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Almora News: चौखुटिया क्षेत्र में बढ़ा जंगली जानवरों का आतंक
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चौखुटिया (अल्मोड़ा)। चौखुटिया और आसपास के ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों की बढ़ती गतिविधियों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। क्षेत्र में तेंदुआ और भालू की लगातार आवाजाही से ग्रामीण भय के साये में जीने को मजबूर हैं। दिन दहाड़े भी आबादी क्षेत्र में जंगली जानवर दिखाई दे रहे हैं।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार खेतों, झाड़ियों, नदी किनारे और जंगल से सटे गांवों में तेंदुए की चहल-कदमी लगातार बनी हुई है। कई स्थानों पर दिन के उजाले में तेंदुए को सड़क पार करते या बस्तियों के पास घूमते देखा गया है। वहीं कुछ गांवों में भालू के दिखाई देने की घटनाएं भी सामने आई हैं। इससे महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे खास तौर पर डरे हुए हैं। संवाद
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मवेशियों पर हमले
ग्रामीणों का कहना है कि जंगली जानवरों से मवेशियों पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। भय के कारण लोग सुबह-शाम खेतों में जाने से कतरा रहे हैं, जिससे खेती-बाड़ी का काम भी प्रभावित हो रहा है। कई गांवों में शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जाता है।
वन विभाग की कार्रवाई
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है। वन कर्मियों द्वारा नियमित निगरानी की जा रही है और कुछ स्थानों पर वाइल्डलाइफ अलर्ट सेंसर व कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं, ताकि जंगली जानवरों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए गोष्ठियां भी आयोजित की जा रही हैं।
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ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सुबह और शाम के समय अकेले खेतों या जंगल की ओर न जाएं, बच्चों को अकेले बाहर न भेजें, मवेशियों को सुरक्षित बाड़ों में रखें और रात के समय घरों के आसपास रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था करें। किसी भी तरह की जंगली जानवरों की गतिविधि दिखने पर तुरंत वन विभाग या स्थानीय प्रशासन को सूचना देने को कहा गया है।
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स्थायी समाधान की मांग
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित गांवों में स्थायी निगरानी व्यवस्था की जाए, जरूरत पड़ने पर पिंजरे लगाए जाएं और मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक ठोस और स्थायी समाधान नहीं होगा, तब तक क्षेत्र में भय का माहौल बना रहेगा।
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भटकोट और जमणिया के लोग भयभीत
भटकोट के ग्राम प्रधान भावना देवी ने बताया कि शनिवार की शाम लगभग सात बजे तेंदुआ उनके घर के पास चहलकदमी करता हुआ देखा गया। उनके और गांववासियों के शोर करने पर तेंदुआ वहां से भाग गया। इसी प्रकार जमणिया के ग्रामीण सुंदर सिंह ने बताया कि शनिवार शाम को उनके ग्राम सभा में भी तेंदुआ दिखने से ग्रामीण भयभीत हैं।
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स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार खेतों, झाड़ियों, नदी किनारे और जंगल से सटे गांवों में तेंदुए की चहल-कदमी लगातार बनी हुई है। कई स्थानों पर दिन के उजाले में तेंदुए को सड़क पार करते या बस्तियों के पास घूमते देखा गया है। वहीं कुछ गांवों में भालू के दिखाई देने की घटनाएं भी सामने आई हैं। इससे महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे खास तौर पर डरे हुए हैं। संवाद
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मवेशियों पर हमले
ग्रामीणों का कहना है कि जंगली जानवरों से मवेशियों पर हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। भय के कारण लोग सुबह-शाम खेतों में जाने से कतरा रहे हैं, जिससे खेती-बाड़ी का काम भी प्रभावित हो रहा है। कई गांवों में शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जाता है।
वन विभाग की कार्रवाई
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है। वन कर्मियों द्वारा नियमित निगरानी की जा रही है और कुछ स्थानों पर वाइल्डलाइफ अलर्ट सेंसर व कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं, ताकि जंगली जानवरों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए गोष्ठियां भी आयोजित की जा रही हैं।
ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सुबह और शाम के समय अकेले खेतों या जंगल की ओर न जाएं, बच्चों को अकेले बाहर न भेजें, मवेशियों को सुरक्षित बाड़ों में रखें और रात के समय घरों के आसपास रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था करें। किसी भी तरह की जंगली जानवरों की गतिविधि दिखने पर तुरंत वन विभाग या स्थानीय प्रशासन को सूचना देने को कहा गया है।
स्थायी समाधान की मांग
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित गांवों में स्थायी निगरानी व्यवस्था की जाए, जरूरत पड़ने पर पिंजरे लगाए जाएं और मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक ठोस और स्थायी समाधान नहीं होगा, तब तक क्षेत्र में भय का माहौल बना रहेगा।
भटकोट और जमणिया के लोग भयभीत
भटकोट के ग्राम प्रधान भावना देवी ने बताया कि शनिवार की शाम लगभग सात बजे तेंदुआ उनके घर के पास चहलकदमी करता हुआ देखा गया। उनके और गांववासियों के शोर करने पर तेंदुआ वहां से भाग गया। इसी प्रकार जमणिया के ग्रामीण सुंदर सिंह ने बताया कि शनिवार शाम को उनके ग्राम सभा में भी तेंदुआ दिखने से ग्रामीण भयभीत हैं।

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