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Varanasi Court: दुष्कर्म केस में चार महीने में फैसला, दोषी को 10 साल की कठोर कैद; एक साल से कर रहा था दरिंदगी
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: अमन विश्वकर्मा
Updated Sat, 05 Jul 2025 06:11 AM IST
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सार
वाराणसी के मंडुवाडीह थाने में एक महिला ने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। आरोप था कि मेडिकल स्टोर के मालिक ने युवकी के साथ दुष्कर्म किया और न किसी को भी न बताने की बात कही थी। वह एक साल से ऐसा कर रहा था।

विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो-2) की अदालत से सुनाया फैसला।
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
Varanasi News: विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो-2) नितिन पांडेय की अदालत ने 16 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के आरोप में भिटारी निवासी धीरज कुमार राठौर को दोषी पाया है। अदालत ने शुक्रवार को धीरज को 10 वर्ष के कठोर कारावास और सात हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत ने आदेश दिया है कि अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को दी जाए। नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद दुष्कर्म के मामले में जिले की अदालत का यह पहला फैसला है।
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अभियोजन पक्ष के अनुसार, मंडुवाडीह थाने में गत 23 फरवरी को पीड़िता की मां ने धीरज कुमार राठौर के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता की मां ने पुलिस को बताया था कि उनके घर के पास धीरज ने मेडिकल स्टोर खोल रखा था। उसके मेडिकल स्टोर पर उनकी 16 वर्षीय बेटी दवा लेने जाती थी।
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लगभग एक वर्ष से धीरज उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर दुष्कर्म करता आ रहा था। वह उनकी बेटी को कहता था कि किसी को मत बताना, तुमसे ही शादी करेंगे। 19 फरवरी को वह घर से बाहर निकलीं तो धीरज ने उनके घर आकर उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। वह घर आई तो धीरज भाग गया।
विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में अदालत ने 27 मई को आरोप तय किया। सभी छह गवाहों का साक्ष्य 14 दिन में पूरा कराया गया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को दुष्कर्म के दोष में 10 वर्ष के कठोर कारावास और जुर्माने से दंडित किया। पॉक्सो एक्ट के आरोप से अभियुक्त को दोषमुक्त कर दिया गया है।