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Uttarkashi News: आईआईटी रुड़की के छात्राओं ने किया घराट का भ्रमण
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तर काशी
Updated Sat, 29 Nov 2025 05:51 PM IST
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उत्तरकाशी। आईआईटी रुड़की के डिजाइनिंग छात्राओं ने डुंडा के विभिन्न गांवों का भ्रमण किया। इस दौरान छात्राओं ने घराट, परंपरागत खेती, ग्रामीण पर्यटन और स्थानीय जीवन शैली का अध्ययन किया।
आईआईटी रुड़की के 20 छात्र उत्तरकाशी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने डुंडा ब्लॉक के अरण्य गंगा, अस्तल आदि गांव का भ्रमण किया। वहां उन्होंने पारंपरिक घराट तकनीक, जलधारा आधारित ऊर्जा, स्थानीय कृषि प्रथाओं और ग्रामीण पर्यटन मॉडल का व्यवहारिक अध्ययन किया। इस दौरान घराट शृंखला के संस्थापन विजयेश्वर प्रसाद डंगवाल ने छात्राओं को पहाड़ों पर आजीविका के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण के बारे में जानकारी दी।
क्षेत्र के देवेश कोठारी ने छात्राओं को बताया कि पहाड़ों में पानी तेजी से मैदानी क्षेत्रों की ओर बह जाता है जिससे भूजल पुनर्भरण नहीं हो पाता। ऐसे में चाल, खाल एवं खंती जैसी पारंपरिक जल-संरक्षण प्रणालियां पुनः विकसित कर बरसाती जल को रोका जा सकता है। राज्य सरकार की ओर से पुरस्कृत जानकी देवी ने छात्रों को ऊनी वस्त्र की पारंपरिक रंगाई और कताई के गुर सिखाए। इस मौके पर दिनेश भट्ट, पूर्ण आनंद, विवेक, आईआईटी के पीएचडी स्कॉलर गजेंद्र, पिंकी, चिराग, नंदनी आदि मौजूद थे। संवाद
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आईआईटी रुड़की के 20 छात्र उत्तरकाशी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने डुंडा ब्लॉक के अरण्य गंगा, अस्तल आदि गांव का भ्रमण किया। वहां उन्होंने पारंपरिक घराट तकनीक, जलधारा आधारित ऊर्जा, स्थानीय कृषि प्रथाओं और ग्रामीण पर्यटन मॉडल का व्यवहारिक अध्ययन किया। इस दौरान घराट शृंखला के संस्थापन विजयेश्वर प्रसाद डंगवाल ने छात्राओं को पहाड़ों पर आजीविका के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण के बारे में जानकारी दी।
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क्षेत्र के देवेश कोठारी ने छात्राओं को बताया कि पहाड़ों में पानी तेजी से मैदानी क्षेत्रों की ओर बह जाता है जिससे भूजल पुनर्भरण नहीं हो पाता। ऐसे में चाल, खाल एवं खंती जैसी पारंपरिक जल-संरक्षण प्रणालियां पुनः विकसित कर बरसाती जल को रोका जा सकता है। राज्य सरकार की ओर से पुरस्कृत जानकी देवी ने छात्रों को ऊनी वस्त्र की पारंपरिक रंगाई और कताई के गुर सिखाए। इस मौके पर दिनेश भट्ट, पूर्ण आनंद, विवेक, आईआईटी के पीएचडी स्कॉलर गजेंद्र, पिंकी, चिराग, नंदनी आदि मौजूद थे। संवाद