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अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर झज्जर पहुंची स्वास्थ्य मंत्री आरती राव
प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा कि कल तक पंजाब के मुख्यमंत्री हमारे मुख्यमंत्री को भाई कहते थे और अब वहीं भाई हरियाणा को उसके हक से वंचित कर रहा हैं। पंजाब को भाई का हक अदा करना चाहिए। वह शनिवार को लोक निर्माण विश्राम गृह में अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रही थी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के ज्यादा केस नहीं हैं। डरने की जरुरत नहीं हैं, लोगों को केवल ऐतिहात बरतने की जरुरत हैं। पीजीआई में कोरोना जांच मशीन दो साल से बंद होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब मेड इन इंडिया की जरुरत हैं मेड इन अमेरिका की जरुरत नहीं हैं। कल ही कोई भारतीय कंपनी से बात की जाएगी और लोगों को दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए आरती राव ने बताया कि अहिल्याबाई होलकर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चौंडी गाँव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। बचपन से ही वे धार्मिक, बुद्धिमान और परोपकारी स्वभाव की थीं। उनका विवाह मालवा राज्य के वीर शासक खांडेराव होलकर से हुआ। दुर्भाग्यवश कुछ ही वर्षों में उनके पति युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए और बाद में उनके ससुर मल्हारराव होलकर का भी निधन हो गया।
ऐसे कठिन समय में जब राज्य संकट में था, अहिल्याबाई ने हार मानने के बजाय साहस और विवेक के साथ शासन की बागडोर संभाली। सन् 1767 से 1795 तक उन्होंने मालवा राज्य पर शासन किया और उसे एक न्यायपूर्ण, धार्मिक और समृद्ध राज्य में परिवर्तित कर दिया।
उनका शासनकाल न्यायप्रियता, जनकल्याण और धार्मिक समर्पण की मिसाल बन गया। उन्होंने ना केवल मालवा में, बल्कि काशी, गया, सोमनाथ, द्वारका और रामेश्वर जैसे तीर्थस्थलों पर भी मंदिर, घाट, धर्मशालाएँ और कुएँ बनवाए। विशेष रूप से काशी का विश्वनाथ मंदिर, जिसका पुनर्निर्माण उन्होंने कराया, आज भी उनकी भक्ति और दृष्टिकोण का प्रतीक है।
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