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Pithoragarh News: सर्जन का स्थानांतरण हुआ और ऑपरेशन के मिलने लगी लंबी तारीख
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Tue, 16 Dec 2025 10:53 PM IST
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जिला अस्पताल में ओटी के बाहर सर्जन का इंतजार करते मरीज। संवाद
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पिथौरागढ़। पहले से ही जिले में विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहे जिले के सबसे बड़े जिला अस्पताल में सर्जन के स्थानांतरण से दिक्कत बढ़ गई है। अब एकमात्र सर्जन पर मरीजों की जांच, इलाज और ऑपरेशन की जिम्मेदारी आ गई है। ऐसे में ऑपरेशन व्यवस्था में बदलाव किया गया है इसकी मार मरीज सह रहे हैं। सप्ताह में एक दिन सिर्फ तीन ऑपरेशन हो रहे हैं जबकि पूर्व में सप्ताह में दो दिन ऑपरेशन की व्यवस्था थी। ऐसे में अब सीमित ऑपरेशन होने से मरीजों को इसके लिए लंबी तारीख मिल रही है।
दरअसल, जिला अस्पताल को छोड़कर किसी भी अस्पताल में सर्जन तैनात नहीं हैं। बीते दिनों बगैर प्रतिस्थानी यहां तैनात एक सर्जन का स्थानांतरण कर दिया गया। ऐसे में अब यहां तैनात एकमात्र सर्जन पर मरीजों की जांच करने और ऑपरेशन की जिम्मेदारी आ गई है। पूर्व में दो सर्जन तैनात होने से अस्पताल में सप्ताह में दो दिन छह मरीजों के ऑपरेशन की व्यवस्था थी। अब इसमें बदलाव करना पड़ा है।
अब सप्ताह में सिर्फ एक दिन तीन ऑपरेशन हो रहे हैं। ऐसे में ऑपरेशन कराने वाले मरीजों की सूची लंबी हो गई है और इन्हें इसके लिए लंबी तारीख मिल रही है। मजबूर होकर दर्द से छुटकारा पाने के लिए मरीज ऑपरेशन के लिए निजी अस्पताल या मैदानी क्षेत्रों के चक्कर काट रहे हैं।
दूसरे सर्जन की तैनाती के दावे हवाई
जब बगैर प्रतिस्थानी सर्जन का स्थानांतरण होने पर जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराईं तो विभाग ने जल्द दूसरे सर्जन की तैनाती के दावे किए थे। एक महीने का समय बीतने के बाद भी यहां दूसरे सर्जन की तैनाती नहीं हो सकी है और सभी दावे हवाई साबित हुए हैं।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी भी बंद
जिला अस्पताल में तैनात सर्जन का स्थानांतरण होने से लैप्रोस्कोपिक सर्जरी भी बंद हो गई है और मरीज दूरबीन विधि से ऑपरेशन के लिए मैदानी क्षेत्रों के अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर हैं। जिला अस्पताल में तैनात सर्जन डॉ. लाल सिंह बोरा लैप्रोस्कोपिक सर्जरी कर रहे थे। इनके स्थानांतरण से अब यह सुविधा बंद हो गई है और लाखों रुपये से खरीदी मशीन का संचालन ठप हो गया है। संवाद
कोट
अस्पताल से एक सर्जन होने से ऑपरेशन व्यवस्था में बदलाव करना पड़ा है। गंभीर मरीजों का प्राथमिकता के आधार पर ऑपरेशन किया जा रहा है। नए सर्जन की तैनाती होने से व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। - डॉ. भागीरथी गर्ब्याल, पीएमएस, जिला अस्पताल, पिथौरागढ़
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दरअसल, जिला अस्पताल को छोड़कर किसी भी अस्पताल में सर्जन तैनात नहीं हैं। बीते दिनों बगैर प्रतिस्थानी यहां तैनात एक सर्जन का स्थानांतरण कर दिया गया। ऐसे में अब यहां तैनात एकमात्र सर्जन पर मरीजों की जांच करने और ऑपरेशन की जिम्मेदारी आ गई है। पूर्व में दो सर्जन तैनात होने से अस्पताल में सप्ताह में दो दिन छह मरीजों के ऑपरेशन की व्यवस्था थी। अब इसमें बदलाव करना पड़ा है।
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अब सप्ताह में सिर्फ एक दिन तीन ऑपरेशन हो रहे हैं। ऐसे में ऑपरेशन कराने वाले मरीजों की सूची लंबी हो गई है और इन्हें इसके लिए लंबी तारीख मिल रही है। मजबूर होकर दर्द से छुटकारा पाने के लिए मरीज ऑपरेशन के लिए निजी अस्पताल या मैदानी क्षेत्रों के चक्कर काट रहे हैं।
दूसरे सर्जन की तैनाती के दावे हवाई
जब बगैर प्रतिस्थानी सर्जन का स्थानांतरण होने पर जिला अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमराईं तो विभाग ने जल्द दूसरे सर्जन की तैनाती के दावे किए थे। एक महीने का समय बीतने के बाद भी यहां दूसरे सर्जन की तैनाती नहीं हो सकी है और सभी दावे हवाई साबित हुए हैं।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी भी बंद
जिला अस्पताल में तैनात सर्जन का स्थानांतरण होने से लैप्रोस्कोपिक सर्जरी भी बंद हो गई है और मरीज दूरबीन विधि से ऑपरेशन के लिए मैदानी क्षेत्रों के अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर हैं। जिला अस्पताल में तैनात सर्जन डॉ. लाल सिंह बोरा लैप्रोस्कोपिक सर्जरी कर रहे थे। इनके स्थानांतरण से अब यह सुविधा बंद हो गई है और लाखों रुपये से खरीदी मशीन का संचालन ठप हो गया है। संवाद
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अस्पताल से एक सर्जन होने से ऑपरेशन व्यवस्था में बदलाव करना पड़ा है। गंभीर मरीजों का प्राथमिकता के आधार पर ऑपरेशन किया जा रहा है। नए सर्जन की तैनाती होने से व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। - डॉ. भागीरथी गर्ब्याल, पीएमएस, जिला अस्पताल, पिथौरागढ़

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