ जाती है।
इसके लिए कुछ विकल्प निकालने की आवश्यकता है। तभी राहुल गौतम बोल पड़े। कहने लगे कि शिक्षण कार्य के दौरान ही कॅरिअर काउंसलिंग की व्यवस्था भी होना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को भविष्य में कॅरिअर के रास्ते प्रशस्त होंगे।
आमतौर पर कॉलेजों में इसकी व्यवस्था ठीक से नहीं होती है। इसका भी समाधान निकाला जाए। इस बीच सौरभ सिंघानिया, लालमणि, अवध कुमार, सुमित, संजीव कुमार, प्रांजल, विपिन कुमार आदि ने भी शिक्षा की विभिन्न बिंदुओं पर विचार रखे।

बुधवार शाम करीब चार बजे कुर्सियाें पर सीनियर छात्र बैठे थे तो जूनियर उनके पीछे खड़े थे। सबसे पहले मास्टर एंड कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहे अंबुज कुमार ने पढ़ाई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की बात को छेड़ दिया। बोले-एआई फायदेमंद है तो नुकसान भी कम नहीं है। एआई के जरिये थोड़ी सी जानकारी कुछ मिनट में सामने आ जाती है, फोटो, वीडियो बन सकते हैं तो इसमें डाटा साझा होने से नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
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हालांकि छात्र इस बात से भी सहमत थे कि कॉलेज में युवाओं को एआई का इस्तेमाल करना सिखाया जाना चाहिए। उनकी बात खत्म नहीं हो पाई थी कि तभी एमएससी के छात्र सुशील कुमार बोल पड़े कि वर्ष 2020 में लागू पाठ्यक्रम सही से लागू होने से पढ़ाई सही दिशा में जा सकती है।
उनकी बात को बीच में रोकते हुए अरविंद कुमार ने नई शिक्षा नीति में सेमेस्टर व्यवस्था का मुद्दा उठा दिया। बोले-पहले कक्षाएं ठीक से चलतीं थी। अब सेमेस्टर व्यवस्था होने से विद्यार्थी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। हर छह महीने के बाद परीक्षा आ जाती है।
इसके लिए कुछ विकल्प निकालने की आवश्यकता है। तभी राहुल गौतम बोल पड़े। कहने लगे कि शिक्षण कार्य के दौरान ही कॅरिअर काउंसलिंग की व्यवस्था भी होना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को भविष्य में कॅरिअर के रास्ते प्रशस्त होंगे।
आमतौर पर कॉलेजों में इसकी व्यवस्था ठीक से नहीं होती है। इसका भी समाधान निकाला जाए। इस बीच सौरभ सिंघानिया, लालमणि, अवध कुमार, सुमित, संजीव कुमार, प्रांजल, विपिन कुमार आदि ने भी शिक्षा की विभिन्न बिंदुओं पर विचार रखे।