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कोयला संकट : लैंको परियोजना से 200 मेगावाट कम हुआ लोड
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आखिर वही हुआ। बढ़ते कोयला संकट के कारण 1200 मेगावाट क्षमता की लैंको परियोजना अनपरा सी को 200 मेगावाट लोड कम करना पड़ा। इससे बिजली की बढ़ी मांग के बीच प्रदेश में विद्युत संकट गहरा गया है।
पिछले दो माह से बिजली घरों में जारी कोयला संकट निजी क्षेत्र की लैंको परियोजना को भारी पड़ा। अमर उजाला ने परियोजना में व्याप्त कोयला संकट को देखते हुए 18 मई के अंक में ही परियोजना की इकाइयों के लोड कम होने की संभावना जता दी थी। उसी दिन परियोजना की 600 मेगावाट की दूसरी इकाई से 200 मेगावाट उत्पादन कम करना पड़ा। इससे अब तक प्रदेश को औसतन 1100 मेगावाट से अधिक बिजली मुहैया कराने वाली परियोजना से 900 मेगावाट से भी कम उत्पादन किया जा रहा है। बता दें कि लैंको परियोजना निजी क्षेत्र में प्रदेश को सबसे सस्ती बिजली मुहैया कराने वाला संयंत्र है। परियोजना से पावर कारपोरेशन को महज 2.97 रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली प्रदान की जाती है। परियोजना के यूनिट हेड संदीप गोस्वामी ने बताया कि कोयले की आपूर्ति में सुधार के लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। अगर कोयले की आपूर्ति सुधरती है तो लोड पुन: बढ़ाया जाएगा।
अनपरा में आपूर्ति में सुधार फिर भी संकट बरकरार
दूसरी तरफ सीएम के सीधे हस्तक्षेप के बाद रेल रैक से कोयले की आपूर्ति शुरू होने के बाद उत्पादन निगम की सबसे बड़ी अनपरा परियोजना में कोयले की आपूर्ति में अवश्य सुधार हुआ है। इसके बाद भी परियोजना में कोयले का संकट बरकरार है। प्रबंधन के अनुसार सीजीएम से लेकर सभी संबंधित अधिकारी-कर्मचारी निगम प्रबंधन के निर्देशन में कोयले की आपूर्ति में सुधार के प्रयास में जुटे हैं। इसका सकारात्मक असर भी देखने को मिला है। रेल रैक से कोयले की आपूर्ति शुरू हो जाने के बाद परियोजना के कोयले के स्टॉक मामूली सुधार हुआ है। हालांकि मानक के अनुसार यह नाकाफी है।

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पिछले दो माह से बिजली घरों में जारी कोयला संकट निजी क्षेत्र की लैंको परियोजना को भारी पड़ा। अमर उजाला ने परियोजना में व्याप्त कोयला संकट को देखते हुए 18 मई के अंक में ही परियोजना की इकाइयों के लोड कम होने की संभावना जता दी थी। उसी दिन परियोजना की 600 मेगावाट की दूसरी इकाई से 200 मेगावाट उत्पादन कम करना पड़ा। इससे अब तक प्रदेश को औसतन 1100 मेगावाट से अधिक बिजली मुहैया कराने वाली परियोजना से 900 मेगावाट से भी कम उत्पादन किया जा रहा है। बता दें कि लैंको परियोजना निजी क्षेत्र में प्रदेश को सबसे सस्ती बिजली मुहैया कराने वाला संयंत्र है। परियोजना से पावर कारपोरेशन को महज 2.97 रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली प्रदान की जाती है। परियोजना के यूनिट हेड संदीप गोस्वामी ने बताया कि कोयले की आपूर्ति में सुधार के लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। अगर कोयले की आपूर्ति सुधरती है तो लोड पुन: बढ़ाया जाएगा।
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अनपरा में आपूर्ति में सुधार फिर भी संकट बरकरार
दूसरी तरफ सीएम के सीधे हस्तक्षेप के बाद रेल रैक से कोयले की आपूर्ति शुरू होने के बाद उत्पादन निगम की सबसे बड़ी अनपरा परियोजना में कोयले की आपूर्ति में अवश्य सुधार हुआ है। इसके बाद भी परियोजना में कोयले का संकट बरकरार है। प्रबंधन के अनुसार सीजीएम से लेकर सभी संबंधित अधिकारी-कर्मचारी निगम प्रबंधन के निर्देशन में कोयले की आपूर्ति में सुधार के प्रयास में जुटे हैं। इसका सकारात्मक असर भी देखने को मिला है। रेल रैक से कोयले की आपूर्ति शुरू हो जाने के बाद परियोजना के कोयले के स्टॉक मामूली सुधार हुआ है। हालांकि मानक के अनुसार यह नाकाफी है।