मध्यप्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से 22 मासूम बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
तमिलनाडु की एक दवा कंपनी द्वारा निर्मित इस सिरप के सेवन के बाद कई बच्चों की किडनी खराब हो गई थी। इनमें से अधिकांश पीड़ित छिंदवाड़ा जिले के थे। घटना के बाद राज्य सरकार ने तुरंत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसने कार्रवाई करते हुए तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मा कंपनी के मालिक रंगनाथन को गुरुवार तड़के गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कांचीपुरम स्थित फैक्टरी से अहम दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
नागपुर रवाना होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री यादव ने कहा, “छिंदवाड़ा की यह दर्दनाक घटना हमें बेहद दुखी करती है। हमारी सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। मासूम बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
उन्होंने बताया कि एसआईटी की जांच के तहत जबलपुर पुलिस ने तमिलनाडु जाकर कंपनी मालिक की गिरफ्तारी सुनिश्चित की है। यादव ने कहा, “राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को सख्त सजा मिले। यह कार्रवाई हमारी सरकार की संवेदनशीलता और जनकल्याण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि नागपुर में अभी कुछ बच्चे इलाजरत हैं। उन्होंने कहा कि वे नागपुर स्थित एम्स, न्यू हेल्थ सिटी अस्पताल और सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसीएच) में भर्ती बच्चों से मिलने और उनके परिजनों से बातचीत करने जाएंगे।
एम्स नागपुर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, “मामला सामने आते ही हमने तत्काल एसआईटी गठित की और जिम्मेदार कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया गया है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”
इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य में दवा गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि सरकार ऐसी किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।