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Shamli News: इनामी ने पंजाब, चेन्नई व साउथ दिल्ली में खड़ी की करोड़ों की प्रॉपर्टी
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शामली। झिंझाना थाना क्षेत्र के वेदखेड़ी गांव के जंगल में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया बावरिया गिरोह का सरगना सवा लाख का इनामी मिथुन अपराध की दुनिया में वर्ष 2009 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से स्नेचिंग कर उतरा था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि अपराध से जुटाई गई रकम से उसने पंजाब के खन्ना, जयपुर से लेकर साउथ दिल्ली और चेन्नई तक करोड़ों की प्रॉपर्टी खड़ी कर दी थी।
एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, शामली और बागपत के अलावा नई दिल्ली, चेन्नई, तमिलनाडु व हरियाणा समेत विभिन्न स्थानों पर मिथुन अपने गिरोह के साथ मिलकर बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहा था।
जांच में सामने आया है कि मिथुन ने बॉलीवुड फिल्म धूम 3 देखने के बाद आमिर खान की तरह भेष बदलकर और नाम बदलकर वारदात करना शुरू कर दिया था। पूर्व में आदर्श मंडी पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर भी उसने स्वीकार किया कि उसने धूम 2 फिल्म देखकर ही वारदातों को अंदाम देना शुरू किया था। पीड़ितों को लूटने के बाद वह अपना नाम अनिल, बलबीर, डॉन, धर्मेंद्र या मिथुन चक्रवर्ती बताता था। धमकी देता था कि पुलिस को मेरा नाम बता देना, पुलिस भी कुछ नहीं कर पाएगी।
जांच में यह भी सामने आया है कि चेन्नई और तमिलनाडु में गिरोह ने अनेक लूट और स्नेचिंग की वारदातें कीं। इसके लिए मिथुन कभी हवाई जहाज तो कभी ट्रेन से यात्रा करता था। वह दो–तीन महीने में एक बार शामली आता था। पुलिस अब उसकी अन्य संपत्तियों की भी जांच कर रही है। फिलहाल चार जगहों पर संपत्ति मिलने की पुष्टि हुई है। एसपी ने बताया कि गिरोह के वांछित सदस्य जल्द ही गिरफ्तार किए जाएंगे।
दीपावली पूजन के बाद हत्या या लूट को अंजाम देता था गिरोह
शामली। एसपी ने बताया कि बावरिया गिरोह की खास बात यह थी कि दीपावली पर घर में पूजा-अर्चना करने के बाद वे किसी भी स्थान पर हत्या या लूट की वारदात करते थे।
पिछली दीपावली पर भी मिथुन शामली के गांव अलाउद्दीनपुर पहुंचा था। पूजा-अर्चना की, मगर पुलिस की भनक लगने पर वह पूजा के तुरंत बाद चकमा देकर भाग गया था। तब से पुलिस उसकी तलाश में थी, जो आखिरकार मुठभेड़ में समाप्त हुई।
टेलीग्राम से करता था संपर्क
पुलिस के अनुसार, गिरोह के सदस्य मोबाइल कॉल करने से बचते थे ताकि पुलिस लोकेशन ट्रेस न कर सके। वे सिर्फ टेलीग्राम एप के माध्यम से संपर्क में रहते थे। किस स्थान पर वारदात करनी है, इसका निर्देश मिथुन ही देता था।
बावरिया गैंग की कहानी
मिथुन शामली के अलाउद्दीनपुर गांव का रहने वाला है। बावरिया गिरोह का एक अलग ग्रुप बना है, जिसमें अब तक नौ सदस्यों के नाम सामने आए हैं। सबको अलग-अलग राज्यों में वारदात की जिम्मेदारी दी गई थी। मिथुन के इशारे पर ही वारदातें होती थीं। वारदात के बाद सभी एक साथ जश्न मनाते थे। जो भी पैसा मिलता, उसे बराबर-बराबर बांटा जाता था।
2009 में किया पहला अपराध, अब तक 20 से अधिक केस दर्ज
शामली। पुलिस के अनुसार, वर्ष 2009 में मिथुन ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहली स्नेचिंग की थी। इसके बाद शामली, चेन्नई, आंध्र प्रदेश, झिंझाना और अन्य स्थानों पर लगातार हत्या, लूट, चोरी की वारदातें कीं। उसके खिलाफ अब तक 20 से अधिक मामले दर्ज होने की पुष्टि हुई है।पहले वह अकेले स्नेचिंग करता था, लेकिन वर्ष 2011 के बाद गिरोह बनाकर लगातार बड़ी वारदातें करने लगा। वह वेस्ट यूपी और अन्य राज्यों में वारदात करने के बाद इन्हीं ठिकानों पर शरण लेता था।
तमिलनाडु में बना ‘नितिन’, दिल्ली में बन गया ‘कमलेंद्र'
फर्जी आधार कार्ड तैयार कराकर नई दिल्ली, चेन्नई व तमिलनाडु में जेल गया था मिथुन
फर्जी आधार कार्ड के सहारे हर बार बदल लेता था पहचान
पुलिस जांच में सामने आए कई चौंकाने वाले तथ्य
फोटो
संवाद न्यूज एजेंसी
शामली/बिडौली। मुठभेड़ में मारा गया इनामी मिथुन कितना शातिर था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब भी उसे पुलिस पकड़ती थी तो वह कुछ लोगों की मदद से फर्जी नाम से आधार कार्ड तैयार करा लेता था और पुलिस को हर बार अलग नाम बता देता था।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि वर्ष 2015 में जब चेन्नई पुलिस ने मिथुन को पकड़ा था तो उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए खुद को अनिल बताया था। नई दिल्ली पुलिस ने स्नेचिंग के मामले में गिरफ्तार किया तो उसने अपना नाम कमलेंद्र बताया। वहीं तमिलनाडु में उसने पुलिस स्टेशन में नितिन नाम का फर्जी आधार कार्ड जमा कराया था ताकि जेल से छूटने के बाद उसकी असली पहचान तक किसी को न पता चले।
गिरोह के सदस्य की पत्नी के साथ लिव–इन में रह रहा था
शामली। एसपी के अनुसार, जांच में पता चला है कि मिथुन वर्तमान में अपने ही गिरोह के एक सदस्य की पत्नी के साथ कभी पंजाब तो कभी दिल्ली में लिव-इन में रह रहा था। माना जा रहा है कि लिव–इन में रह रही महिला और गिरोह के अन्य सदस्य ही मिथुन के फर्जी आधार कार्ड बनवाते थे। पुलिस महिला और उसके परिजनों से भी पूछताछ करेगी।
...........इनामी बदमाशों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत ही इनामी मिथुन को मुठभेड़ में ढेर किया गया है। जल्द ही अन्य बदमाशों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। -अभिषेक सिंह, डीआईजी सहारनपुर मंडल
चेन्नई से वेस्ट यूपी में सप्लाई हो रहे विदेशी हथियार
: इनामी मिथुन के पास से विदेशी कर्बाइन और मेड इन इटली पिस्टल बरामद
: चेन्नई पुलिस से मिली अहम जानकारी
हारुन सैफी/सादिक चौधरी
झिंझाना/बिडौली। चेन्नई से शामली व बागपत सहित वेस्ट यूपी के कई जिलों में विदेशी हथियार सप्लाई किए जाने की आशंका गहराती जा रही है। पुलिस को इस संबंध में अहम जानकारी हाथ लगी है। सवा लाख के इनामी मिथुन के एनकाउंटर के बाद चेन्नई पुलिस ने हथियार सप्लाई नेटवर्क से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा की हैं।
दरअसल, मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मिथुन के पास से विदेशी कर्बाइन और मेड इन इटली पिस्टल बरामद की थी। एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि चेन्नई का एक गिरोह वेस्ट यूपी में लगातार हथियारों की सप्लाई कर रहा है। बावरिया गिरोह के सदस्य भी इस नेटवर्क से जुड़े पाए गए हैं।
पुलिस का कहना है कि चेन्नई पुलिस के सहयोग से हथियार तस्करी नेटवर्क पर जल्द ही कड़ा शिकंजा कसा जाएगा। कई महत्वपूर्ण कड़ियों को जोड़ने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस टीमें लगातार संपर्क में हैं।
दिल्ली और तमिलनाडु पुलिस ने भी दबोचे थे गिरोह के सदस्य
शामली। करीब दो महीने पहले मिथुन गिरोह से जुड़े एक सदस्य अनिल को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वहीं गिरोह के दूसरे सदस्य को तमिलनाडु पुलिस ने पकड़ा था। दोनों की गिरफ्तारी से भी इस नेटवर्क के बारे में कई जानकारियां मिली थीं। पुलिस अब इन लिंक का विश्लेषण कर तस्करी नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने की तैयारी में है।
यह है मामला
झिंझाना पुलिस की सोमवार की देर रात वेदखेड़ी मार्ग पर बदमाशों से मुठभेड़ हुई थी, जिसमें पुलिस ने सवा लाख के इनामी अलाउद्दीनपुर के मिथुन को मार गिराया था, जबकि उसका साथी मौके से भागने में सफल रहा था। पुलिस की गोली लगने से हेड कांस्टेबल हरविंदर घायल हो गए थे, जबकि झिंझाना थाना प्रभारी वीरेद्र कसाना और एसओजी टीम इंचार्ज बाल बाल बचे थे। उनकी बुलेटप्रूफ जैकेट में गोली फंस गई थी। घायल सिपाही को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, शामली और बागपत के अलावा नई दिल्ली, चेन्नई, तमिलनाडु व हरियाणा समेत विभिन्न स्थानों पर मिथुन अपने गिरोह के साथ मिलकर बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहा था।
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जांच में सामने आया है कि मिथुन ने बॉलीवुड फिल्म धूम 3 देखने के बाद आमिर खान की तरह भेष बदलकर और नाम बदलकर वारदात करना शुरू कर दिया था। पूर्व में आदर्श मंडी पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर भी उसने स्वीकार किया कि उसने धूम 2 फिल्म देखकर ही वारदातों को अंदाम देना शुरू किया था। पीड़ितों को लूटने के बाद वह अपना नाम अनिल, बलबीर, डॉन, धर्मेंद्र या मिथुन चक्रवर्ती बताता था। धमकी देता था कि पुलिस को मेरा नाम बता देना, पुलिस भी कुछ नहीं कर पाएगी।
जांच में यह भी सामने आया है कि चेन्नई और तमिलनाडु में गिरोह ने अनेक लूट और स्नेचिंग की वारदातें कीं। इसके लिए मिथुन कभी हवाई जहाज तो कभी ट्रेन से यात्रा करता था। वह दो–तीन महीने में एक बार शामली आता था। पुलिस अब उसकी अन्य संपत्तियों की भी जांच कर रही है। फिलहाल चार जगहों पर संपत्ति मिलने की पुष्टि हुई है। एसपी ने बताया कि गिरोह के वांछित सदस्य जल्द ही गिरफ्तार किए जाएंगे।
दीपावली पूजन के बाद हत्या या लूट को अंजाम देता था गिरोह
शामली। एसपी ने बताया कि बावरिया गिरोह की खास बात यह थी कि दीपावली पर घर में पूजा-अर्चना करने के बाद वे किसी भी स्थान पर हत्या या लूट की वारदात करते थे।
पिछली दीपावली पर भी मिथुन शामली के गांव अलाउद्दीनपुर पहुंचा था। पूजा-अर्चना की, मगर पुलिस की भनक लगने पर वह पूजा के तुरंत बाद चकमा देकर भाग गया था। तब से पुलिस उसकी तलाश में थी, जो आखिरकार मुठभेड़ में समाप्त हुई।
टेलीग्राम से करता था संपर्क
पुलिस के अनुसार, गिरोह के सदस्य मोबाइल कॉल करने से बचते थे ताकि पुलिस लोकेशन ट्रेस न कर सके। वे सिर्फ टेलीग्राम एप के माध्यम से संपर्क में रहते थे। किस स्थान पर वारदात करनी है, इसका निर्देश मिथुन ही देता था।
बावरिया गैंग की कहानी
मिथुन शामली के अलाउद्दीनपुर गांव का रहने वाला है। बावरिया गिरोह का एक अलग ग्रुप बना है, जिसमें अब तक नौ सदस्यों के नाम सामने आए हैं। सबको अलग-अलग राज्यों में वारदात की जिम्मेदारी दी गई थी। मिथुन के इशारे पर ही वारदातें होती थीं। वारदात के बाद सभी एक साथ जश्न मनाते थे। जो भी पैसा मिलता, उसे बराबर-बराबर बांटा जाता था।
2009 में किया पहला अपराध, अब तक 20 से अधिक केस दर्ज
शामली। पुलिस के अनुसार, वर्ष 2009 में मिथुन ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहली स्नेचिंग की थी। इसके बाद शामली, चेन्नई, आंध्र प्रदेश, झिंझाना और अन्य स्थानों पर लगातार हत्या, लूट, चोरी की वारदातें कीं। उसके खिलाफ अब तक 20 से अधिक मामले दर्ज होने की पुष्टि हुई है।पहले वह अकेले स्नेचिंग करता था, लेकिन वर्ष 2011 के बाद गिरोह बनाकर लगातार बड़ी वारदातें करने लगा। वह वेस्ट यूपी और अन्य राज्यों में वारदात करने के बाद इन्हीं ठिकानों पर शरण लेता था।
तमिलनाडु में बना ‘नितिन’, दिल्ली में बन गया ‘कमलेंद्र'
फर्जी आधार कार्ड तैयार कराकर नई दिल्ली, चेन्नई व तमिलनाडु में जेल गया था मिथुन
फर्जी आधार कार्ड के सहारे हर बार बदल लेता था पहचान
पुलिस जांच में सामने आए कई चौंकाने वाले तथ्य
फोटो
संवाद न्यूज एजेंसी
शामली/बिडौली। मुठभेड़ में मारा गया इनामी मिथुन कितना शातिर था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब भी उसे पुलिस पकड़ती थी तो वह कुछ लोगों की मदद से फर्जी नाम से आधार कार्ड तैयार करा लेता था और पुलिस को हर बार अलग नाम बता देता था।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि वर्ष 2015 में जब चेन्नई पुलिस ने मिथुन को पकड़ा था तो उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए खुद को अनिल बताया था। नई दिल्ली पुलिस ने स्नेचिंग के मामले में गिरफ्तार किया तो उसने अपना नाम कमलेंद्र बताया। वहीं तमिलनाडु में उसने पुलिस स्टेशन में नितिन नाम का फर्जी आधार कार्ड जमा कराया था ताकि जेल से छूटने के बाद उसकी असली पहचान तक किसी को न पता चले।
गिरोह के सदस्य की पत्नी के साथ लिव–इन में रह रहा था
शामली। एसपी के अनुसार, जांच में पता चला है कि मिथुन वर्तमान में अपने ही गिरोह के एक सदस्य की पत्नी के साथ कभी पंजाब तो कभी दिल्ली में लिव-इन में रह रहा था। माना जा रहा है कि लिव–इन में रह रही महिला और गिरोह के अन्य सदस्य ही मिथुन के फर्जी आधार कार्ड बनवाते थे। पुलिस महिला और उसके परिजनों से भी पूछताछ करेगी।
...........इनामी बदमाशों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत ही इनामी मिथुन को मुठभेड़ में ढेर किया गया है। जल्द ही अन्य बदमाशों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। -अभिषेक सिंह, डीआईजी सहारनपुर मंडल
चेन्नई से वेस्ट यूपी में सप्लाई हो रहे विदेशी हथियार
: इनामी मिथुन के पास से विदेशी कर्बाइन और मेड इन इटली पिस्टल बरामद
: चेन्नई पुलिस से मिली अहम जानकारी
हारुन सैफी/सादिक चौधरी
झिंझाना/बिडौली। चेन्नई से शामली व बागपत सहित वेस्ट यूपी के कई जिलों में विदेशी हथियार सप्लाई किए जाने की आशंका गहराती जा रही है। पुलिस को इस संबंध में अहम जानकारी हाथ लगी है। सवा लाख के इनामी मिथुन के एनकाउंटर के बाद चेन्नई पुलिस ने हथियार सप्लाई नेटवर्क से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा की हैं।
दरअसल, मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मिथुन के पास से विदेशी कर्बाइन और मेड इन इटली पिस्टल बरामद की थी। एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि चेन्नई का एक गिरोह वेस्ट यूपी में लगातार हथियारों की सप्लाई कर रहा है। बावरिया गिरोह के सदस्य भी इस नेटवर्क से जुड़े पाए गए हैं।
पुलिस का कहना है कि चेन्नई पुलिस के सहयोग से हथियार तस्करी नेटवर्क पर जल्द ही कड़ा शिकंजा कसा जाएगा। कई महत्वपूर्ण कड़ियों को जोड़ने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस टीमें लगातार संपर्क में हैं।
दिल्ली और तमिलनाडु पुलिस ने भी दबोचे थे गिरोह के सदस्य
शामली। करीब दो महीने पहले मिथुन गिरोह से जुड़े एक सदस्य अनिल को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वहीं गिरोह के दूसरे सदस्य को तमिलनाडु पुलिस ने पकड़ा था। दोनों की गिरफ्तारी से भी इस नेटवर्क के बारे में कई जानकारियां मिली थीं। पुलिस अब इन लिंक का विश्लेषण कर तस्करी नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने की तैयारी में है।
यह है मामला
झिंझाना पुलिस की सोमवार की देर रात वेदखेड़ी मार्ग पर बदमाशों से मुठभेड़ हुई थी, जिसमें पुलिस ने सवा लाख के इनामी अलाउद्दीनपुर के मिथुन को मार गिराया था, जबकि उसका साथी मौके से भागने में सफल रहा था। पुलिस की गोली लगने से हेड कांस्टेबल हरविंदर घायल हो गए थे, जबकि झिंझाना थाना प्रभारी वीरेद्र कसाना और एसओजी टीम इंचार्ज बाल बाल बचे थे। उनकी बुलेटप्रूफ जैकेट में गोली फंस गई थी। घायल सिपाही को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
