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बिजली चोरी पर लगेगी लगाम: वाराणसी में जून से लगेंगे प्रीपेड स्मार्ट मीटर, बिल जमा नहीं किया तो गुल हो जाएगी बिजली

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: उत्पल कांत Updated Wed, 13 Apr 2022 12:05 PM IST
सार

मीटर रीडिंग करने वाले बिजली विभाग के कर्मचारियों से सांठगांठ कर गड़बड़ी अब नहीं हो पाएगी। वाराणसी में जून माह से  प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।  पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है।

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Prepaid smart meters will be installed in Varanasi from June for Electricity theft will  curbed
प्रीपेड स्मार्ट मीटर। - फोटो : फाइल
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विस्तार
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बिजली चोरी रोकने के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता दीपक अग्रवाल के अनुसार वाराणसी में बिजली चोरी की घटनाओं को रोकने और लाइन लॉस कम करने के लिए जून माह से स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।

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उन्होंने बताया कि चेकिंग के दौरान पाया गया कि लोग मीटर रीडिंग करने वाले कर्मचारियों से सांठगांठ कर गड़बड़ी करते हैं। यही नहीं कई लोग मीटर बाइपास करते हैं। इस प्रकार की गड़बड़ियों को रोकने के लिए सिम वाले स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी की गई है।
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इस मीटर से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। इससे न केवल बिजली चोरी रुकेगी बल्कि लाइन लॉस भी कम होगा। स्मार्ट मीटर लगाने की की योजना को पहले ही धरातल पर आना था, मगर कोविड-19 के चलते यह योजना अधर में लटक गई।

क्या होता है प्रीपेड स्मार्ट मीटर 
प्रीपेड स्मार्ट मीटर सिम आधारित होता है। इसकी सारी रीडिंग सर्वर पर दर्ज होती है। प्रीपेड मीटर लगने के बाद रीडिंग से बिल बनाने की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। उसके बाद उपभोक्ताओं को रिचार्ज करवाना पड़ेगा। तभी उनकी आपूर्ति जारी रहेगी। रिचार्ज खत्म होने पर बिजली स्वतः कट जाती है। रिचार्ज खत्म होने के 24 घंटे पहले उपभोक्ताओं के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस से सूचना भेजी जाती है। 

अब बिजली कर्मचारियों के आवास में भी लगेंगे मीटर

बिना मीटर लगाए बिजली खर्च करने वाले कर्मचारियों पर नकेल कसी जाएगी। अब उनके घरों में भी बिजली मीटर लगाए जाएंगे। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक तकनीकी पीपी सिंह ने बताया कि शासन से निर्देश मिलने के बाद कर्मचारियों से आख्या मांगी गई है।

शासन ने कर्मचारियों से उनके स्थायी पते पर लगाए गए मीटर की भी जानकारी मांगी है। कर्मियों को बिजली मीटर और बिल नंबर अनिवार्य रूप से देना होगा। आख्या नहीं भरने वालों की सैलरी भी रोकी जा सकती है। सभी जानकारी ईआरपी पर लोड की जाएंगी।

विरोध में आंदोलन की तैयारी

राज्य विद्युत परिषद जूनियर  इंजीनियर्स संगठन के पूर्वांचल सचिव नीरज बिंद ने बताया कि नई आख्या मांगकर समझौते का उल्लंघन किया जा रहा है। इसे हम लोग स्वीकार नहीं करेंगे। बताया कि विभाग हमारी सैलरी से बिजली का अनुमानित खर्च काटता है। 

बिजली मीटर विवाद पुराना
अभियंता संघ के क्षेत्रीय सचिव जगदीश पटेल के अनुसार कर्मचारियों के घर में बिजली मीटर लगाने का विवाद पुराना है। इसकी शुरूआत 2018 में हुई थी। कर्मचारियों के विरोध करने पर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था। आंदोलन के बाद वर्ष 2000 में बिजलीकर्मी और सरकार के बीच में समझौता हुआ था। 

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