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Uttarakhand: पूर्व सैनिक सम्मेलन...सीएम ने की घोषणा, कहा- उत्तराखंड सैनिक कल्याण बोर्ड का जल्द होगा पुनर्गठन

अमर उजाला नेटवर्क, हल्द्वानी Published by: हीरा मेहरा Updated Fri, 07 Nov 2025 10:56 AM IST
सार

उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित एक पूर्व सैनिक सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के पुनर्गठन की घोषणा की। 

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CM Pushkar Singh Dhami announced the restructuring of the State Sainik Welfare Board
सीएम धामी
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विस्तार
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उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर बृहस्पतिवार को एमबी इंटर कॉलेज के मैदान में पूर्व सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के सैनिक कल्याण बोर्ड के पुनर्गठन की घोषणा की। सीएम ने कहा कि हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी में जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कार्यालय के लिए नए भवन व आवास भी बनाए जाएंगे।

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हल्द्वानी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरियों में आवेदन करने वाले पूर्व सैनिक व उनके परिवार के सदस्यों के लिए अधिकतम आयु छूट दो वर्ष की थी जिसे बढ़ाकर अब पांच साल किया जा रहा है। पूर्व सैनिक की मृत्यु पर उनकी अंतिम यात्रा सम्मानपूर्वक निकाली जाएगी। प्रदेश सरकार तत्काल दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि भी देगी।

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सीएम ने प्रदेश में 25 लाख रुपये तक की संपत्ति खरीदने पर पूर्व सैनिक, सैनिक या उनके परिवार वालों को स्टांप ड्यूटी में भी 25 प्रतिशत का छूट देने की बात कही। उन्होंने कहा कि शहीद होने वाले सैनिक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देंगे।

उन्होंने कहा कि विभिन्न वीरता पुरस्कार की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है। सैनिकों के परिवार के लिए अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। निशक्त पूर्व सैनिक के अलावा सैनिक की विधवा को आवासीय सहायता के रूप में भी दो लाख रुपये दिए जाएंगे। देहरादून के मुनियाल में बना सैन्य धाम शहीदों के सम्मान की मिसाल है।

पूर्व सैनिक सम्मेलन में ये घोषणाएं हुईं

- राज्य में सैनिक कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया जाएगा।

- वीरता पुरस्कार की राशि बढ़ाई गई। परमवीर चक्र विजेता को प्रदेश सरकार डेढ़ करोड़ रुपये देगी।

- शौर्य चक्र विजेता को 15 की जगह 25 लाख, सेना मेडल विजेता को सात की जगह 15 और मेंशन पुरस्कार विजेता को 3.5 लाख की जगह 10 लाख रुपये दिए जाएंगे।

- पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए हल्द्वानी में 150 की क्षमता के हॉस्टल का निर्माण होगा।

- अल्मोड़ा, पौड़ी, हल्द्वानी में सैनिक कल्याण बोर्ड के नए भवन बनेंगे।

- अशक्त पूर्व सैनिक व सैनिक की विधवा को दो लाख की आवासीय सहायता दी जाएगी।

- उपनल में अब 50 प्रतिशत भर्ती पूर्व सैनिक की हाेगी।

- सेवारत सैनिकों को 25 लाख की संपत्ति खरीद में 25 प्रतिशत की स्टांप डयूटी में छूट

- पूर्व सैनिक और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में अधिकतम आयु सीमा में पांच साल की छूट।

पूर्व नहीं सैनिक अभूतपूर्व होता है : धामी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि सैनिक, पूर्व सैनिक, वीर नारी और पूर्व सैनिकों के परिवार के हित में प्रदेश की भाजपा सरकार कार्य कर रही है। उनका मानना है कि सैनिक कभी भी पूर्व या भूतपूर्व नहीं होता है। वह आजीवन सैनिक ही रहता है और अभूतपूर्व होता है। राज्य आंदोलन में भी वीर नारी, पूर्व सैनिकों का योगदान रहा है। ऐसे में सैनिकों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार कई कदम उठाने जा रही है।

आज रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है भारत
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले देश रक्षा सामग्री का आयात करता था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत अब ब्रह्मोस, आकाश जैसी मिसाइल बना रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में इन मिसाइलों ने दुश्मन को तबाह कर दिया। अब भारत रक्षा सामग्री निर्यात भी कर रहा है। यह बड़ी उपलब्धि है।

राहुल गांधी के नेतृत्व में ही कांग्रेस मुक्त बनेगा भारत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को शहजादा नाम देते हुए कहा कि उनकी मानसिकता राष्ट्रविरोधी बन चुकी है। सही मायने में राहुल गांधी के ही नेतृत्व में कांग्रेस मुक्त भारत बनेगा। प्रधानमंत्री और देश ने कांग्रेस मुक्त भारत का जो सपना देखा वह शहजादा ही पूरा करेगा।

विदेशी शक्ति के साथ मिलकर काम करती है कांग्रेस
सीएम धामी ने कहा कि कांग्रेस विदेशी शक्तियों के साथ मिलकर कार्य करती है। ऐसी शक्तियां दंगा भड़काने का कार्य करती है। इसे न मोदी सरकार बर्दाश्त करेगी और न ही धामी सरकार। ऐसे लोगों को करारा जवाब मिलेगा।

सैनिक कल्याण सचिव को निर्देश, मंच से घोषणा तय समय में करें पूरा
सीएम ने मंच पर मौजूद सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी से कहा कि मंच पर सैनिक कल्याण मंत्री ने जो भी घोषणा की है उसका शत प्रतिशत समय पालन हो। तय समय में सभी कार्य पूर्ण हो।

उत्तराखंड आध्यात्मिकता के साथ शौर्य का भी प्रतीक
एमबी इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित पूर्व सैनिक समारोह में सीएम ने कहा कि उत्तराखंड देव ही नहीं वीर भूमि भी है। प्रदेश आध्यात्मिकता के साथ शौर्य का प्रतीक भी है। यह ऐसी भूमि है जहां बलिदानी की मां दर्द के साथ गर्व की अनुभूति करती है। पिता आंसुओं के साथ सीना चौड़ा कर शहादत का सम्मान करता है। समाज और सरकार की जिम्मेदारी है कि सैनिकों के परिवार को उचित सम्मान मिले।

गौरवशाली अतीत, सशक्त वर्तमान, सुनहरे भविष्य की थीम ने प्रदेश के रजत जयंती वर्ष के तहत आयोजित पूर्व सैनिक सम्मेलन में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश की रक्षा भी सैनिकों ने की और उत्तराखंड राज्य गठन में भी भूमिका अदा की।

सैनिकों को 25 साल के कालखंड का सच्चा रक्षक बताते हुए सीएम धामी ने यह उनके परिवार का कार्यक्रम है। यहां आकर उनका बचपन जीवंत हो उठा। कहा कि हमारी पहचान व प्रतिष्ठा सैनिकों के साहस समर्पण और वीरता में ही बसती है जबकि प्रेरणा, अनुशासन, वीरता और पराक्रम की सीख भी सैनिकों से ही मिलती है।

वीर नारियों के सम्मुख झुकाया शीश
सीएम धामी सुबह साढ़े 11 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। मंच पर जाने से पहले उन्होंने वीर नारियों के सम्मुख शीश झुकाकर उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान बेटियों ने लोकनृत्य छोलिया जबकि सेना के बैंड ने देश भक्ति तराने पेश किए। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री को उनके पिता की तस्वीर भेंट की। कजाकिस्तान में जूडो में गोल्ड जीतने वाली खिलाड़ी मीना बिष्ट को भी उन्होंने सम्मानित किया।

 

  • पूर्व सैनिकों के सम्मेलन में आने का मौका मिला। पुराने साथियों से मिलना हुआ और उनके साथ बिताया समय याद आ गए। -हयात सिंह भाकुनी, पूर्व सैनिक
  • सीएम धामी सैनिक परिवार से जुड़े हैं और हमारे बीच आए तो हमें खुशी हुई। इससे पूर्व सैनिकों का मनोबल ऊंचा हुआ है। -सूबेदार मेजर मोहन चंद्र जोशी
  • हम रिटायर नहीं हुए, देश सेवक हैं। इस तरह के - समारोह से नई पीढ़ी को संदेश मिलेगा। युवा अग्निवीर में कदम रखने को तत्पर हैं। -सूबेदार मेजर गणेश बिष्ट
  • सम्मेलन में मुख्यमंत्री पहुंचे बहुत अच्छा लगा। ऐसे आयोजनों में पुरानी दोस्तों का मिलन होता है और यादें - ताजा होती हैं। -नायब सूबेदार दुर्गादत्त पंत
  • पूर्व सैनिकों के सम्मेलन अलग अलग जगहों पर आयोजित होने चाहिए। इससे नई पीढ़ी को भी संदेश जाता है और पूर्व सैनिकों को भी खुशी होती है। -सूबेदार बहादुर चंद
  • पूर्व सैनिकों को एक साथ एक जगह पर देखना अच्छा लगा। यहां सीएम समेत मंत्रीगण भी सैनिकों के बीच पहुंचे जो - हौसला बढ़ाने वाला रहा। - पूर्व सैनिक दीप कुमार पांडे
  • 2014 में रिटायर हुआ। अब सेना में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में सेना को काफी महत्व मिला है और सुविधाएं भी बढ़ी हैं। - दिनेश सिंह बर्गली
  • 2003 में रिटायर हो गया था। - ऐसे सम्मेलन पूर्व सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का काम करते हैं। यहां आकर पुरानी सभी यादें ताजा ताजा हुई। -सूबेदार मेजर आनंद सिंह नेगी
  • पति थर्ड कुमाऊं में थे और 1997 में जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए थे। बेटा भी सेना में है। शहीदों की याद में गांव में कुछ होना चाहिए। -रमा भंडारी, वीर नारी
  • कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात पति राजेंद्र बिष्ट 2004 में शहीद हो गए थे। बेटा भी सीमा पर तैनात है। सरकार को वीर नारियों के लिए सुविधाएं बढ़ानी चाहिए। -गीता बिष्ट
  • पति उत्तम सिंह नेगी 1996 में जम्मू कश्मीर में वह शहीद हो गए थे। हमें आज तक अनुदान राशि नहीं मिली है। मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी उठाया है। -पदमा नेगी
  • पति उमेद सिंह 2002 में पठानकोट बार्डर में शहीद हो गए। आज बेटा कैलाश भी 12 कुमाऊं में तैनात है। देश सेवा के लिए परिवार समर्पित है। - राधिका देवी
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