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खनिज माफिया वेस्टेज बोल्डर से कमा रहे लाखों रुपये, राजस्व को पहुंचा रहे नुकसान
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में किस तरह खनिज माफिया प्रशासन के नाक के नीचे रेलवे द्वारा निकाले गए वेस्टेज बोल्डर को फोड़वाकर अवैध तरीके से हैंड ब्रोकन बोल्डर से लाखों रुपये कमा रहे और शासन को राजस्व का नुकसान पहुचा रहे है इसका नजारा देखने को मिल रहा है। मामले के सामने आने का बाद जिम्मेदार खनिज अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करते हुए समय समय पर कार्यवाही किये जाने की बात कह रही है पर तस्वीरे आपके सामने है।
पेंड्रारोड से गेवरा रेल कॉरिडोर का निर्माणकार्य जोरो पर है,,रेल लाइन निर्माण कार्य के दौरान ठेका कंपनी के द्वारा जो खुदाई कराई गई उसमे बड़े बड़े बोल्डर और पत्थर निकाले गए जिसे सारबहरा इलाके में सक्रिय खनिज माफियाओ के द्वारा अपने खाली पड़े प्लॉट में भंडारण करा लिया गया और अब हजारों ट्रेलर बड़े बड़े बोल्डर को ते माफिया हर रोज कई मजदूरो के जरिये फोड़वाकर अवैध तरीके से हैंड ब्रोकिंग बोल्डर के साइज में तोड़वाकर बेच रहा है।।और यह गोरखधंधा विगत दो वर्षों से संचालित हो रहा है मौके पर हर दिन 5 से 6 ट्रैक्टर ट्राली मिलते हैं जिसमें मजदूरों द्वारा तोड़े गए इन हैंड ब्रोकन को लोड कर जिले के विभिन्न स्थानो में सौदा कर सप्लाई की जाती है।दो वर्षों में राजस्व की कितनी हानि हुई है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है दिन में 10 से 12 ट्रैक्टर ट्राली हैंड ब्रोकन बेचा जा रहा है 2 वर्षों में करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो चुकी है वही खनिज विभाग सिर्फ मामले में खानापूर्ति कर रहा है और केवल समझाइस देकर अपने कर्तव्य पूरा कर रहा है,,पर नतीजा बेसर है क्योकि इन खनिज माफियाओं पर विभाग की समझाइस बेअसर है।
हालांकि संबंधित खनिज विभाग को भी मामले की जानकारी है और उनका कहना है कि मौके पर जब भी उन्हें इस तरह की जानकारी मिलती है और रास्ते मे भी अगर गिट्टी को लाते ले जाते पकड़ता है तो कार्यवाही की जाती है।।पर वहां पर अवैध भंडारण की कार्यवाही नही बनती क्योकि रेलवे उसे बेस्टज मेटेरियल होने के कारण फेकता है।।हालांकि खनिज अधिकारी की माने तो उनके द्वारा आगे भी मामले में लगातार कार्यवाही जारी रहेगी।
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