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Haryana: सत्र में कांग्रेस के विधायकों ने सबसे ज्यादा पूछे सवाल
शीतकालीन सत्र में कांग्रेस का ध्यानाकर्षण प्रस्ताव स्वीकार नहीं करने के मसले पर विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा- कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किया गया था, जिसमें उनके विधायकों ने सभी अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। इसके अलावा कांग्रेस के विधायकों को सबसे ज्यादा बोलने का मौका दिया गया। विधानसभा में आयोजित प्रेस वार्ता में आंकड़े रखते हुए कहा- शून्यकाल की कार्यवाही तीन दिन रही, जो 3 घंटे 18 मिनट चली। इस कार्यवाही में 70 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें कांग्रेस के 33 सदस्यों को 94 मिनट बोलने का मौका दिया गया। वहीं, भाजपा के 32 सदस्यों ने 91 मिनट तक अपनी बात रखी। इनेलो के 2 सदस्यों ने 6 मिनट तथा तीन निर्दलीय विधायकों ने 7 मिनट तक बात रखी।
इसी प्रकार प्रश्नकाल के दौरान 81 तारांकित प्रश्न स्वीकृत किए गए, जिनमें से ड्रा की प्रक्रिया के बाद 47 प्रश्नों के मौखिक जवाब कार्यवाही के दौरान दिए गए। इनमें कांग्रेस के 22, भाजपा के 14, इनेलो के 2 व 2 निर्दलीय विधायकों के प्रश्न शामिल थे। उन्होंने जानकारी दी कि कांग्रेस के 33 विधायकों की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ अनेक विषयों पर आधारित अविश्वास प्रस्ताव आया। इस प्रस्ताव पर 19 दिसंबर को चर्चा करवाई गई। 4 घंटे 40 मिनट चली इस चर्चा में 17 विधायकों ने भाग लिया। कांग्रेस के 8 विधायकों ने 87 मिनट तक विस्तार से अपनी बात रखी। भाजपा के 6 सदस्य 69 मिनट बोले जबकि सरकार की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह ने 109 मिनट में जवाब दिया। इनेलो के 2 सदस्य 15 मिनट बोले। इसके अलावा कांग्रेस के कई विधायकों ने तय समय में अपने सवाल नहीं दिए थे, नेता प्रति पक्ष के आग्रह पर उन विधायकों को शून्य काल में बोलने का मौका दिया गया। विधायकों को नेम किए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा- लोकतंत्र में संवाद का महत्व है। संवाद सार्थक होगा, तभी जनहित के काम हो सकेंगे। व्यवधान को कोई फायदा नहीं। नेम करना आखिरी स्थिति होती है।
एक हजार से ज्यादा दर्शकों ने देखी सत्र की कार्यवाही
स्पीकर ने कहा- सत्र के दौरान 16 विधेयक पारित किये गए। चुनाव सुधार से उत्पन्न हुई स्थिति और वंदे मातरम् जैसे राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। तीन दिन में आयोजित 4 बैठकों में कुल 23 घंटे 45 मिनट कार्यवाही चली, जिसकी कार्य उत्पादकता 100 प्रतिशत से अधिक रही। सत्र के दौरान सभी 74 विधायकों ने शिरकत की, इसमें मुख्यमंत्री, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मंत्रियों की संख्या अलग से है। 18 से 22 दिसंबर तक चले सत्र के दौरान विधायकों की सक्रियता दिखाई दी। सत्र के दौरान कुल 1058 दर्शक विधान सभा देखने पहुंचे, जिनमें 588 विद्यार्थी, 201 स्पीकर गैलरी और 269 दर्शक दीर्घा में थे। नेता प्रतिपक्ष के रूप में भूपेंद्र हुड्डा की नियुक्ति उपरांत विधान सभा में मान्यता मिलने की सूचना भी सदन में दी गई।
नई विधानसभा के लिए सभी विकल्पों पर मंथन
नई विधानसभा के पूछे भवन संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में स्पीकर ने बताया, सभी विकल्पों पर मंथन किया जा रहा है। उन्होंने खंडन करते हुए कहा- भवन संबंधी राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र की ओर से खारिज नहीं किया गया है। जब विधायकों की संख्या बढ़ेगी तो हमें नया भवन चाहिए होगा, इसलिए जो भी विकल्प हैं, उन पर विचार किया जा रहा है।
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