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पितृपक्ष पर कोरोना की काली छाया, तीर्थपुरोहितों पर रोजी-रोटी का संकट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: वाराणसी ब्यूरो
Updated Tue, 01 Sep 2020 04:59 PM IST
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पिंडदान करते लोग।
- फोटो : अमर उजाला

वाराणसी में पितृपक्ष पर भी कोरोना की काली छाया पड़ गई है। सार्वजनिक आयोजन निरस्त होने के कारण पिशाच मोचन और गंगा किनारे के तीर्थ पुरोहितों में निराशा के बादल मंडरा रहे हैं।
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लॉकडाउन में पूजा-पाठ बंद होने के बाद अब पितृपक्ष में भी कोई आयोजन नहीं होंगे। पिशाच मोचन मोचन कुंड से लेकर गंगा तट तक सन्नाटा पसरा रहेगा।
पिशाच मोचन के तीर्थ पुरोहितों के चेहरे पर मायूसी छाई है। उनका कहना है कि वर्ष भर में पितृपक्ष का ही मौका होता है जब उनकी आमदनी के रास्ते खुलते हैं। त्रिपिंडी श्राद्ध व अनुष्ठान के लिए काशी में देश के कई हिस्सों से यजमान आते हैं लेकिन इस बार प्रशासन की रोक के कारण सन्नाटा रहेगा। न यजमान आएंगे न कोई आमदनी होगी।
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तीर्थ पुरोहित राजेश मिश्रा, माणिक चंद्र दीक्षित, लालजी उपाध्याय, नरेंद्र उपाध्याय, मुन्नालाल पंडा, जगदीश मिश्रा ने बताया कि प्रशासन की रोक के कारण इस बार पिशाच मोचन कुंड पर कोई आयोजन नहीं होंगे। हम लोगों का प्रशासन से निवेदन है कि वह कुछ पाबंदियों के साथ त्रिपिंडी श्राद्ध कराने की अनुमति देती तो कुछ राहत मिलती। हम लोगों की रोजी-रोटी पर तो संकट आ गया है।