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Shamli News: सरकारी कंबलों पर नहीं भरोसा, घर की रजाई ओढ़कर ठंड में कर रहे सुरक्षा
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शामली। जिला अस्पताल और सीएचसी शामली के वार्डों में भर्ती प्रसूता और मरीजों को सरकारी कंबलों पर भरोसा नहीं है। मरीजाें के लिए उनके तीमारदार घरों से अपने कंबल व रजाई लाकर ठंड से बचाव कर रहे हैं। मरीजों का कहना है कि रात में ठंड ज्यादा होती है, इसलिए वे अपने घर से रजाई व कंबल लेकर आए हैं। उधर, एक वार्ड को छोड़कर बाकी वार्डों में हीटर चलते हुए नहीं मिले। टीम ने पड़ताल की तो इसी तरह की स्थिति सामने आई।
सीएचसी शामली : समय रात साढ़े सात बजे
एक कक्ष में तीन बेड के बनाए गए वार्ड में प्रसूता कोमल भर्ती मिली। तीमारदार राजेंद्र व अन्य परिजन रजाई व कंबल लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि अस्पताल से कंबल तो मिला है, लेकिन ठंड का मौसम है। कंबल में रात को ठंड न रुकेगी या नहीं, इसलिए वे घर से रजाई व कंबल लाए हैं।
सीएचसी के चिकित्सा प्रभारी डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि सीएचसी पर 100 कंबल हैं। मरीजों को कंबल दिए जाते हैं। अगर कोई मरीज अपने घर से रजाई लाता है तो यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। वार्ड में हीटर की व्यवस्था है।
जिला अस्पताल : समय रात आठ बजे
इमरजेंसी के बराबर वाले कमरे में कैराना निवासी शाहनवाज और कसेरवा निवासी दिलशाद भर्ती मिले। दोनों मरीजों व उनके तीमारदारों ने बताया कि उन्हें कंबल नहीं मिले। ठंड के मौसम में वे अपने घर से रजाई व कंबल लाए हैं। कमरे में हीटर नहीं है।
महिला वार्ड कक्ष नंबर 101 में भर्ती प्रसूता मीनाक्षी के पति शुभम ने बताया कि उन्हें कंबल मिला है, लेकिन वे घर से अपनी रजाई व कंबल लाए हैं ताकि रात में ठंड ज्यादा लगने लगे तो अपनी रजाई से बचाव कर सकें। इसी वार्ड में भर्ती पुष्पा निवासी मंटी हसनपुर ने बताया कि उसे नहीं पता था कि अस्पताल में कंबल मिलता है, इसलिए वे घर से अपनी रजाई व कंबल लेकर आए हैं। इस वार्ड में एक मरीज के पास हीटर चलता हुआ मिला।
कक्ष नंबर 18 में भर्ती कुड़ाना निवासी बसंत घर का कंबल ओढ़े हुए मिले। उन्होंने बताया कि उसे कंबल मिला है, लेकिन उसमें रात को ठंड रुकेगी या नहीं, इसलिए घर से कंबल भी लाए हैं। यहां पर हीटर चलता हुआ नहीं मिला।
जनरल वार्ड में भर्ती गोगवान निवासी जमशेद ने बताया कि उसने रात में अस्पताल से मिले कंबल को ओढ़ा था। रात में बुखार होने पर ठंड ज्यादा लगी तो फिर घर से लाया हुआ कंबल ओढ़ना पड़ा। साजिद निवासी गढ़ी दौलत भी अपना कंबल ओढ़े हुए थे। उसने बताया कि अस्पताल से कंबल मिला, लेकिन वह अपना ही कंबल ओढ़ रखा है। जनरल वार्ड में भी हीटर चलता हुआ नहीं पाया गया।
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कोट
जिला अस्पताल में 100 बेड हैं और 600 से अधिक कंबल उपलब्ध हैं। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को उनकी जरूरत के अनुसार कंबल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रत्येक वार्ड में एक हीटर है। सभी वार्डों में हीटर चलाए जा रहे हैं। अगर कहीं हीटर नहीं चलाया गया तो इसकी जानकारी की जाएगी। मरीजों को ठंड से बचाव के लिए पूरी व्यवस्था है।
- डॉ. किशोर कुमार आहूजा, सीएमएस जिला अस्पताल
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सीएचसी शामली : समय रात साढ़े सात बजे
एक कक्ष में तीन बेड के बनाए गए वार्ड में प्रसूता कोमल भर्ती मिली। तीमारदार राजेंद्र व अन्य परिजन रजाई व कंबल लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि अस्पताल से कंबल तो मिला है, लेकिन ठंड का मौसम है। कंबल में रात को ठंड न रुकेगी या नहीं, इसलिए वे घर से रजाई व कंबल लाए हैं।
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सीएचसी के चिकित्सा प्रभारी डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि सीएचसी पर 100 कंबल हैं। मरीजों को कंबल दिए जाते हैं। अगर कोई मरीज अपने घर से रजाई लाता है तो यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। वार्ड में हीटर की व्यवस्था है।
जिला अस्पताल : समय रात आठ बजे
इमरजेंसी के बराबर वाले कमरे में कैराना निवासी शाहनवाज और कसेरवा निवासी दिलशाद भर्ती मिले। दोनों मरीजों व उनके तीमारदारों ने बताया कि उन्हें कंबल नहीं मिले। ठंड के मौसम में वे अपने घर से रजाई व कंबल लाए हैं। कमरे में हीटर नहीं है।
महिला वार्ड कक्ष नंबर 101 में भर्ती प्रसूता मीनाक्षी के पति शुभम ने बताया कि उन्हें कंबल मिला है, लेकिन वे घर से अपनी रजाई व कंबल लाए हैं ताकि रात में ठंड ज्यादा लगने लगे तो अपनी रजाई से बचाव कर सकें। इसी वार्ड में भर्ती पुष्पा निवासी मंटी हसनपुर ने बताया कि उसे नहीं पता था कि अस्पताल में कंबल मिलता है, इसलिए वे घर से अपनी रजाई व कंबल लेकर आए हैं। इस वार्ड में एक मरीज के पास हीटर चलता हुआ मिला।
कक्ष नंबर 18 में भर्ती कुड़ाना निवासी बसंत घर का कंबल ओढ़े हुए मिले। उन्होंने बताया कि उसे कंबल मिला है, लेकिन उसमें रात को ठंड रुकेगी या नहीं, इसलिए घर से कंबल भी लाए हैं। यहां पर हीटर चलता हुआ नहीं मिला।
जनरल वार्ड में भर्ती गोगवान निवासी जमशेद ने बताया कि उसने रात में अस्पताल से मिले कंबल को ओढ़ा था। रात में बुखार होने पर ठंड ज्यादा लगी तो फिर घर से लाया हुआ कंबल ओढ़ना पड़ा। साजिद निवासी गढ़ी दौलत भी अपना कंबल ओढ़े हुए थे। उसने बताया कि अस्पताल से कंबल मिला, लेकिन वह अपना ही कंबल ओढ़ रखा है। जनरल वार्ड में भी हीटर चलता हुआ नहीं पाया गया।
कोट
जिला अस्पताल में 100 बेड हैं और 600 से अधिक कंबल उपलब्ध हैं। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को उनकी जरूरत के अनुसार कंबल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रत्येक वार्ड में एक हीटर है। सभी वार्डों में हीटर चलाए जा रहे हैं। अगर कहीं हीटर नहीं चलाया गया तो इसकी जानकारी की जाएगी। मरीजों को ठंड से बचाव के लिए पूरी व्यवस्था है।
- डॉ. किशोर कुमार आहूजा, सीएमएस जिला अस्पताल
