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भिवानी: अरावली बचाने के लिए एकजुट हुए जनसंगठन, चिंतन बैठक में लिया फैसला
विश्व की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला अरावली पर्वतमाला को नष्ट होने से बचाने के लिए जन संगठनों की चिंतन बैठक शनिवार को तोशाम के चौधरी रघुबीर सिंह फॉर्म हाउस पर हुई। जिसमें एकमत से प्रस्ताव पास किया गया कि हम विकास चाहते हैं, लेकिन अरावली को किसी भी कीमत पर नष्ट नहीं होने देंगे। अरावली बचाने के लिए चिंतन बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि इस मामले को लेकर सर्वाेच्च न्यायालय में पुन: याचिका डाली जाएगी और गांव-गांव जाकर अरावली बचान के लिए बड़े स्तर पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा। चिंतन बैठक में छह से अधिक किसान व जनसंगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल प्रधान ने कहा कि अरावली का सीना अवैध खनन की वजह से छलनी हो चुका है। कई जगह तो पहाड़ के पहाड़ ही गायब कर दिए गए हैं। अब उनके निशानों के नाम पर गहरी खाई बची है। कमल प्रधान ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर सभी देशवासियों से यह आह्वान है कि इस अन्याय के विरुद्ध गुरु गोबिंद सिंह की तरह बहादुरी से लड़ें, क्योंकि यह जिम्मेदारी संपूर्ण भारत के हर नागरिक की है कि इस फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद करे। सरकार के इस तानाशाही निर्णय के विरुद्ध अब हर संगठन जागरूक होकर आर-पार की लड़ाई लड़ेगा। सभी संगठनों ने संयुक्त रूप से यह प्रमुख एजेंडा पास किया जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य, स्टैंड विद नेचर, प्रोत्साहन सोशल वेलफेयर सोसाइटी, ग्राम विकास युवा मंडल, पर्यटन विकास मंच, किसान सभा सहित अनेक संगठनों ने मिलकर यह प्रस्ताव पास किया। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनः याचिका दायर की जाएगी और गांव-गांव जाकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। इस अवसर पर डॉ लोकेश, देशमुख दादरवाल, रमेश टमाटर वाला, विजेंद्र पूर्व सरपंच, अमित अत्री, अनिल शेषमा, कविता आर्य, रणविजय ग्रेवाल, सुमित बराड़, अशोक मलिक, बलबीर बजाड़, उमेद सिंह दहिया, सत्यवीर भुक्कल, मामनराम बाल्मीकि, मुकेश शर्मा ढाणीमाहु, राजेंद्र फोजी खानक, दिलबाग ढुल, राजेश गारनपुरा, योगेश पंघाल, रामधारी, युद्धवीर चैयरमेन, गुड्डू खरकड़ी, बिरसिंह दुल्हैड़ी, रत्नलाल, हरेंद्र सिंह, संदीप तरार, सत्यवान पप्पू, राजेश रतन सिंह, सूबेदार सुमेर सिंह ने भी चिंतन बैठक में अरावली बचाने के लिए अपने सुझाव और विचार रखे।
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