जज्बे को सलाम: काशी की किरन ने तीन मिनट में मारे 162 डोलियो किक, बनाए तीन रिकॉर्ड; पिता बोले- नाज है बेटी पर
किरन सिंह की सफलता पर शुभचिंतकों ने कहा कि यह सम्मान समारोह केवल एक खिलाड़ी के सम्मान का अवसर नहीं, बल्कि यह उस विश्वास का उत्सव था कि जब बेटियों को अवसर और मार्गदर्शन मिलता है तो वे इतिहास रचती हैं। आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी बन जाती हैं।
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‘मुझे ताइक्वाडो में कुछ खास और अलग करने की ललक थी। इसलिए हरहुआ के सभईपुर गांव से सायकिल चलाकर अकथा स्थित स्वामी विवेकानंद नगर कॉलोनी आती थी। बीआर फाउंडेशन की संस्थापक पूनम दीदी ने मेरा बहुत सपोर्ट किया। दो महीने की प्रैक्टिस के बाद एक दिन मैंने लगातार 162 डोलियो किक मारे। मुझे भी यकीन नहीं हुआ लेकिन जब इसे सराहना मिली तो मेरे आंसू छलक उठे। अपने माता-पिता के साथ मैंने अपने गुरुजनों और शुभचिंतकों का आशीर्वाद लिया।’
यह कहना है कि वाराणसी के एक छोटे से गांव समई की किरन सिंह का, जो ताइक्वांडो खिलाड़ी हैं। बताया कि अब शादी के बाद भटपुरवा चली गर्इं लेकिन उनके पति सर्वेश कुमार और ससुराल के लोग कभी उनके खेल एवं सपने में बाधक नहीं बने।
किरन के अनुसार, ‘आठ बरस पहले उन्होंने अपने स्कूल में ताइक्वांडो खेलते बच्चों को देखा तो उनकी भी इच्छा हुई।’ कोच सौरभ सिंह ने सपोर्ट किया और पिता ने किट की व्यवस्था की। इसके बाद किरने अपने सपने को पूरा करने के सफर पर निकल पड़ीं। प्रतिदन पांच-छह घंटे की प्रैक्टिस भी करती थीं।
बेटी की सफलता पर पिता की खुशी
पिता हरिश्चंद्र सिंह बताते हैं कि मैं एक ड्राइवर हूं। अफसरों के बच्चों को स्कूल छोड़ने जाता हूं तो उनकी तालीम देखकर काफी अच्छा लगता है। सोचता था कि इन बच्चों की तरह ही मेरे बच्चे भी कुछ नया करें। इसलिए मैंने छोटे-छोटे खर्चों पर लगाम लगाता गया। इसमें मेरी पत्नी राजकुमारी का बड़ा योगदान रहा।
हरिश्चंद्र बताते है कि उन्होंने नशे को हाथ तक नहीं लगाया ताकि उनके बच्चों की फीस की व्यवस्था में कमी न आए। तीन बेटियों और दो बेटों के पिता अपने बच्चों की सफलता देखकर काफी खुश हैं। मां भी जब पड़ोसियों से बच्चों की सराहना सुनती हैं तो वह भी खुशी से चहक उठती हैं।
काशी की पवित्र धरती से निकलकर अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने वाली किरन सिंह आज केवल एक खिलाड़ी नहीं बल्कि, बेटियों के हौसले की जीवंत मिसाल बन चुकी हैं। कुछ ही वर्षों के भीतर तीन वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड बनाकर किरन सिंह ने बनारस सहित पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
शिक्षा के क्षेत्र में बीपीएड (शारीरिक शिक्षा) से स्नातक किरन सिंह ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हैं और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में रजत पदक भी जीत चुकी हैं। खेल के साथ-साथ उन्होंने अपनी सृजनात्मक क्षमता से भी दुनिया को चकित किया है।
साल 2025 में किरन सिंह ने ताइक्वांडो में अपनी शारीरिक क्षमता और मानसिक दृढ़ता का बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने केवल तीन मिनट के भीतर लगातार 162 किक लगाकर दो बड़े कीर्तिमान अपने नाम किए। इनमें निर्भया ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड और वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड शामिल हैं।
ऐसे बनाया विश्व रिकार्ड
यह प्रदर्शन केवल ताकत का नहीं बल्कि, निरंतर अभ्यास, अनुशासन और आत्मविश्वास का प्रतीक रहा। इससे पहले किरन ने नौ अगस्त, 2022 को 19 मिनट 46 सेकेंड में सुई-धागे से भारत का नक्शा उकेर कर एक अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया था। उस समय भी इस उपलब्धि के लिए उन्हें वर्ल्ड ग्रेटेस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
अपनी सफलता के पीछे की प्रेरणा का उल्लेख करते हुए किरन सिंह भावुक हो जाती हैं। वह बताती हैं कि जानी-मानी चित्रकार और बीआर फाउंडेशन की डायरेक्टर पूनम राय ने उन्हें हर कदम पर संबल दिया। किरन के अनुसार शुुरुआती दिनों में वह 20 किक के बाद ही थककर बैठ जाती थीं, लेकिन पूनम राय के हौसले और विश्वास ने उनके भीतर नई ऊर्जा भर दी। गुरु के आत्मविश्वास को देखकर ही उन्होंने खुद पर भरोसा करना सीखा और रिकॉर्ड बनाने का साहस जुटाया।
किरन सिंह बताती हैं कि जिस दिन वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड बनाने का अवसर आया, उसी दिन पूनम राय ने उन्हें पूरे मन से प्रोत्साहित किया। इसके बाद वह किक पर किक लगाती चली गर्इं। उनके शब्दों में हौसला ही सबसे बड़ी शक्ति है और वही शक्ति मंजिल तक पहुंचाती है।
संघर्ष से मिली सफलता
संघर्ष किरन सिंह के जीवन का अहम हिस्सा रहा है। वह बीआर फाउंडेशन में बच्चों को नि:शुल्क ताइक्वांडो प्रशिक्षण देने के लिए रोजाना लगभग 40 किलोमीटर साइकिल से सफर करती थीं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने कभी अपने कर्तव्य से मुंह नहीं मोड़ा। उनके पति सर्वेश कुमार जो पुलिस विभाग में कार्यरत हैं, उनके प्रोत्साहन से किरन और अधिक मजबूत हुईं।
शादी के बाद भी किरन सिंह का जज्बा कमजोर नहीं पड़ा। वह एक शिक्षण संस्थान में ताइक्वांडो का प्रशिक्षण देती हैं। घर की जिम्मेदारियां निभाती हैं। भोजन बनाती हैं और इसके बाद समय मिलने पर बीआर फाउंडेशन के बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए साइकिल से ही निकल पड़ती हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि समर्पण और अनुशासन के सामने कोई बाधा बड़ी नहीं होती।
बनारस जिले के बड़ागांव प्रखंड के सभईपुर (घमहापुर) गांव की रहने वाली किरन सिंह का सपना है कि वह अपना हुनर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिखा सकें। वह आत्मविश्वास से कहती हैं कि उनकी मंजिल दूर नहीं है। वह अपने हौसले के बल पर पूरे देश को यह संदेश देना चाहती हैं कि बेटियां कमजोर नहीं होतीं। वे घर का भोजन भी बनाती हैं और विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन करने की क्षमता भी रखती हैं।
किरन सिंह की यह यात्रा संघर्ष साधना और सफलता की वह प्रेरक कहानी है जो हर बेटी को यह विश्वास दिलाती है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।
मेडल देकर किया गया सम्मानित
बीआर फाउंडेशन में रविवार का दिन भावनाओं और गर्व से भरा रहा, जब इतिहास रचने वाली खिलाड़ी किरन सिंह को सम्मानित किया गया। उपलब्धियों की चमक और संघर्ष की गरिमा से सजे इस समारोह में जैसे पूरे वातावरण में उत्साह की रणभेरी गूंज उठी।
वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत ने कहा कि किरन सिंह ने जो इतिहास रचा है, उससे केवल बनारस ही नहीं बल्कि, समूचा देश गौरवान्वित हुआ है। उन्होंने कहा कि किरन की सफलता हर उस बेटी के लिए प्रेरणा है, जो सपने देखती है, लेकिन परिस्थितियों से डर जाती है। बेटियों को चाहिए कि वे किरन सिंह के संकल्पों से प्रेरणा लें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें ताकि देश और समाज में अपना नाम रोशन कर सकें।
गुरुजनों और शुभचिंतकों ने दिया आशीर्वाद
समारोह में किरन की गुरु और जानी-मानी चित्रकार पूनम राय ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि बीआर फाउंडेशन का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना नहीं बल्कि, बच्चों के भीतर छिपे नए हुनर को पहचान कर उसे निखारना है। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि बीते पांच वर्षों में संस्था से जुड़े दर्जन भर प्रतिभागियों ने विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। पूनम राय स्वयं चार बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी हैं।
पूनम राय ने कहा कि जिनके हौसलों में जान होती है वही इतिहास रचते हैं। किरन सिंह इसकी जीवंत मिसाल हैं, जिन्होंने निरंतर परिश्रम और आत्मविश्वास के बल पर असंभव को संभव कर दिखाया।
सम्मान समारोह में सामाजिक और बौद्धिक जगत की कई जानी मानी हस्तियां मौजूद रहीं। इस अवसर पर शिक्षिका ऋचा सिंह, नरेश कुमार राय, अनुष्का मौर्य, महेंद्र, रिजवान और सुनील शामिल रहे। इस भावुक क्षण के साक्षी बनने के लिए किरन सिंह के परिवारजन भी उपस्थित थे। उनके पिता हरिश्चंद्र पटेल, मां राजकुमारी, ससुर इंद्रदेव प्रसाद पटेल और सास मंजू देवी की आंखों में गर्व और खुशी साफ झलक रही थी।
