IIT BHU : AI स्टार्टअप में छात्रों को मिलेगा 26 लाख का ग्रांट, करना होगा ये काम; ई-समिट में दी गई खास जानकारी
एआई को लेकर आईआईटी बीएचयू में विशेष चर्चाएं की गईं। ई-समिट में पुरा छात्र ने कई जानकारियां भी दीं। कहा कि इस रूम में जितने भी लोग हैं कुछ न कुछ बड़ा करेंगे ही। जो भी स्टार्टअप खोलना चाहता है ताे उनको मदद मिलेगी।

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Artificial Intelligence : आईआईटी बीएचयू में एआई और नई तकनीक पर आधारित स्टार्टअप को विकसित करने के लिए छात्रों और वैज्ञानिकों को 26 लाख से ज्यादा रुपये (30 हजार अमेरिकी डॉलर) दिए जाएंगे। शनिवार को ई-समिट 25 में आए पुरा छात्र एवी दत्त ने ये बातें कहीं।

आईआईटी बीएचयू सीड फंड की शुरुआत की गई है। अभी तक दो प्रोफेसरों को ये फंड दिया जा चुका है। इस सीड फंड का सेलेक्शन प्रॉसेस भी बनाया गया है। संस्थान के एबीएलटी-4 हॉल में माइक्रोसॉफ्ट, मेक माई ट्रिप, सरस एआई आदि कंपनियों के डेलीगेट्स के बीच सीड फंड एएमए, डीपटेक पैनल और कंज्यूमर टेक पैनल चर्चाएं हुईं।
छात्रों के सवालों के जवाब देने के साथ ही इनोवेशन के दौरान आ रहीं दिक्कतों को दूर करने के लिए तकनीकी मदद भी की जाएगी। फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर अंकुर ने कहा कि कॉलेज में कब तक हो, फर्क नहीं पड़ता। कब तक नई-नई चीजें सोच रहे हो, इससे बड़ा असर हो जाता है। भीड़ की दुनिया से अलग इनोवेटिव वर्ल्ड में जिंदा रखता है। इस रूम में जितने भी लोग हैं कुछ न कुछ बड़ा करेंगे ही। जो भी स्टार्टअप खोलना चाहता है ताे उनको मदद मिलेगी।
ऑफ बीट लोकेशन पर जा रहे युवा
मेक माई ट्रिप कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि ट्रिप लोकेशन को लेकर भारत के युवा और छात्रों की पसंद और नापसंद बदल रही है। ग्राहकों की आदतों की डेली एनालिसिस की जा रही है। पाया गया कि भारत के युवा ऑफ बीट लोकेशन पर जाना पसंद करते हैं। यानी कि जो जगह कॉमन नहीं है।
गोवा और मनाली के बजाय खाली स्थान ज्यादा पसंद आ रहे हैं। ऐसे में उन ग्राहकों तक पहुंच बनाई जा रही है। ऐसे लोकेशन को खोजकर युवाओं को बताया जा रहा है। कंपनियों ने छात्रों को डेटा जुटाने की तकनीक भी बताई।
अब एआई में पश्चिम के बजाय पूर्वी देश कर रहे लीड
माइक्रोसॉफ्ट के एआई डेलीगेट्स क्षितिज अग्रवाल ने बताया कि चीन ने एआई के फील्ड में डीपसीक सिस्टम बनाकर दिखा दिया कि हम अब तकनीक के मामले में पश्चिमी देशों पर निर्भर नहीं हैं। अमेरिका ने चैट जीपीटी बनाने में 65 बिलियन डॉलर खर्च किए, लेकिन चीन ने 6 बिलियन डॉलर में ही डीपसीक बना दिया।
भारत में भी इस तरह की कई स्टार्टअप आ गए हैं। वेस्ट ओरिएंटेड दुनिया अब भारत की ओर देख रही है। आयोजक मंडल ई-सेल की वाइस प्रेसिडेंट प्रांजलि ने बताया कि ई समिट में फंड जुटाने के लिए भी प्रतिस्पर्धा हुई। इसके तहत निवेशकों को बुलाया गया। फन स्टार्टअप एक्सपो लगाया गया है। इसमें 20 से ज्यादा स्टार्टअप आए हैं।