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Uttar Pradesh Deputy Chief Minister Dinesh Sharma said in an Interview that, why Yogi Adityanath government don't want to impose lockdown in state
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साक्षात्कार: उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया- उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन क्यों नहीं लगाना चाहती सरकार
अमित शर्मा, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Tue, 20 Apr 2021 04:21 PM IST
सार
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दिल्ली सरकार के द्वारा लॉकडाउन लगाने के बाद भारी संख्या में प्रवासी मजदूर राजधानी से एक बार फिर अपने गांवों की ओर जाने लगे हैं। इससे एक तरफ उनकी अपनी मुश्किलें बढ़ गई हैं तो दूसरी तरफ इस बात की आशंका बढ़ गई है कि ये उत्तर प्रदेश के जिन इलाकों में जाएंगे, वहां कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर हो सकती है। इस स्थिति से उत्तर प्रदेश सरकार कैसे निपटेगी, यह जानने के लिए हमने बात की उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से...
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा
- फोटो : Amar Ujala (File Photo)
प्रश्न: दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद भारी संख्या में प्रवासी मजदूर एक बार फिर उत्तर प्रदेश की तरफ जाने के लिए निकल चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार इस स्थिति से कैसे निबटेगी?
दिल्ली सरकार का अचानक लॉकडाउन लगाने का फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर एक बार फिर वही स्थिति देखने को मिल रही है जैसे कि एक साल पहले देखने को मिली थी। दिल्ली सरकार ढिंढोरा तो इस बात का पीटती है कि वह श्रमिकों का पूरा ख्याल रख रही है, लेकिन रात को अचानक उन्हें बसों में भरकर बॉर्डर पर छोड़ देती है। दिल्ली सरकार को इस तरह से हड़बड़ी में कोई फैसला करने से बचना चाहिए था। अगर वह लॉकडाउन लगाने के पहले श्रमिकों को दो-तीन दिन का भी समय दे देती तो लोगों को इस भारी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
किसी भी प्रवासी श्रमिक को पैदल न चलना पड़े, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी बसें नोएडा-गाजियाबाद बॉर्डर पर तैयार कर दी हैं। हम श्रमिक भाइयों से भी अपील करते हैं कि वे किसी भी परिस्थिति में परेशान न हों, अगर वे अपने घर वापस आना चाहते हैं तो हम उनके लिए बसों के पूरे इंतजाम कर रहे हैं। हम अपने हर नागरिक के साथ खड़े हैं।
जहां तक हमारी जिम्मेदारी की बात है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश के हर जिले के लिए एक नोडल मंत्री और एक नोडल आईएएस अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। सभी जिलों में आ रहे प्रवासी श्रमिकों को क्वारंटीन रखने और इस दौरान उन्हें भोजन देने की पूरी तैयारी कर ली गई है। ये हमारे लोग हैं और इन्हें किसी भी हालत में हम बेसहारा नहीं होने देंगे।
प्रश्न: आपको कितनी संख्या में लोगों के आने का अनुमान है? अगर यह लॉकडाउन लंबा खिंचता है तो इनके लिए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के पास क्या योजना है?
बिलकुल सही-सही संख्या बता पाना तो बहुत मुश्किल होगा, लेकिन इतना कह सकता हूं कि जितने भी लोग आएंगे, हम उन सबको क्वारंटीन रखने, उन्हें इलाज देने और उनके भोजन की व्यवस्था करने के लिए तैयार हैं। पिछली बार भी जिन लोगों ने सरकार के माध्यम से रोजगार प्राप्त किया था, उनके आंकड़े हमारे पास जिलावार उपलब्ध हैं। अगर ये लोग चाहेंगे तो उत्तर प्रदेश सरकार उनकी मर्जी के मुताबिक क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराएगी।
प्रश्न: दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव होने का औसत हर तीन में से एक तक पहुंच चुका है। अगर इसे एक आंकड़े की तौर पर देखें तो हर तीन प्रवासी श्रमिक में से एक कोरोना पॉजिटिव हो सकता है। उत्तर प्रदेश पर पहले ही कोरोना का भारी दबाव है? आप इस स्थिति से कैसे निबटेंगे?
कोरोना का यह फेज जितनी तेजी से बढ़ रहा है, उसने हम सबके लिए चुनौती खड़ी कर दी है। हम इस स्थिति से निपटने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। राजधानी लखनऊ के केजीएमसी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 6000 बेड आरक्षित कर दिए गये हैं। बलरामपुर के 213 बेड के अस्पताल में 700 बेड बना दिए गये हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश के हर जिले में अस्पतालों को ज्यादा संख्या के साथ तैयार कर दिया गया है। हर जिले के नोडल अधिकारी इस स्थिति पर लगातार निगरानी कर रहे हैं। जैसी भी आवश्यकता होगी, हम और अधिक बेड्स उपलब्ध कराएंगे।
प्रश्न:- पूरे देश में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। उत्तर प्रदेश में भी ऑक्सीजन की समस्या है। आप इस स्थिति में क्या कर रहे हैं?
ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही थी। हमने DRDO से मिलकर ऑक्सीजन तैयार करने वाले प्लांट्स लगाने शुरू कर दिए हैं। लखनऊ के एक प्लांट से ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू भी हो गया है और अन्य से भी जल्दी ही ऑक्सीजन का पर्याप्त उत्पादन होगा और ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
प्रश्न: हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश के पांच बड़े जिलों में तत्काल लॉकडाउन लगाना चाहिए। आप इससे सहमत क्यों नहीं हैं?
हमारी न्यायपालिका का पूरा सम्मान है। सुप्रीम कोर्ट में जो भी होगा, सरकार उसके अनुसार आगे चलेगी। लेकिन हम यही कहना चाहते हैं कि हमारे लिए ‘जीवन और आजीविका’ दोनों ही महत्वपूर्ण है और हमें दोनों को बचाना है। हम ब्लैंकेट बैन लगाने की बजाय सख्त नियम लगाकर, नागरिकों से उनका पालन सुनिश्चित कराकर कोरोना को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। हम कोई ऐसी स्थिति नहीं पैदा होने देना चाहते जहां किसी व्यक्ति की रोजी-रोटी छीन जाए क्योंकि यह बहुत बड़ी तकलीफ होती है और हम किसी भी कीमत पर नहीं चाहते कि किसी का रोजगार ख़त्म हो। सरकार कोरोना को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
प्रश्न: ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर प्रमुख दवाओं की कालाबाजारी हो रही है। रेमडेसिविर का एक इंजेक्शन जो 1000-4000 रूपये के बीच बिकता है, शिकायत है कि गाजियाबाद में इसे कालाबाजारी कर 50,000 रुपये तक में खरीदा-बेचा जा रहा है। आप इस स्थिति से कैसे निबट रहे हैं?
किसी भी चीज की कालाबाजारी करने पर अपराधियों पर एनएसए लगाकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन कानून के तहत भी अपराधियों को दबोचने की कोशिश की जा रही है। ड्रग कंट्रोलर के माध्यम से दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। सरकार नोडल अधिकारियों-मंत्रियों को 24 घंटे तैनात रखकर लोगों की सेवा कर रही है। हमें उम्मीद है कि हम इस समस्या से जल्द ही उबर सकेंगे।
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