सब्सक्राइब करें

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
Hindi News ›   Uttarakhand ›   Almora News ›   There is no single route, the funeral procession passes through the fields.

Almora News: एक अदद रास्ता नहीं, खेतों से निकलती है शवयात्रा

Haldwani Bureau हल्द्वानी ब्यूरो
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:15 PM IST
विज्ञापन
There is no single route, the funeral procession passes through the fields.
विज्ञापन
रानीखेत (अल्मोड़ा)। एक ओर सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर ताड़ीखेत ब्लॉक के ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। क्षेत्र के करीब 30 गांवों के लिए एकमात्र श्मशान घाट खिलाडेश्वर मुक्ति धाम तक आज भी सुगम सड़क नहीं पहुंच पाई है।
Trending Videos

इससे ग्रामीणों को शवयात्रा खेतों और कीचड़ भरे रास्तों से होकर निकालनी पड़ती है। बरसात के दिनों में गड्ढों में भरे पानी और फिसलन के कारण लोगों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कोठार, नौखला, खत्याड़ी, डढूली, सेमड़ी, तिमीलाडिग्गी, सरना, मलोटा समेत 30 से अधिक गांव इस समस्या से प्रभावित हैं। कई बार गनियाद्योली–सिंगोली–अम्याड़ी सड़क को वीर शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट पीपली सड़क से जोड़ने की मांग उठाई गई लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन

पूर्व जिला पंचायत सदस्य शोभा रौतेला ने अपनी निधि से सिंगोली–दौलधार–खाईखेत से मंदिर तक रास्ते की कटिंग करवाई थी लेकिन आगे सड़क निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है। स्थिति यह है कि शव यात्राएं आज भी किसी तरह श्मशान घाट तक पहुंचती हैं। ग्रामीणों ने कहा कि विकास के दावों के बीच इतनी जरूरी सुविधा का अभाव चिंता का विषय है। उन्होंने प्रशासन से जल्द सड़क निर्माण कराने की मांग उठाई है।

शहीद की शवयात्रा भी खेतों से निकली थी

चार साल पूर्व शहीद बृजेश रौतेला की शवयात्रा भी खेतों से होकर गुजरी थी। उनकी शवयात्रा में कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी पहुंचे थे उस वक्त सभी ने परिजनों को आश्वासन दिया लेकिन रास्ता बनाने के लिए किसी ने पहल नहीं की।

क्या बोले ग्रामीण
गांव के लोग इस समस्या से काफी अर्से से जूझ रहे हैं लेकिन आज तक समस्या का हल नहीं हुआ। श्मशान घाट को सड़क न होने से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में तो पैर फिसलने का डर लगा रहता है। - अमित नेगी, पूर्व प्रधान पपनै कोठार
==========
दो साल पहले मेरे बेटे शहीद बृजेश रौतेला की अंतिम यात्रा खेतों से होकर गुजरी थी। उस समय कई नेता और अधिकारी शामिल हुए थे मगर आज तक घाट के लिए रास्ता नहीं बन पाया। -दलवीर सिंह रौतेला, शहीद के पिता
==========
अपने कार्यकाल के दौरान खाईखेत से मंदिर तक सड़क कटान का काम अपनी निधि से पूरा करवाया था ताकि श्मशान घाट तक सुगम मार्ग मिल सके। लेकिन उसके बाद से सिर्फ आश्वासनों का दौर ही चलता रहा है। जमीनी हकीकत यह है कि आज तक सड़क का निर्माण आगे नहीं बढ़ पाया है। ग्रामीण अब भी कीचड़, खेतों और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होकर शवयात्रा निकालने को मजबूर हैं। यह स्थिति बेहद गंभीर है और प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए।
-शोभा रौतेला, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मोवड़ी
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed