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Almora News: ड्रोन तकनीक से कम समय में समान छिड़काव संभव
संवाद न्यूज एजेंसी, अल्मोड़ा
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:12 PM IST
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अल्मोड़ा। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (वीपीकेएएस) की ओर से सोमेश्वर तहसील के लोध में किसानों और विद्यार्थियों के लिए ड्रोन आधारित आधुनिक कृषि तकनीकों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस दौरान गेहूं की फसल में ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के छिड़काव का सफल प्रदर्शन किया गया। यहां किसानों को बताया गया कि ड्रोन तकनीक से कम समय में समान छिड़काव संभव है जिससे श्रम, समय और लागत में उल्लेखनीय बचत होती है।
इफको के प्रतिनिधि नीरज कुमार ने नैनो-उर्वरकों के लाभों की जानकारी दी। बताया कि ये कम मात्रा में अधिक प्रभावी होते हैं। सरकार के उर्वरकों पर दी जा रही सब्सिडी के कारण किसानों के लिए एक उपयोगी विकल्प हैं। डॉ. अशोक साहनी ने प्राकृतिक और जैविक खेती को अपनाने की अपील की।
डॉ. नवीन चंद्र गहत्याड़ी ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव में केवल 12-15 लीटर पानी प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है। एक एकड़ क्षेत्र में मात्र 10 मिनट में छिड़काव संभव है जो पारंपरिक विधियों की तुलना में अत्यंत प्रभावी है।
एमएम गिरी ने वीपीकेएएस के विकसित बीज तकनीकों के लाभों से अवगत कराया। इस मौके पर विद्यार्थियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। इस मौके पर डॉ. अशोक साहनी, डॉ. राजेश कुमार खुल्बे, डॉ. देवेंद्र शर्मा सहित किसान विद्यार्थी मौजूद रहे।
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इफको के प्रतिनिधि नीरज कुमार ने नैनो-उर्वरकों के लाभों की जानकारी दी। बताया कि ये कम मात्रा में अधिक प्रभावी होते हैं। सरकार के उर्वरकों पर दी जा रही सब्सिडी के कारण किसानों के लिए एक उपयोगी विकल्प हैं। डॉ. अशोक साहनी ने प्राकृतिक और जैविक खेती को अपनाने की अपील की।
डॉ. नवीन चंद्र गहत्याड़ी ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव में केवल 12-15 लीटर पानी प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है। एक एकड़ क्षेत्र में मात्र 10 मिनट में छिड़काव संभव है जो पारंपरिक विधियों की तुलना में अत्यंत प्रभावी है।
एमएम गिरी ने वीपीकेएएस के विकसित बीज तकनीकों के लाभों से अवगत कराया। इस मौके पर विद्यार्थियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। इस मौके पर डॉ. अशोक साहनी, डॉ. राजेश कुमार खुल्बे, डॉ. देवेंद्र शर्मा सहित किसान विद्यार्थी मौजूद रहे।

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