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एनटीपीसी ने 6.25 एमटी आयातित कोयला का दिया आर्डर
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बिजली घरों में व्याप्त कोयला संकट के मद्देनजर देश की प्रमुख विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने 6.25 मीट्रिक टन कोयला आयात करने का निर्णय लिया है। अदाणी इंटरप्राइजेज से कोयला क्रय करने के लिए कंपनी ने 6585 करोड़ रुपये की निविदा आमंत्रित की है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की बढ़ी कीमतों के मद्देनजर देश के बिजली घरों की निर्भरता अचानक कोल इंडिया पर बढ़ गई। नतीजतन रेल रैक की भारी कमी के कारण बिजली घरों में गर्मी के मौसम में कोयले का अभूतपूर्व संकट उत्पन्न हो गया। बिजली की बढ़ी मांग के कारण इस समय जहां एक तरफ विद्युत इकाइयां लगातार फुल लोड पर संचालित की जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ कोयले की आपूर्ति आवश्यकता के सापेक्ष आधा हो जाने से बिजली घरों में कोयले का स्टॉक नगण्य हो गया है। कोयला संकट से निजात के लिए केंद्र सरकार ने बिजली घरों के लिए आयातित कोयला के प्रयोग को अनिवार्य कर दिया है। अन्यथा की स्थिति में उन्हें कोल इंडिया से मिलने वाले कोयले के कोटे को 40 प्रतिशत तक घटाने की चेतावनी दी गई है। हालांकि कई प्रदेश की सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में आयातित कोयले की अनिवार्यता को मानने से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार की गाइड लाइन के तहत केंद्रीय विद्युत उत्पादक कंपनी ने अंतत: आयातित कोयला क्रय को मंजूरी दे दी है। इससे कोल खदानों से दूर स्थित एनटीपीसी के विद्युत संयंत्रों को राहत मिलेगी।
ऊर्जांचल में है एनटीपीसी के तीन बिजली घर
उप्र व मप्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में फैले ऊर्जांचल में एनटीपीसी के तीन विद्युत संयंत्र स्थापित हैं। एनटीपीसी की मदर यूनिट 2000 मेगावाट की एनटीपीसी सिंगरौली यूपी के शक्तिनगर व एनटीपीसी का सबसे बड़ा 4760 मेगावाट का एनटीपीसी विंध्याचल मप्र में स्थित है। जबकि यूपी सीमा में ही बीजपुर स्थित एनटीपीसी रिहंद से 3000 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। हालांकि कोल खदानों के मुहाने पर स्थित एनटीपीसी के इन तीनों बिजली घर कोयला संकट से अछूता हैं। किंतु माना जा रहा है कि आवश्यकता पड़ने पर आयातित कोयले की खेप यहां भी आ सकती है।
प्रदेश सरकार से रजामंदी के बाद लैंको खरीदेगा
सोनभद्र। 1200 मेगावाट क्षमता की निजी क्षेत्र की लैंको परियोजना अनपरा सी ने प्रदेश सरकार की रजामंदी के बाद ही आयातित कोयला क्रय करने का निर्णय लिया है। यूनिट हेड संदीप गोस्वामी ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुपालन में कंपनी ने 25 मई को ही रेल रैक से आयातित कोयला खरीदने के लिए निविदा आमंत्रित की थी, मगर इस संबंध में प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद निविदा प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी गई है।

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ऊर्जांचल में है एनटीपीसी के तीन बिजली घर
उप्र व मप्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में फैले ऊर्जांचल में एनटीपीसी के तीन विद्युत संयंत्र स्थापित हैं। एनटीपीसी की मदर यूनिट 2000 मेगावाट की एनटीपीसी सिंगरौली यूपी के शक्तिनगर व एनटीपीसी का सबसे बड़ा 4760 मेगावाट का एनटीपीसी विंध्याचल मप्र में स्थित है। जबकि यूपी सीमा में ही बीजपुर स्थित एनटीपीसी रिहंद से 3000 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। हालांकि कोल खदानों के मुहाने पर स्थित एनटीपीसी के इन तीनों बिजली घर कोयला संकट से अछूता हैं। किंतु माना जा रहा है कि आवश्यकता पड़ने पर आयातित कोयले की खेप यहां भी आ सकती है।
प्रदेश सरकार से रजामंदी के बाद लैंको खरीदेगा
सोनभद्र। 1200 मेगावाट क्षमता की निजी क्षेत्र की लैंको परियोजना अनपरा सी ने प्रदेश सरकार की रजामंदी के बाद ही आयातित कोयला क्रय करने का निर्णय लिया है। यूनिट हेड संदीप गोस्वामी ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुपालन में कंपनी ने 25 मई को ही रेल रैक से आयातित कोयला खरीदने के लिए निविदा आमंत्रित की थी, मगर इस संबंध में प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद निविदा प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी गई है।