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बीएचयू: बिड़ला हॉस्टल में समस्याओं को लेकर धरने पर छात्र, जमकर नारेबाजी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: गीतार्जुन गौतम
Updated Sun, 24 Oct 2021 01:05 AM IST
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय।
बीएचयू स्थित बिड़ला हॉस्टल में शुद्ध पेयजल, साफ-सफाई न होने सहित अन्य समस्याओं को लेकर छात्र शनिवार को सड़क पर उतर आए। हॉस्टल के बाहर धरना देकर छात्रों ने प्रशासनिक संरक्षक प्रो. रतन शंकर मिश्रा पर अनदेखी और उत्पीड़न का आरोप लगा कार्रवाई की मांग की। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे चीफ प्रॉक्टर ने छात्रों से बातचीत कर नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर छात्र माने। उधर, प्रशासनिक संरक्षक ने आरोप को खारिज कर कहा कि नियमों का पालन कराया जा रहा है।
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बिड़ला हॉस्टल के सामने शाम छह बजे धरने पर बैठे छात्रों ने प्रशासनिक संरक्षक के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि छात्रावास में स्वच्छ पानी नहीं है। मच्छरों से बचने के लिए दवा का छिड़काव भी नहीं कराया जा रहा है। हॉस्टल में साफ-सफाई के लिए फंड भी दिया जाता है।
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उन्होंने कहा कि प्रशासनिक संरक्षक की ओर से आए दिन नए-नए नियम बनाकर दृष्टिहीन छात्रों के रूम सील करने, गेस्ट चार्ज वसूलने की कार्रवाई से उत्पीड़न किया जा रहा है। दृष्टि बाधित छात्रों ने बताया कि कभी कभी अपने सहयोगियों को रूम में बुलाकर परीक्षा की तैयारी करते हैं। प्रशासनिक संरक्षक की ओर से ऐसे छात्रों को बाहर निकालकर कमरे में ताला बंद कर फाइन लिया जाता है। इस पर रोक लगनी चाहिए।
बिड़ला हॉस्टल के प्रशासनिक संरक्षक प्रो. रतन शंकर मिश्रा ने बताया कि कई बार कहने के बाद भी छात्र बाहरी छात्रों को कमरे में रख रहे हैं, यह गलत है। हॉस्टल में नियमानुसार समय-समय पर जांच कर बाहरी छात्रों को बाहर निकाला जा रहा है। उत्पीड़न का आरोप गलत है। विश्वविद्यालय के नियमानुसार ही कार्रवाई की जा रही है।