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Shravasti News: घर पहुंचते ही सूचना देने की बात कह काल के गाल में समा गया परिवार
संवाद न्यूज एजेंसी, श्रावस्ती
Updated Mon, 07 Aug 2023 12:04 AM IST
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श्रावस्ती। घर पहुंचते ही सूचना देने की बात कह ससुराल व ननिहाल से चला वैभव का पूरा परिवार काल के गाल में समा गया। इसमें उसकी पत्नी व दो बच्चे के साथ चचेरे भाई व बहन भी शामिल थे। बौद्ध परिपथ स्थित इकौना के सीताद्वार मोड़ पर शनिवार रात हुए हादसे का कारण तेज रफ्तार व छुट्टा मवेशी बताया जा रहा है। नेपाल राष्ट्र के नेपालगंज जिला अंतर्गत त्रिभुवन चौक वार्ड नंबर 11 सदर लाइन निवासी वैभव वैश्य (32) पुत्र दिनेश कुमार वैश्य की ससुराल संत कबीर नगर के खलीलाबाद स्थित समय माता मंदिर निवासी श्री चंद्र कसौधन के घर पड़ती है। वैभव की पत्नी दीपिका वैश्य (28) अपनी पुत्री वैभवी (03) व श्रेया (6 माह) के साथ अपने मायके में थी। उसे विदा कराने के लिए शनिवार को वैभव अपने चचेरे भाई नीलांश (23) व चचेरी बहन सुनीती (21) के साथ खलीलाबाद गया था।
इस दौरान वैभव अपना वाहन रुपईडीहा में खड़ा कर नानपारा के बरोहरी निवासी अजय मिश्रा पुत्र ओमप्रकाश मिश्र की एसयूवी से खलीलाबाद गया था। वहां से शाम तीन बजे सभी नेपाल के लिए निकले थे। बलरामपुर सब्जी मंडी चौक निवासी गौरव गुप्ता के घर नीलांश का ननिहाल पड़ता है, सभी लोग वहां चले गए। वहां से शाम साढ़े छह बजे नेपाल के लिए निकले। इस दौरान वैभव व नीलांश दोनों ही स्थानों पर घर पहुंचते ही सूचना देने की बात कह निकले थे। लेकिन किसी को क्या पता था कि जो थोड़ी देर पहले हंसते मुस्कुराते जा रहे थे उनकी मौत की खबर आने वाली है।
इकौना में हुए हादसे में जहां वैभव का पूरा परिवार काल के गाल में समा गया। वहीं उसके चचेरे भाई बहन की भी मौत हो गई। रविवार को भिनगा पोस्टमाॅर्टम हाउस पहुंचे परिवार के लोगों के आंसू नहीं थम रहे थे। पोस्टमाॅर्टम के बाद सभी शवों को निजी वाहन से नेपाल ले जाया गया।
कम समय में तय करनी थी दूरी
पाकिस्तान से आई सीमा हैदर की घटना के बाद नेपाल सीमा पर रात आठ बजे के बाद आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस दौरान आठ बजे के बाद भंसार भी नहीं बनता है। वहीं रुपईडीहा से खलीलाबाद की दूरी करीब 350 किलोमीटर है। सुबह निकले यह लोग शाम को वापस लौट रहे थे।
करीब 550 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर रात आठ बजे से पूर्व सभी को रुपईडीहा स्थित नेपाल बाॅर्डर पहुंचना था। ऐसे में बलरामपुर से चलने के बाद उन्हें डेढ़ घंटे में करीब 170 किलोमीटर का सफर तय करना था। जिसके लिए वाहन की रफ्तार काफी तेज थी। ऐसे में अचानक मार्ग पर आए छुट्टा गोवंशों से बचने के प्रयास में तेज रफ्तार ने छह जिंदगी छीन ली।
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इस दौरान वैभव अपना वाहन रुपईडीहा में खड़ा कर नानपारा के बरोहरी निवासी अजय मिश्रा पुत्र ओमप्रकाश मिश्र की एसयूवी से खलीलाबाद गया था। वहां से शाम तीन बजे सभी नेपाल के लिए निकले थे। बलरामपुर सब्जी मंडी चौक निवासी गौरव गुप्ता के घर नीलांश का ननिहाल पड़ता है, सभी लोग वहां चले गए। वहां से शाम साढ़े छह बजे नेपाल के लिए निकले। इस दौरान वैभव व नीलांश दोनों ही स्थानों पर घर पहुंचते ही सूचना देने की बात कह निकले थे। लेकिन किसी को क्या पता था कि जो थोड़ी देर पहले हंसते मुस्कुराते जा रहे थे उनकी मौत की खबर आने वाली है।
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इकौना में हुए हादसे में जहां वैभव का पूरा परिवार काल के गाल में समा गया। वहीं उसके चचेरे भाई बहन की भी मौत हो गई। रविवार को भिनगा पोस्टमाॅर्टम हाउस पहुंचे परिवार के लोगों के आंसू नहीं थम रहे थे। पोस्टमाॅर्टम के बाद सभी शवों को निजी वाहन से नेपाल ले जाया गया।
कम समय में तय करनी थी दूरी
पाकिस्तान से आई सीमा हैदर की घटना के बाद नेपाल सीमा पर रात आठ बजे के बाद आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस दौरान आठ बजे के बाद भंसार भी नहीं बनता है। वहीं रुपईडीहा से खलीलाबाद की दूरी करीब 350 किलोमीटर है। सुबह निकले यह लोग शाम को वापस लौट रहे थे।
करीब 550 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर रात आठ बजे से पूर्व सभी को रुपईडीहा स्थित नेपाल बाॅर्डर पहुंचना था। ऐसे में बलरामपुर से चलने के बाद उन्हें डेढ़ घंटे में करीब 170 किलोमीटर का सफर तय करना था। जिसके लिए वाहन की रफ्तार काफी तेज थी। ऐसे में अचानक मार्ग पर आए छुट्टा गोवंशों से बचने के प्रयास में तेज रफ्तार ने छह जिंदगी छीन ली।