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Sitapur News: पराली जलाने के दोषी दो सगे भाइयों पर लगा जुर्माना
संवाद न्यूज एजेंसी, सीतापुर
Updated Wed, 05 Nov 2025 12:20 AM IST
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लहरपुर। तहसील के पैंतला गांव निवासी रामचंद्र व रामप्रकाश सगे भाई हैं। शिकायत के बाद मंगलवार को तहसील प्रशासन की टीम ने दोनों के खेतों में जाकर स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान खेत में पराली जलाने की पुष्टि हुई। इसके बाद टीम ने दोनों पर ढाई-ढाई हजार रुपये का पर्यावरण क्षति शुल्क लगा कर उसकी वसूली की कार्रवाई की गई।
एसडीएम लहरपुर आकांक्षा गौतम ने बताया कि रामचंद्र व रामप्रकाश के मुद्रासन गांव स्थित गाटा संख्या 1452 में खेत हैं। इसमें रामचंद्र व रामप्रकाश के हिस्से 0.072हेक्टेयर के दो अलग अलग भूखंड हैं। शिकायत मिली थी कि 31 अक्तूबर को दोनों ने खेत में धान की फसल काटने के बाद पराली जलाई है। इस पर राजस्व टीम को खेत भेजकर जांच कराई गई। निरीक्षण में पराली जलाने की पुष्टि हुई। पराली जलाने से वायु प्रदूषण फैलने की आशंका को संज्ञान में लेते हुए दोनों किसान भाईयों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही तय की गई। दोनों पर ढाई-ढाई हजार रुपये का पर्यावरण क्षति शुल्क ढाई लगाकर धनराशि को वसूला गया।
साथ ही दोनों को भविष्य में इस प्रकार की गतिविधि न करने की चेतावनी भी दी गई। पराली जलाना पर्यावरण व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। किसानों से अपील की गई है कि वह खेतों मेंपराली न जलाएं, बल्कि इसके निस्तारण के लिए नजदीकी गोशाला व ग्राम सचिव से संपर्क करें। इसके साथ ही पराली के सुरक्षित निस्तारण के लिए वह डी-कंपोजर, पराली प्रबंधन यंत्र या अन्य वैकल्पिक उपायों का प्रयोग भी कर सकते हैं।
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एसडीएम लहरपुर आकांक्षा गौतम ने बताया कि रामचंद्र व रामप्रकाश के मुद्रासन गांव स्थित गाटा संख्या 1452 में खेत हैं। इसमें रामचंद्र व रामप्रकाश के हिस्से 0.072हेक्टेयर के दो अलग अलग भूखंड हैं। शिकायत मिली थी कि 31 अक्तूबर को दोनों ने खेत में धान की फसल काटने के बाद पराली जलाई है। इस पर राजस्व टीम को खेत भेजकर जांच कराई गई। निरीक्षण में पराली जलाने की पुष्टि हुई। पराली जलाने से वायु प्रदूषण फैलने की आशंका को संज्ञान में लेते हुए दोनों किसान भाईयों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही तय की गई। दोनों पर ढाई-ढाई हजार रुपये का पर्यावरण क्षति शुल्क ढाई लगाकर धनराशि को वसूला गया।
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साथ ही दोनों को भविष्य में इस प्रकार की गतिविधि न करने की चेतावनी भी दी गई। पराली जलाना पर्यावरण व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। किसानों से अपील की गई है कि वह खेतों मेंपराली न जलाएं, बल्कि इसके निस्तारण के लिए नजदीकी गोशाला व ग्राम सचिव से संपर्क करें। इसके साथ ही पराली के सुरक्षित निस्तारण के लिए वह डी-कंपोजर, पराली प्रबंधन यंत्र या अन्य वैकल्पिक उपायों का प्रयोग भी कर सकते हैं।