{"_id":"6930147727ea38e295037d12","slug":"cough-syrup-case-alok-pratap-singh-known-as-stf-from-purvanchal-to-west-close-to-former-mp-dhananjay-singh-2025-12-03","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"कफ सिरप केस: पूर्वांचल से पश्चिम तक एसटीएफ नाम से चर्चित है आलोक, पूर्व सांसद धनंजय सिंह का है करीबी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
कफ सिरप केस: पूर्वांचल से पश्चिम तक एसटीएफ नाम से चर्चित है आलोक, पूर्व सांसद धनंजय सिंह का है करीबी
ललित शंकर पांडेय, अमर उजाला ब्यूरो, वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Wed, 03 Dec 2025 04:15 PM IST
सार
Cough Syrup Case: कफ सिरप के मामले में गिरफ्तार आलोक प्रताप सिंह को एसटीएफ नाम से ही लोग जानते हैं। आलोक ने चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर और वाराणसी के युवाओं की फौज तैयार की है।
विज्ञापन
बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
आपराधिक कृत्यों से खाकी की छवि धूमिल करने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह का साथ पकड़ने वाले आलोक प्रताप सिंह का नाम एसटीएफ ही रख दिया गया। पूर्वांचल से पश्चिम तक धनंजय सिंह के खेमे और विरोधी खेमे में भी एसटीएफ के नाम से ही आलोक सिंह चर्चित है।
Trending Videos
लखनऊ से लेकर जौनपुर, वाराणसी तक रियल एस्टेट कंपनियों के लिए सरल और सहज रास्ता बनाने, रेलवे ठेकों से लेकर खनन जैसे कार्यों में आलोक का दखल रहा है। चंदौली के बलुआ थाना क्षेत्र के कैथी निवासी आलोक सिंह का नाता जौनपुर से ही जुड़ा रहा है। शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए जौनपुर का निवासी बन गया। पूर्व सांसद के घर के पास ही हाल ही में उसने मकान बनवाया है।
विज्ञापन
विज्ञापन
चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर और वाराणसी के युवाओं की फौज तैयार की है। उत्तर प्रदेश पुलिस में काम करने के दौरान आलोक प्रताप सिंह को जुर्म, जरायम और कानूनी बचाव संबंधित सभी दांव पेच पता चले। पुलिस की कार्यशैली से वाकिफ आलोक के बैच से जुड़े लोग पूर्वांचल से पश्चिम तक फैले हैं। यूपी एसटीएफ में भी कुछ ऐसे लोग है, जिनकी आलोक प्रताप सिंह ने प्रशासनिक स्तर पर बहुत मदद की है। इसी का फायदा उसने कफ सिरप के अवैध कारोबार के सरगना शुभम जायसवाल के साथ जुड़कर उठाया।
लखनऊ पुलिस महकमे में तगड़ी पैठ होने के कारण ही अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी के पांच दिन बाद आलोक की गिरफ्तारी हुई। आजमगढ़ के नरवे निवासी विकास सिंह के माध्यम से शुभम के साथ जुड़े आलोक ने अपने नेटवर्क से सहारनपुर निवासी विभोर राणा, सौरभ त्यागी, मेरठ के वसीम, आसिफ से मेलजोल बढ़ाया।
इसे भी पढ़ें; Cyber Crime: मुनाफे के लालच में गवां दी बेटी की शादी के लिए रखी रकम, जालसाजों ने 42 लाख रुपये की लगा दी चपत
भदोही में फर्मों की जांच करेगी एसआईटी
कालीन नगरी में प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सिरप की खरीद-बिक्री की जांच के एसपी ने एसआईटी गठित कर दी है। सीओ क्राइम राजीव सिंह के नेतृत्व में टीम प्रकरण की जांच करेगी। अंतरराज्यीय तस्कर शुभम जायसवाल की फर्म से कारोबार करने वाली फर्मों पर जल्द शिकंजा कसेगा। महज एक सप्ताह में पांच कारोबारियों के यहां से 10 करोड़ का सिरप बरामद किया गया। इसमें खाद्य औषधि प्रशासन विभाग ने छह फर्मों के पांच संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई है।
कालीन नगरी में प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सिरप की खरीद-बिक्री की जांच के एसपी ने एसआईटी गठित कर दी है। सीओ क्राइम राजीव सिंह के नेतृत्व में टीम प्रकरण की जांच करेगी। अंतरराज्यीय तस्कर शुभम जायसवाल की फर्म से कारोबार करने वाली फर्मों पर जल्द शिकंजा कसेगा। महज एक सप्ताह में पांच कारोबारियों के यहां से 10 करोड़ का सिरप बरामद किया गया। इसमें खाद्य औषधि प्रशासन विभाग ने छह फर्मों के पांच संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई है।
हापुड़ से सिरप मंगाकर बेचा, लाइसेंस निरस्त
कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी से आजमगढ़ का भी नाम जुड़ गया है। जिले के तीन मेडिकल स्टोर संचालकों ने हापुड़ से सिरप मंगाकर उसकी बिक्री की। हापुड़ से मिली जानकारी पर जिला औषधि निरीक्षक डॉ. सीमा वर्मा ने जब इन मेडिकल स्टोर्स की जांच की तो मामले की पुष्टि हुई। उन्होंने मंगलवार को तीनों मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निलंबित कर दिए। कोडीनयुक्त सिरप की सप्लाई आजमगढ़ होने की बात सामने आई थी लेकिन जिला औषधि निरीक्षक इससे इन्कार करती रहीं।
कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी से आजमगढ़ का भी नाम जुड़ गया है। जिले के तीन मेडिकल स्टोर संचालकों ने हापुड़ से सिरप मंगाकर उसकी बिक्री की। हापुड़ से मिली जानकारी पर जिला औषधि निरीक्षक डॉ. सीमा वर्मा ने जब इन मेडिकल स्टोर्स की जांच की तो मामले की पुष्टि हुई। उन्होंने मंगलवार को तीनों मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निलंबित कर दिए। कोडीनयुक्त सिरप की सप्लाई आजमगढ़ होने की बात सामने आई थी लेकिन जिला औषधि निरीक्षक इससे इन्कार करती रहीं।
दो दिन में शुभम समेत 7 फर्म संचालकों के 16 बैंक खाते फ्रीज
जौनपुर एसआईटी ने दो दिन में कुल 16 बैंक खाते फ्रीज कराए हैं। ये बैंक खाते सरगना शुभम जायसवाल समेत जनपद के सात फर्म संचालकों के हैं। अब एसआईटी ट्रांसपोर्टर और फर्म संचालकों के आर्थिक गतिविधियों की जांच में जुटी है। वहीं शुभम जायसवाल के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जौनपुर एसआईटी के मुताबिक गोपाल कटरा ढालघर टोला स्थित हर्ष मेडिकल स्टोर के संचालक संजीव चौरसिया के पांच बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं। यहां से वर्ष 2023 से लेकर अब तक कुल 17 हजार शीशी कप सिरप की बिक्री दिखाई गई है। नईगंज कटघरा नईगंज स्थित बद्रीनाथ फार्मेसी एंड सर्जिकल के मालिक विवेक यादव के दो बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं। वाराणसी के काशी फार्मा, गैलेक्सी, मेडिकल एजेंसी, गाजीपुर के महादेव मेडिकल एजेंसी, प्रतापगढ़ के महादेव एजेंसी को बेचने की बात कही है।
जौनपुर एसआईटी ने दो दिन में कुल 16 बैंक खाते फ्रीज कराए हैं। ये बैंक खाते सरगना शुभम जायसवाल समेत जनपद के सात फर्म संचालकों के हैं। अब एसआईटी ट्रांसपोर्टर और फर्म संचालकों के आर्थिक गतिविधियों की जांच में जुटी है। वहीं शुभम जायसवाल के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जौनपुर एसआईटी के मुताबिक गोपाल कटरा ढालघर टोला स्थित हर्ष मेडिकल स्टोर के संचालक संजीव चौरसिया के पांच बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं। यहां से वर्ष 2023 से लेकर अब तक कुल 17 हजार शीशी कप सिरप की बिक्री दिखाई गई है। नईगंज कटघरा नईगंज स्थित बद्रीनाथ फार्मेसी एंड सर्जिकल के मालिक विवेक यादव के दो बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं। वाराणसी के काशी फार्मा, गैलेक्सी, मेडिकल एजेंसी, गाजीपुर के महादेव मेडिकल एजेंसी, प्रतापगढ़ के महादेव एजेंसी को बेचने की बात कही है।
बर्खास्त सिपाही आलोक ने चंदौली से की थी 7वीं तक की पढ़ाई
कफ सिरप सिंडीकेट में शामिल बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को यूपी एसटीएफ ने मंगलवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया। आलोक मूलतः चंदौली के कैथी गांव का रहने वाला है। चंदौली से ही उसने सातवीं तक की पढ़ाई की थी। उसके बाद पिता के साथ लखनऊ चला गया। गांव में आज भी उसका घर है। कैथी निवासी वीरेंद्र प्रताप सिंह के तीन बेटे हैं। मांधाता सिंह, आलोक सिंह उर्फ डब्लू और बंबू सिंह। आलोक के सहपाठी रहे गांव के ज्ञानधर तिवारी ने बताया कि 1982 में आलोक ने गांव के प्राथमिक विद्यालय से कक्षा तीसरी तक पढ़ाई की थी। इसके बाद चहनियां स्थिति खंडवारी विद्यालय से सातवीं तक की पढ़ाई की।
कफ सिरप सिंडीकेट में शामिल बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को यूपी एसटीएफ ने मंगलवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया। आलोक मूलतः चंदौली के कैथी गांव का रहने वाला है। चंदौली से ही उसने सातवीं तक की पढ़ाई की थी। उसके बाद पिता के साथ लखनऊ चला गया। गांव में आज भी उसका घर है। कैथी निवासी वीरेंद्र प्रताप सिंह के तीन बेटे हैं। मांधाता सिंह, आलोक सिंह उर्फ डब्लू और बंबू सिंह। आलोक के सहपाठी रहे गांव के ज्ञानधर तिवारी ने बताया कि 1982 में आलोक ने गांव के प्राथमिक विद्यालय से कक्षा तीसरी तक पढ़ाई की थी। इसके बाद चहनियां स्थिति खंडवारी विद्यालय से सातवीं तक की पढ़ाई की।
15 घंटे में 800 किमी का सफर तय कर भोला को लेकर सोनभद्र लौटी पुलिस
कफ सिरप तस्कर गिरोह के सरगना शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को कोलकाता से लेकर पुलिस टीम मंगलवार की देर शाम सोनभद्र लौटी। ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद करीब 15 घंटे में 800 किमी का सफर तय कर यहां पहुंची टीम ने रास्ते में भी आरोपी के कनेक्शन के बारे में जानकारी हासिल करने में जुटी रही। देर रात तक भोला से पूछताछ जारी थी। बुधवार को उसे अदालत में पेश किया जाएगा।
कफ सिरप तस्कर गिरोह के सरगना शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को कोलकाता से लेकर पुलिस टीम मंगलवार की देर शाम सोनभद्र लौटी। ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद करीब 15 घंटे में 800 किमी का सफर तय कर यहां पहुंची टीम ने रास्ते में भी आरोपी के कनेक्शन के बारे में जानकारी हासिल करने में जुटी रही। देर रात तक भोला से पूछताछ जारी थी। बुधवार को उसे अदालत में पेश किया जाएगा।