UP: मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट, फर्जी जज के यहां कराई पेशी; 51.98 लाख का लगाया चूना
Varanasi News: वाराणसी में मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 51.98 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। वीडियो कॉल पर ही साइबर ठगों ने फर्जी जज के यहां पेशी भी कराई।
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मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी देकर छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर प्रशांत सिंह से 51.98 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई है। ट्राई के अधिकारी, आईपीएस से वीडियो कॉल पर बातचीत के दौरान फर्जी जज के यहां वीडियो कॉल पर ही साइबर ठगों ने पेशी भी कराई है। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
चौबेपुर थाना क्षेत्र के चिरईगांव नरपतपुर निवासी प्रशांत सिंह ने पुलिस को बताया कि 11 दिसंबर की दोपहर एक बजे कॉल आई और उसने खुद को ट्राई का पीआरओ अभिषेक शर्मा बताया और कहा कि आपके नाम से एक मोबाइल नंबर जारी हुआ है। सात दिसंबर को मुंबई के तिलक नगर स्थित एयरटेल स्टोर कुशल काम्पलेस से सिम खरीदी गई है। इस नंबर का मिसयूज किया जा रहा है।
दूसरा मोबाइल नंबर भेजा और उस पर नाम, पता और डिटेल भेजने को कहा। तुरंत बाद ही दूसरे नंबर से वीडियो कॉल आई और एक युवती ने खुद को एसआई अर्चना त्यागी बताई। अर्चना ने मेरी बात आईपीएस विजय खन्ना से कराई। विजय खन्ना ने कहा कि आपका केनरा बैंक का डेबिट कार्ड मनी लांड्रिंग केस के आरोपी नरेश गोयल के घर से मिला है, जिसमें दो करोड़ रुपये है। उसका 10 प्रतिशत आपको मिलने वाला है। तुरंत मैने कहा कि किसी नरेश को नहीं जानता हूं और केनरा बैंक में खाता भी नहीं है।
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फिर उसने एक एप्लिकेशन लिखवाया और उसमें पीसीसी और एनओसी की बात कही। फिर 12 दिसंबर को 9.30 बजे आनलाइन कैमरे के सामने आया, फिर मुझे विडियों कालिंग द्वारा कोर्ट में पेश किया गया। वहां कोर्ट के जज पुलिस भी मौजूद थी, कुछ सवाल पूछने के बाद वापस आईपीएस विजय खन्ना से बात होने लगी। फिर उसने करन शर्मा से बात कराई। एक कोर्ट का आर्डर दिया, जिसमें 14,74,000 रुपये भेजने के लिए कहा।
एक्सिस बैंक के खाते में 14,74,000 रुपये अपने एसबीआई बैंक के जरिए भेज दिए। 16 दिसंबर को कोर्ट द्वारा 29,74,0000 रुपये सिक्योरिट के तौर पर देने का आर्डर हुआ। फिर मैने पर्सनल लोन लेकर 29,74,000 रुपये इंडसइंड बैंक खाते में भेजे।जमानत राशि के रुप में 750000 रुपये पंजाब ग्रामीण बैंक खाते में भेजा।
इस तरह इन तीन बैंकों में कुल 51,98,000 रुपये आरटीजीएस किए। विजय खन्ना द्वारा बताया गया था कि आपका पैसा 48 से 72 घंटे में एकाउन्ट में वापस आ जाएगा। जब नहीं आया तो परिजनों से बातचीत की, तब मालूम चला कि साइबर जालसाजों के फेर में फंस गया। साइबर क्राइम थाने में दर्ज प्राथमिकी की विवेचना इंस्पेक्टर राकेश कुमार गौतम कर रहे हैं।
