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Pithoragarh News: डीडीहाट में 2.97 करोड़ से सुधरेगी पेयजल योजना, लीकेज से मिलेगा छुटकारा
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Tue, 16 Dec 2025 10:47 PM IST
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डीडीहाट (पिथौरागढ़)। जल्द ही नगर की बदहाल और जर्जर पेयजल लाइनें दुरुस्त होंगी। लाइनों की लीकेज ठीक होने से इनसे होने वाली हजारों लीटर पानी की बर्बादी भी रुकेगी। इस योजना में 2.97 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसकी स्वीकृति मिल चुकी है।
जल संस्थान नगर की पुरानी पेयजल योजना का रखरखाव करता है। डीडीहाट लिफ्ट पेयजल योजना के निर्माण के बाद जल संस्थान की पुरानी पेयजल लाइनें जीर्णशीर्ण होने लगी हैं। सात प्राकृतिक जल स्रोतों से संचालित इस योजना की लाइनों में जगह-जगह लीकेज भी हैं। हालात यह हैं कि सड़कों और नालियों में लीकेज लाइनों से हर रोज हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है जबकि कई लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर हैं।
विभाग के लिए धन के अभाव में इस योजना का रखरखाव काफी मुश्किल हो रहा था। अब जल्द ही पुरानी जर्जर योजना का जीर्णोद्धार होगा। इस योजना के सुधारीकरण के लिए 2.97 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। पुरानी पेयजल योजना से 0.50 एमएलडी पानी मिलता है जो गर्मी में नगर के लोगों के लिए कारगर और राहत देने वाला साबित होगा।
कोट
पुरानी पेयजल योजना के लिए शासन से मिले धन से स्रोतों की मरम्मत और प्राकृतिक स्रोतों से लगी मुख्य पाइपलाइन की मरम्मत का कार्य किया जाएगा। लीकेज लाइनों को भी ठीक किया जाएगा। योजना के सुधारीकरण के बाद इससे पानी अधिक मात्रा में मिलने लगेगा। - संदीप चतुर्वेदी, ईई, जल संस्थान, डीडीहाट
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जल संस्थान नगर की पुरानी पेयजल योजना का रखरखाव करता है। डीडीहाट लिफ्ट पेयजल योजना के निर्माण के बाद जल संस्थान की पुरानी पेयजल लाइनें जीर्णशीर्ण होने लगी हैं। सात प्राकृतिक जल स्रोतों से संचालित इस योजना की लाइनों में जगह-जगह लीकेज भी हैं। हालात यह हैं कि सड़कों और नालियों में लीकेज लाइनों से हर रोज हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है जबकि कई लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर हैं।
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विभाग के लिए धन के अभाव में इस योजना का रखरखाव काफी मुश्किल हो रहा था। अब जल्द ही पुरानी जर्जर योजना का जीर्णोद्धार होगा। इस योजना के सुधारीकरण के लिए 2.97 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। पुरानी पेयजल योजना से 0.50 एमएलडी पानी मिलता है जो गर्मी में नगर के लोगों के लिए कारगर और राहत देने वाला साबित होगा।
कोट
पुरानी पेयजल योजना के लिए शासन से मिले धन से स्रोतों की मरम्मत और प्राकृतिक स्रोतों से लगी मुख्य पाइपलाइन की मरम्मत का कार्य किया जाएगा। लीकेज लाइनों को भी ठीक किया जाएगा। योजना के सुधारीकरण के बाद इससे पानी अधिक मात्रा में मिलने लगेगा। - संदीप चतुर्वेदी, ईई, जल संस्थान, डीडीहाट

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