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Shamli News: शामली में बिक रहा हरियाणा व पंजाब से आने वाला नशा
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शामली। हरियाणा और पंजाब से हेरोइन, स्मैक व अन्य नशे की सप्लाई किए जाने का मामला सामने आया है। रविवार को एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने जिलेभर के नशा मुक्ति केंद्र संचालकों, मनोचिकित्सकों व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें यह जानकारी सामने आई।
बैठक में बताया गया कि जिले में नशे की बिक्री पर पुलिस के शिकंजा कसने के बाद हरियाणा के करनाल, रोहतक, पानीपत और पंजाब के लुधियाना व रोपड़ से नशे की पुड़िया बनाकर शामली जिले में सप्लाई की जा रही है। नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती मरीजों ने काउंसिलिंग के दौरान यह जानकारी दी है।
नशे की लत छुड़वाने के लिए पुलिस ने ठोस पहल शुरू कर दी है। जिले के नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती मरीजों की बेहतर देखरेख और इलाज के लिए अब साइकोटिक स्पेशलिस्ट की निगरानी बढ़ाई जाएगी। बैठक में संचालकों ने बाहरी राज्यों से आने वाले नशे पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कैराना से लेकर झिंझाना क्षेत्र तक कई नशा तस्करों को जेल भेजा जा चुका है, लेकिन नशा मुक्ति केंद्रों में आने वाले युवाओं की काउंसिलिंग से पता चला है कि हरियाणा और पंजाब के गिरोह जिले में नशा सप्लाई कर रहे हैं।
जिले में इस समय 16 बड़े नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं, जिनमें दो हजार से अधिक लोग नशे की लत छुड़वाने के लिए भर्ती हैं। इनमें न केवल शामली, बल्कि हरियाणा के सोनीपत, पानीपत, रोहतक सहित अन्य जिलों के लोग भी शामिल हैं। बैठक में यह भी सामने आया कि नशा मुक्ति केंद्रों में मानसिक रोग विशेषज्ञों और साइकोटिक स्पेशलिस्ट की कमी है।
एसपी ने बताया कि जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान से वार्ता कर नशा मुक्ति केंद्रों में विशेषज्ञों की निगरानी बढ़ाई जाएगी, ताकि मरीजों के केंद्र से बाहर जाने के बाद दोबारा नशे की लत न लगे।
नशे की लत भी एक मानसिक बीमारी
बैठक में मौजूद मनोचिकित्सकों ने बताया कि नशे की लत एक प्रकार की मानसिक बीमारी है। लगातार सेवन से व्यक्ति का शरीर और मानसिक स्थिति दोनों खराब हो जाते हैं और वह सामान्य जीवन जीने में असमर्थ हो जाता है।
पुलिस खुद छुड़ाएगी नशा
एसपी ने कहा कि पुलिस मित्रों व गणमान्य लोगों के सहयोग से नशा करने वालों की पहचान कर उनका नशा छुड़ाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके लिए नशा करने वालों का ब्योरा एकत्र कर काउंसिलिंग कराई जाएगी, जिसमें नशा मुक्ति केंद्र संचालक भी सहयोग करेंगे। साथ ही हरियाणा व पंजाब के विभिन्न जिलों के एसपी से वार्ता कर नशा सप्लाई करने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
अधिकतर युवा हो रहे शिकार
नशा मुक्ति केंद्र संचालकों ने बताया कि वर्तमान में 17 से 30 वर्ष आयु वर्ग के युवा बड़ी संख्या में नशे की लत का शिकार हो रहे हैं, जिन्हें इलाज व काउंसिलिंग के लिए केंद्रों में भर्ती कराया जा रहा है।
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बैठक में बताया गया कि जिले में नशे की बिक्री पर पुलिस के शिकंजा कसने के बाद हरियाणा के करनाल, रोहतक, पानीपत और पंजाब के लुधियाना व रोपड़ से नशे की पुड़िया बनाकर शामली जिले में सप्लाई की जा रही है। नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती मरीजों ने काउंसिलिंग के दौरान यह जानकारी दी है।
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नशे की लत छुड़वाने के लिए पुलिस ने ठोस पहल शुरू कर दी है। जिले के नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती मरीजों की बेहतर देखरेख और इलाज के लिए अब साइकोटिक स्पेशलिस्ट की निगरानी बढ़ाई जाएगी। बैठक में संचालकों ने बाहरी राज्यों से आने वाले नशे पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कैराना से लेकर झिंझाना क्षेत्र तक कई नशा तस्करों को जेल भेजा जा चुका है, लेकिन नशा मुक्ति केंद्रों में आने वाले युवाओं की काउंसिलिंग से पता चला है कि हरियाणा और पंजाब के गिरोह जिले में नशा सप्लाई कर रहे हैं।
जिले में इस समय 16 बड़े नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं, जिनमें दो हजार से अधिक लोग नशे की लत छुड़वाने के लिए भर्ती हैं। इनमें न केवल शामली, बल्कि हरियाणा के सोनीपत, पानीपत, रोहतक सहित अन्य जिलों के लोग भी शामिल हैं। बैठक में यह भी सामने आया कि नशा मुक्ति केंद्रों में मानसिक रोग विशेषज्ञों और साइकोटिक स्पेशलिस्ट की कमी है।
एसपी ने बताया कि जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान से वार्ता कर नशा मुक्ति केंद्रों में विशेषज्ञों की निगरानी बढ़ाई जाएगी, ताकि मरीजों के केंद्र से बाहर जाने के बाद दोबारा नशे की लत न लगे।
नशे की लत भी एक मानसिक बीमारी
बैठक में मौजूद मनोचिकित्सकों ने बताया कि नशे की लत एक प्रकार की मानसिक बीमारी है। लगातार सेवन से व्यक्ति का शरीर और मानसिक स्थिति दोनों खराब हो जाते हैं और वह सामान्य जीवन जीने में असमर्थ हो जाता है।
पुलिस खुद छुड़ाएगी नशा
एसपी ने कहा कि पुलिस मित्रों व गणमान्य लोगों के सहयोग से नशा करने वालों की पहचान कर उनका नशा छुड़ाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके लिए नशा करने वालों का ब्योरा एकत्र कर काउंसिलिंग कराई जाएगी, जिसमें नशा मुक्ति केंद्र संचालक भी सहयोग करेंगे। साथ ही हरियाणा व पंजाब के विभिन्न जिलों के एसपी से वार्ता कर नशा सप्लाई करने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
अधिकतर युवा हो रहे शिकार
नशा मुक्ति केंद्र संचालकों ने बताया कि वर्तमान में 17 से 30 वर्ष आयु वर्ग के युवा बड़ी संख्या में नशे की लत का शिकार हो रहे हैं, जिन्हें इलाज व काउंसिलिंग के लिए केंद्रों में भर्ती कराया जा रहा है।
