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Shamli News: लावारिस कुत्तों ने छह लोगों को काटा
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शामली/कांधला। जिले में लावारिस कुत्तों की दहशत थमने का नाम नहीं ले रही। झुंडों में घूम रहे कुत्ते महिला, पुरुष और बच्चों पर हमला कर रहे हैं और उन्हें घायल कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से अब तक कुत्तों को पकड़वाने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया गया है।
रविवार को मोहल्ला रायजादगान में चार वर्षीय फैज, 35 वर्षीय महिला साइन, मुबैश, 11 वर्षीय किशोरी आजिया, 38 वर्षीय कादिर और गढ़ी रामकौर निवासी जयवीर को कुत्तों ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। सभी घायलों को उनके परिजनों ने नगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद सभी को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई। मासूम और किशोरी को गंभीर हालत में दिल्ली के अस्पताल में रेफर किया गया।
कस्बे के मोहनराम, मोहित कुमार, अनुज सिंह और राजेंद्र ने बताया कि जिले एवं आसपास के इलाकों में इन दिनों लावारिस कुत्तों के झुंड गलियों में घूमते हैं और मौका पाते ही हमला कर देते हैं। पूर्व में भी कस्बा निवासी राजीव शर्मा और ढुंडार गांव के किशोर त्रिदेव की कुत्ते के हमले से मौत हो चुकी है।
लोगों ने जिला प्रशासन से आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर हाउस में भेजने और गलियों से हटाने की मांग की है ताकि भविष्य में किसी की जान को खतरा न हो।
सीरम इंजेक्शन की कमी
यदि किसी मरीज को कुत्ता या बंदर काट ले तो गंभीर चोट की स्थिति में सीरम इंजेक्शन की आवश्यकता होती है। जिले के अस्पतालों में सीरम की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को मेरठ या दिल्ली के उच्च केंद्रों में रेफर करना पड़ता है। हालांकि जिला अस्पताल में सुविधा उपलब्ध है।
नगरपालिका की उपेक्षा
नगरपालिका व नगर पंचायतों में लावारिस कुत्तों को पकड़कर सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके चलते कुत्ते सड़कों व गलियों में घूमते रहते हैं। पालतू कुत्तों के पंजीकरण की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
कोट:
जिले की सभी सीएचसी और जिला अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। कुत्तों या बंदरों के काटने पर अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन निशुल्क लगवाया जा सकता है।
- डॉ. अनिल कुमार, सीएमओ
सरकारी अस्पताल में इलाज के बावजूद व्यक्ति की हो गई थी मौत
कांधला के मोहल्ला जाट कॉलोनी निवासी राजबीरी ने बताया था कि उनके पति प्रमोद कुमार को 27 जनवरी 2016 को पागल कुत्ते ने काट लिया था। सरकारी अस्पताल में नियमानुसार इलाज के बावजूद उनकी मौत हो गई थी। इसके चलते जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कांधला नगरपालिका के ईओ पर सेवा में कमी और लापरवाही के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
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रविवार को मोहल्ला रायजादगान में चार वर्षीय फैज, 35 वर्षीय महिला साइन, मुबैश, 11 वर्षीय किशोरी आजिया, 38 वर्षीय कादिर और गढ़ी रामकौर निवासी जयवीर को कुत्तों ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। सभी घायलों को उनके परिजनों ने नगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद सभी को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई। मासूम और किशोरी को गंभीर हालत में दिल्ली के अस्पताल में रेफर किया गया।
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कस्बे के मोहनराम, मोहित कुमार, अनुज सिंह और राजेंद्र ने बताया कि जिले एवं आसपास के इलाकों में इन दिनों लावारिस कुत्तों के झुंड गलियों में घूमते हैं और मौका पाते ही हमला कर देते हैं। पूर्व में भी कस्बा निवासी राजीव शर्मा और ढुंडार गांव के किशोर त्रिदेव की कुत्ते के हमले से मौत हो चुकी है।
लोगों ने जिला प्रशासन से आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर हाउस में भेजने और गलियों से हटाने की मांग की है ताकि भविष्य में किसी की जान को खतरा न हो।
सीरम इंजेक्शन की कमी
यदि किसी मरीज को कुत्ता या बंदर काट ले तो गंभीर चोट की स्थिति में सीरम इंजेक्शन की आवश्यकता होती है। जिले के अस्पतालों में सीरम की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को मेरठ या दिल्ली के उच्च केंद्रों में रेफर करना पड़ता है। हालांकि जिला अस्पताल में सुविधा उपलब्ध है।
नगरपालिका की उपेक्षा
नगरपालिका व नगर पंचायतों में लावारिस कुत्तों को पकड़कर सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके चलते कुत्ते सड़कों व गलियों में घूमते रहते हैं। पालतू कुत्तों के पंजीकरण की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
कोट:
जिले की सभी सीएचसी और जिला अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। कुत्तों या बंदरों के काटने पर अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन निशुल्क लगवाया जा सकता है।
- डॉ. अनिल कुमार, सीएमओ
सरकारी अस्पताल में इलाज के बावजूद व्यक्ति की हो गई थी मौत
कांधला के मोहल्ला जाट कॉलोनी निवासी राजबीरी ने बताया था कि उनके पति प्रमोद कुमार को 27 जनवरी 2016 को पागल कुत्ते ने काट लिया था। सरकारी अस्पताल में नियमानुसार इलाज के बावजूद उनकी मौत हो गई थी। इसके चलते जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कांधला नगरपालिका के ईओ पर सेवा में कमी और लापरवाही के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
