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Satta Ka Sangram: Amar Ujala's election chariot 'Satta Ka Sangram' reaches Supaul | Bihar Assembly Elections 2
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Satta Ka Sangram:अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ पहुंचा सुपौल |Supaul |Bihar Assembly Elections 2025
Video Published by: ज्योति चौरसिया Updated Tue, 28 Oct 2025 11:57 AM IST
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अब बिहार की चुनावी बयार सुपौल तक पहुंच चुकी है। इस ऐतिहासिक धरती पर राजनीति केवल मंचों और भाषणों में नहीं, बल्कि लोगों के दिलों की धड़कन में बसती है। अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ आज सुपौल जिले में पहुंचा, जहां हर गली, चौक और चौपाल पर चुनावी चर्चाएं जोरों पर हैं। लोगों की जुबान पर बस एक ही सवाल है, “इस बार जनता किसे देगी सत्ता की चाबी?” सुबह की चाय से लेकर शाम की बैठकों तक, मतदाताओं की उम्मीदें और मुद्दे मिलकर बिहार की नई राजनीतिक तस्वीर गढ़ रहे हैं। सुपौल के स्थानीय निवासी मोहम्मद हैदर ने कहा, “सुपौल में विकास सबसे बड़ा मुद्दा है। यहां काफी काम हुआ है। सड़क, बिजली, पानी जैसी जरूरी सुविधाएं अब लगभग पूरी हो चुकी हैं। हमें लगता है कि पुराने और अनुभवी नेता ही इस विकास को आगे बढ़ा पाएंगे।” मोहम्मद रज़ा हुसैन ने बताया, “विजेंद्र प्रसाद यादव 1990 से सुपौल के विधायक हैं। उनके रहते यहां कभी किसी की हिम्मत नहीं हुई कि कोई रंगदारी मांग सके। जितना विकास सुपौल में हुआ है, उतना कम समय में कहीं और नहीं हुआ। उनकी उम्र ज़रूर बढ़ी है, लेकिन सोच आज भी एक युवा जैसी है। पलायन की समस्या भी अब काफी हद तक कम हुई है।” सद्दाम हुसैन ने कहा, “यहां रोजगार की बहुत कमी है। मैं पिछले 35 वर्षो से अस्पताल में काम कर रहा हूं, लेकिन हालात अब भी वैसे ही हैं। अगर कोई मरीज आता है तो उसे तुरंत दरभंगा रेफर कर दिया जाता है, क्योंकि यहां इलाज की ठीक व्यवस्था नहीं है।” एजाज़ ने बताया, “यहां कोई बड़ा विकास नहीं हुआ है। हाल ही में आई बाढ़ में लोग बांध पर रह रहे थे। मैंने आज तक अपने विधायक को इलाके में नहीं देखा। उनके आसपास के लोग बस उनकी तारीफ करते रहते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है।”
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