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Sonebhadra News: ओपीडी में बच्चों की संख्या 40% बढ़ी
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तापमान में हो रहे उतार चढ़ाव का सीधा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है। ओपीडी में बच्चों की संख्या 40 फीसदी तक बढ़ गई है। मेडिकल कॉलेज सहित जिले के चुनिंदा अस्पतालों में ही बच्चों के बेहतर उपचार की सुविधाएं हैं।
मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञों के पास मरीजों की संख्या बढ़ी है। सामान्य दिनों की अपेक्षा 30 से 40 फीसदी मरीज बढ़े हैं। इसमें भी तीन साल से कम आयु वाले बच्चों की संख्या अधिक है। ज्यादातर बच्चे सर्दी, जुकाम, बुखार, जकड़न, निमोनिया से पीड़ित आ रहे हैं।
अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रशांत शुक्ला का कहना है कि इस मौसम में अभिभावकों को बच्चे के खान पान और स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक रहना होगा। बच्चों को ठंड से बचाने के लिए ऊनी कपड़े पहनाना चाहिए। उन्हें गर्म खाना और गुनगुना पानी देना चाहिए। उन्हें घर से बाहर नहीं भेजना चाहिए। जरूरी होने पर ही नहलाना चाहिए। डॉ. अभिषेक गौतम ने बताया कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। उन्हें खान पान में विटामिन सी वाले फल और सब्जियां खिलाना चाहिए। चिकित्सक के परामर्श से ही दवा का प्रयोग करना चाहिए।
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मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञों के पास मरीजों की संख्या बढ़ी है। सामान्य दिनों की अपेक्षा 30 से 40 फीसदी मरीज बढ़े हैं। इसमें भी तीन साल से कम आयु वाले बच्चों की संख्या अधिक है। ज्यादातर बच्चे सर्दी, जुकाम, बुखार, जकड़न, निमोनिया से पीड़ित आ रहे हैं।
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अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रशांत शुक्ला का कहना है कि इस मौसम में अभिभावकों को बच्चे के खान पान और स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक रहना होगा। बच्चों को ठंड से बचाने के लिए ऊनी कपड़े पहनाना चाहिए। उन्हें गर्म खाना और गुनगुना पानी देना चाहिए। उन्हें घर से बाहर नहीं भेजना चाहिए। जरूरी होने पर ही नहलाना चाहिए। डॉ. अभिषेक गौतम ने बताया कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। उन्हें खान पान में विटामिन सी वाले फल और सब्जियां खिलाना चाहिए। चिकित्सक के परामर्श से ही दवा का प्रयोग करना चाहिए।
