Dhirendra Shastri: चोर, उचक्के और हत्यारे बन सकते हैं नेता तो भगवाधारी क्यों नहीं, काशी में बोले बाबा बागेश्वर
Pt. Dhirendra Krishna Shastri: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने काशी विश्वनाथ धाम में विधि-विधान से पूजन अर्चन किए। उन्होंने बाबा के दर्शन के बाद काफी प्रसन्नता जाहिर की।

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Varanasi News: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री काशी पहुंचे। शनिवार को उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया। उनके साथ संतोष दास सतुआ बाबा उपस्थित रहे। दर्शन के बाद वे सतुआ बाबा आश्रम पहुंचे। यहां भारी संख्या में श्रद्धालु उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे।

इस दौरान पत्रकारों के कुछ सवालों पर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। नेपाल में अशांति से लेकर बांग्लादेश में नरसंहार व सनातन धर्म पर कई बड़े बयान दे डाले। कहा कि भारत को नेपाल और बांग्लादेश की घटनाओं से सबक लेना चाहिए। भारत में हिंदू एकता का कार्य बहुत जरूरी है। भारत को घोषित रूप से हिन्दू राष्ट्र बनाना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मैं सात नवंबर से 16 नवंबर तक पदयात्रा कर रहा हूं ताकि भारत हिन्दू राष्ट्र बने। विश्व में शांति के लिए हिन्दू राष्ट्र ही एकमात्र रास्ता है। हिंदुत्व मानवता की एक विचारधारा है।
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पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भगवाधारियों के राजनेता बनने के सवाल पर कहा भगवाधारी क्यों नहीं बन सकते राजनेता? उन्होंने सीएम योगी की तारीफ करते हुए कहा आई सपोर्ट, योगी बाबा, बहुत अच्छे हैं। जिसको बुरा लगे वो हमारी हवेली पर आएं।
पीएम की मां पर टिप्पणी को लेकर पं धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि सबकी मां पूज्यनीय हैं, सबका सम्मान होना चाहिए। किसी भी मां के लिए किसी भी व्यक्ति को निंदनीय शब्द नहीं बोलने चाहिए।
बाबा बागेश्वर ने कहा कि मैं बिहार के गया जा रहा हूं। बिहार मेरा घर है, मैं चुनाव के लिए नहीं जा रहा हूं। पितरों के तर्पण के लिए गया जी जाना चाहिए। भाजपा के पक्ष में होने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं सच्चा सनातनी हूं। सनातन की बात करता हूं किसी पार्टी की नहीं।
मणिकर्णिका की जलती चिताओं के सामने धीरेंद्र शास्त्री ने किया अनुष्ठान
बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने अपने दादा गुरु के अंतिम संस्कार स्थल पर पितृपक्ष के अनुष्ठान पूर्ण किए। मध्यरात्रि में उन्होंने मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं के सामने सतुआ बाबा आश्रम की छत पर बैठकर सभी अनुष्ठान और हवन किया। इसके बाद वह श्राद्ध व तर्पण के लिए शनिवार को गया रवाना हो गए।
शुक्रवार की रात बनारस पहुंचे आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने रात्रि विश्राम सतुआ बाबा आश्रम में किया। आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि वह 2010 से हर वर्ष एक रात्रि काशी में बिताते हैं और मणिकर्णिका घाट पर ही बैठते हैं। इसके पहले पिछले साल भी वह काशी में जलती चिताओं के सामने बैठकर अनुष्ठान कर चुके हैं।
इस बार भी उन्होंने अपने गुरु दादा की याद में पूजन पाठ और अनुष्ठान किया है। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने कुछ समय सांसद मनोज तिवारी के आवास पर भी बिताया। उन्होंने सतुआ बाबा आश्रम में ही वृंदावन के प्रसिद्ध संत स्वामी प्रेमानंद महाराज के शिष्य और पूर्व रेसलर वीर महान के साथ ही अन्य शिष्यों से मुलाकात भी की।